Category: Election 2024

  • प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य रविवार शाम 7:15 बजे लेंगे शपथ

    प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य रविवार शाम 7:15 बजे लेंगे शपथ

    नई दिल्ली,। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम 7:15 बजे मंत्री परिषद के साथ पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय ने आज शाम इसकी जानकारी दी। राष्ट्रपति 09 जून को शाम 7.15 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए का नेता चुना गया। संविधान के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गठबंधन में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के समर्थन में अपना पक्ष रखा। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और गठबंधन के घटक दलों के नेता चंद्रबाबू नायडू नीतीश कुमार और अन्य ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। शाम को राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के तौर पर सरकार बनाने के लिए नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने रविवार को शपथ लेने का आग्रह किया। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति कार्यालय में आज शपथ ग्रहण समारोह की जानकारी दी।

  • पति द्वारा ठीकेदारों से की जा रही कमीशन खोरी के पत्रकारों सवाल पर जिलाध्यक्ष नुपुर् नही दे सकी जवाब

    पति द्वारा ठीकेदारों से की जा रही कमीशन खोरी के पत्रकारों सवाल पर जिलाध्यक्ष नुपुर् नही दे सकी जवाब


    मऊ। लोकसभा चुनाव के परिणाम के तीसरे दिन भाजपा कार्यालय पर मने जश्न के दौरान जिलाध्यक्ष भाजपा नूपुर अग्रवाल ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देने मे कंजूसी कर उनके पति गिरिराज अग्रवाल द्वारा ठीकेदार से काम दिलाने के नाम पर की जा रही वसूली पर मुहर लगा दी है।


    जिलाध्यक्ष भाजपा नूपुर अग्रवाल ने पत्रकारों के द्वारा कमीशन खोरी के सवाल का जबाब देते हुए कहा कि नीलम अग्रवाल ने चुनाव के तीन दिन पहले सपा उम्मीदवार राजीव राय को घर पर बुलाकर भोजन करने की बात कही।

    मजे कि बात यह रही कि पत्रकारों ने नूपुर अग्रवाल से कमीशन खोरी पर सवाल किया था, और जिलाध्यक्ष ने कामोशखोरी पर जबाव देने की जगह पर उत्तर को राजीव राय की ओर घुमा दिया गया।

    बहरहाल भाजपा मे आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, अभी तक भाजपा जिलाध्यक्ष नूपुर अपने उपर लगे कमीशन खोरी के सवाल के उत्तर मे कोई मजबूत आधार या कहे साक्ष्य नही दे सकी है।

  • लोस चुनाव: यूपी से ये सात महिलाएं संसद में करेंगी नेतृत्व, 80 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा चुनाव

    लोस चुनाव: यूपी से ये सात महिलाएं संसद में करेंगी नेतृत्व, 80 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा चुनाव

    लखनऊ। देश की सबसे बड़ी पंचायत में इस बार 7 महिला सांसद यूपी का प्रतिनिधित्व करेंगी। इनमें से सपा की सर्वाधिक पांच महिला सांसद चुनी गई हैं। इस बार प्रदेश की 80 सीटों पर कुल 851 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। इसमें 80 महिला उम्मीदवार शामिल थी। प्रमुख दलों में भाजपा ने 7, सपा ने 10, कांग्रेस ने एक, अपना दल (एस) ने दो और बसपा ने तीन महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था। बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी से 11 महिला सांसद चुनी गई थीं।

    2024 में 7 महिला सांसद करेंगी यूपी का प्रतिनिधित्व

    देश की संसद को सर्वाधिक 80 सांसद देने वाले प्रदेश का देश की संसद में 7 महिला सांसद प्रतिनिधित्व करेंगी। सपा से पांच, बीजेपी और अपना दल से एक-एक महिला सांसद विजयी हुई हैं। इनमें मथुरा से हेमामालिनी (बीजेपी), मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल (अपना दल सोनेलाल), मैनपुरी से डिम्पल यादव (सपा), बांदा से कृष्णा पटेल (सपा), मछलीशहर से प्रिया सरोज (सपा), मुरादाबाद से रुचिवीरा (सपा) और कैराना से इकरा हसन (सपा) शामिल हैं।

    एनडीए ने नौ महिला प्रत्याशियों को दिया टिकट

    एनडीए ने यूपी में नौ महिला प्रत्याशी उतारी हैं। जिसमें सात बीजेपी और दो सहयोगी अपना दल सोनेलाल की टिकट पर मैदान में अपनी किस्मत आजमाने उतरीं। बीजेपी की टिकट पर मथुरा से हेमा मालिनी, धौरहरा से रेखा वर्मा, अमेठी से स्मृति ईरानी, सुलतानपुर से मेनका गांधी, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, बाराबंकी से राजरानी रावत, लालगंज से नीलम सोनकर मैदान में थी। वहीं अपना दल सोनेलाल की टिकट पर मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल और राबर्ट्सगंज से रिंकी कोल मैदान में उतरी।

    सपा ने 10 और कांग्रेस ने एक महिला प्रत्याशी उतारा

    समाजवादी ने 11 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया। इसमें कैराना से इकरा हसन, मुरादाबाद से रुचि वीरा, मेरठ से सुनीता वर्मा, मैनपुरी से डिंपल यादव, हरदोई से ऊषा वर्मा, उन्नाव से अन्नू टंडन, गोंडा से श्रेया वर्मा, गोरखपुर से काजल निषाद, मछलीशहर से प्रिया सरोज और बांदा से कृष्णा पटेल शामिल हैं। गाजियाबाद से कांग्रेस ने गाजियाबाद से डॉली शर्मा को टिकट दिया।

    बसपा ने 3 महिला प्रत्याशी उतारे

    बहुजन समाज पार्टी ने सिर्फ तीन महिला प्रत्याशियों पर विश्वास जताया। इसमें आगरा से पूजा अमरोही, इटावा से सारिका सिंह बघेल और लालगंज से इंदू चौधरी है।

    2019 में यूपी से बनीं थी 11 महिला सांसद

    लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी से 11 महिला सांसद बनी थीं, जिसमें हेमा मालिनी मथुरा, केशरी देवी पटेल फूलपुर, मेनका गांधी सुलतानपुर, रेखा वर्मा धौरहरा, रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद, साध्वी निरंजन ज्योति फतेहपुर, संघ मित्रा मौर्य बदायूं, स्मृति ईरानी अमेठी, सोनिया गांधी रायबरेली, संगीता आजाद लालगंज, अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से जीती थीं। 2023 में मैनपुरी सीट पर हुए उपचुनाव में सपा से डिंपल यादव जीतकर दिल्ली पहुंची थी।

    11 सांसद 2014 में

    2014 में यूपी से अनुप्रिया पटेल- मिर्जापुर, हेमा मालिनी- मथुरा, डिम्पल यादव- कन्नौज, कृष्णा राज- शाहजहांपुर, मेनका गांधी- पीलीभीत, प्रियंका सिंह रावत- बाराबंकी, रेखा- धौरहरा, साध्वी निरंजन ज्योति- फतेहपुर, सावित्री बाई- बहराइच, सोनिया गांधी- रायबरेली, उमा भारती- झांसी से जीती थीं।

  • घोसी लोकसभा में एनडीए की हार पर मंथन शुरू

    घोसी लोकसभा में एनडीए की हार पर मंथन शुरू

    दो उपमुख्यमंत्री, तीन कैबिनेट मंत्री समेत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का मैराथन प्रयास भी नहीं आया काम

    मऊ। जिले की घोसी लोकसभा सीट पर एनडीए प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के पुत्र डॉ.अरविंद राजभर को सपा प्रत्याशी राजीव राय से 162943 वोटों से हार का मुंह खाना पड़ा। जीत का दम भरने वाले एनडीए नेताओं के लिए इस हार के बड़े मायने हैं।

    दो उपमुख्यमंत्री, तीन कैबिनेट मंत्री, दर्जन भर मंत्रियों समेत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हफ्तों तक इस लोकसभा क्षेत्र में कैंप किए, लेकिन उनका प्रयास धरा का धरा रह गया। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने एनडीए प्रत्याशी के लिए दिन-रात एक कर दिए, वहीं जिले से ही तीन कैबिनेट मंत्री एक शर्मा, दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर ने भी जनसभाओं से जनता के बीच लगातार बने रहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी यहां कार्यकर्ताओं को साधने में लग रहे, इसके बावजूद एनडीए उम्मीदवार को एक बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

    भाजपा नेतृत्व ने जहां सवर्ण वोटों को साधने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को मैदान में उतरा, वहीं ओबीसी वोटरों को साधने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मैदान में डटे रहे। चौहान वोटर संभालने का जिम्मा दारा सिंह चौहान को, जबकि राजभर वोटों को एकजुट रखने के लिए ओमप्रकाश राजभर ने जिम्मा संभाला। ए.के. शर्मा ने भी लगातार जनता के बीच हफ्तों कैंप करके भूमिहार और ओबीसी वोटों को साधने की कोशिश की। इन तमाम मंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों और दिग्गज नेताओं के कैंप करने के बावजूद सपा का पीडीए और संविधान बचाओ का नारा सभी नेताओं के कैंप पर हावी दिखा।

    उल्लेखनीय है कि एनडीए प्रत्याशी एवं कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे डॉक्टर अरविंद राजभर के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई को रतनपुर में विशाल रैली की। मुख्यमंत्री योगी ने 28 मई को रानीपुर के जनता इंटर कॉलेज मैदान में चुनावी जनसभाएं की और जनता से वोट की अपील की, लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चुनावी जनसभाओं का भी कोई असर नहीं दिखा।

  • घोसी की जनता को भाता रहा है भूमिहार सांसद, 14 बार रहा कब्जा

    घोसी की जनता को भाता रहा है भूमिहार सांसद, 14 बार रहा कब्जा

    मऊ। मंगलवार को लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे ने घोसी की जनता ने लोकसभा सीट पर फिर से भूमिहार जाति के राजीव राय को अपना सांसद चुनकर यह साबित कर दिया है कि इस सीट पर भूमिहार जाति का सांसद ही पसंद है।

    घोसी लोकसभा सीट पर अब तक हुए 19 चुनाव में 14 बार भूमिहार बिरादरी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। इसके अलावा इस सीट पर दो बार चौहान, दो बार राजभर और एक बार राजपूत जाति के प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया है। भूमिहार प्रत्याशियों में अलगू राय शास्त्री,जय बहादुर सिंह, झारखंडे राय, शिवराम राय, राजकुमार राय, कल्पनाथ राय और अतुल राय के बाद अब राजीव राय ने इस लिस्ट में अपना नाम दर्ज कर लिया है।

    इसके अलावा राजपूत बिरादरी से कांग्रेस के उमराव सिंह, चौहान जाति से बसपा के बालकृष्ण चौहान और दारा सिंह चौहान जबकि राजभर जाति से सपा के चंद्र देव राजभर और भाजपा के हरी नारायण राजभर ने इस सीट पर जीत हासिल की है।

    घोसी लोकसभा सीट पर सबसे दिलचस्प बात यह है कि अब तक 19 चुनाव में महज एक बार ही यहां से कमल खिला है। अथक प्रयासों के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के हरि नारायण राजभर को जीत हासिल हुई। इसके बाद 2019 में मोदी के प्रचंड लहर के बावजूद सीट पर बसपा के अतुल राय ने जीत का परचम लहराया था।

  • सत्तारूढ़ भाजपा 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी, एनडीए को पूर्ण बहुमत, इंडी गठबंधन 234 सीटों पर मजबूत

    सत्तारूढ़ भाजपा 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी, एनडीए को पूर्ण बहुमत, इंडी गठबंधन 234 सीटों पर मजबूत

    नई दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा की तस्वीर कमोबेश पूरी तरह साफ हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना के बाद रात 11 बजे तक जो परिणाम सामने आए हैं उसमें भारतीय जनता पार्टी 233 सीट पर जीत हासिल कर चुकी है और 7 पर आगे चल रही है। माना जा रहा है कि इसमें अब परिवर्तन होने की अधिक संभावना नहीं है। कुल मिलाकर भाजपा 240 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में वापसी कर रही है। पर बहुमत से 32 सीट पीछे है।

    वहीं दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस ने अपने पिछले प्रदर्शन से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। वह 90 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और 9 सीटों पर आगे है। कुल मिलाकर 99 सीटें कांग्रेस के खाते में जा रही हैं।

    सबसे बड़ा उलटफेर समाजवादी पार्टी ने किया है। उत्तर प्रदेश की यह पार्टी अब लोकसभा में तीसरी बड़ी ताकत होगी। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने 36 सीटें जीत ली हैं और वह एक सीट पर आगे है।

    वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का जादू बरकरार रहा। पिछली बार खेला होबे का नारा लगाने वाली तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा का खेला खराब कर दिया। तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की 42 में से 29 सीटें जीत ली हैं। यहां भाजपा की झोली में 11 सीटें गिरी हैं, जबकि 1 सीट पर वह आगे है जिसका परिणाम घोषित होना बाकी है।

    इनके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) 16, जनता दल (यूनाइटेड) 12 और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) 12 ही ऐसे दल हैं जो दहाई की संख्या में जीत सके हैं। डीएमके 6 और टीडीपी 4 सीटों पर आगे चल रहे हैं।

    भारतीय जनता पार्टी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा है। यहां वह पिछली 63 सीटों में से 30 घटकर 33 पर सिमट गई है। यहां समाजवादी पार्टी को 29 सीटों का फायदा हुआ है जबकि कांग्रेस 1 सीट से बढ़कर 6 सीटों पर पहुंच गई। इसके अलावा महाराष्ट्र में भी एनडीए को निराशा हाथ लगी है। यहां असली बनाम नकली पार्टी के मामले में शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टिंयों को लोगों ने अधिक जनमत दिया है।

    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर इतिहास दोहराया है और सातों सीटें जीत ली हैं।

  • लोकसभा चुनाव 2024-दलीय स्थिति

    लोकसभा चुनाव 2024-दलीय स्थिति

    नई दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में हुए मतदान की चार जून सुबह प्रारंभ हुई मतगणना मध्य रात्रि पूरी हुई। रात दो बजकर 20 मिनट पर सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों के परिणाम घोषित हुए। घोषित परिणामों में किसी भी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है। चुनाव पूर्व घोषित भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कुल 294 सीट प्राप्त हुई हैं। इस चुनाव में कांग्रेस सैकड़ा भी पार नहीं कर पाई और उसे 99 सीट पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के इंडी गठबंधन को कुल 232 सीट प्राप्त हुई हैं।

    अंतिम व घोषित परिणामों के अनुसार नवगठित लोकसभा में दलीय स्थिति इस प्रकार होगी-

    भाजपा-240

    कांग्रेस-99

    सपा-37

    तृणमूल कांग्रेस-29

    डीएमके-22

    टीडीपी-16

    जेडीयू-12

    शिवसेना (यूबीटी)-09

    एनसीपी (शरद पवार)-08

    शिवसेना (शिंदे)-07

    एलजेपी-05

    वाईएसआरसीपी-04

    आरजेडी-04

    सीपीआईएम-04

    इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग-03

    आम आदमी पार्टी-03

    झारखंड मुक्ति मोर्चा-03

    जनसेना पार्टी-02

    सीपीआई (एमएल)-02

    वीसीके-02

    जेडीएस-02

    सीपीआई-02

    आरएलडी-02

    जेएंडके नेशनल कांग्रेस-02

    यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी-01

    असम गण परिषद-01

    हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-01

    केरला कांग्रेस-01

    आरएसपी-01

    एनसीपी-01

    वाइस ऑफ पीपुल्स पार्टी-01

    जारम पीपुल्स मूवमेंट-01

    शिरोमणि अकाली दल-01

    राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी-01

    भारत आदिवासी पार्टी-01

    सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा-01

    एमडीएमके-01

    आजाद समाज पार्टी-01

    अपना दल (सोनेलाल)-01

    एजेएसयू पार्टी-01

    एआईएमआईएम-01

    निर्दलीय-07

  • बंगाल में सबसे कम वोटोंं के अंतर से जीतने वाले नेता रहे सौमित्र खान

    बंगाल में सबसे कम वोटोंं के अंतर से जीतने वाले नेता रहे सौमित्र खान

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से बिष्णुपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के सौमित्र खान की जीत सबसे कम वोटों के अंतर से रही है। उनकी पूर्व पत्नी एवं तृणमूल की उम्मीदवार सुजाता मंडल के बीच हुए चुनावी मुकाबले में हार-जीत का अंतर सबसे कम रहा।

    निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सौमित्र खान ने बिष्णुपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर केवल पांच हजार 567 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सुजाता मंडल को हराकर यह जीत दर्ज की।

    इस सीट के लिए मतों की गिनती के दौरान दोनों ही दलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली, जिसमें कई बार दोनों उम्मीदवार एक-दूसरे से कुछ हजार वोटों से बढ़त बनाते हुए देखे गए।

    खान ने 2014 में तृणमूल उम्मीदवार के रूप में बिष्णुपुर से जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पाला बदलकर 2019 में दूसरी बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में 78 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।

    दिलचस्प बात ये है कि सुजाता (जो उस समय उनकी पत्नी थीं) ने ही 2019 के चुनावों में खान के लिए प्रचार किया था।

    इस दौरान खान को बांकुड़ा जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी, जिसके अंतर्गत बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह स्थित हैं।

    कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुसार, खान के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में उन्हें अग्रिम जमानत देने की यह शर्त रखी गई थी।

    सुजाता मंडल दिसंबर 2020 में तृणमूल में शामिल हो गईं थीं। उन्होंने दावा किया था कि 2019 के चुनावों में अपने पति को जिताने के लिए उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की, फिर भी उन्हें भाजपा में उचित महत्व नहीं मिला।

    आरामबाग बंगाल का एकमात्र ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां इस लोकसभा चुनाव में हार-जीत का अंतर पांच अंकों से कम रहा है।

    हुगली जिले की इस सीट पर तृणमूल की मिताली बाग ने भाजपा के अरूप कांति दीगर को छह हजार 399 मतों के अंतर से हराया है।

  • घोसी सीट से हार के बाद सुभासपा और भाजपा मे दरार के आसार, घटक दलो की बैठक में ओपी को नही मिला निमंत्रण

    घोसी सीट से हार के बाद सुभासपा और भाजपा मे दरार के आसार, घटक दलो की बैठक में ओपी को नही मिला निमंत्रण

    — बीते ५ जून को दिल्ली मे भाजपा घटक दलों की बैठक मे भाजपा ने सुभासपा को नही दिया निमंत्रण

    — हार के बाद, भाजपा द्वारा सुभासपा को कभी भी गठबंधन से अलग करने की हो सकती है अधिकारिक घोषणा

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)

    मऊ। घोसी लोकसभा चुनाव मे समाजवादी पार्टी के हाथों करारी हार का स्वाद चखने के बाद सुभसपा से भाजपा कन्नी काटने लगी है। योगी सरकार मे मंत्री बनने और घोसी लोकसभा सीट से गठबंधन द्वारा उनके बेटे अरविन्द राजभर को टिकट देने के बाद भाजपा ने अरविन्द को चुनाव हारते ही सुभसपा से दूरी बनानी शुरु कर दी है।

    तीसरी सरकार के निर्माण पूर्व भाजपा घटक दलो की दिल्ली मे हुई बैठक मे ओपी राजभर को नही बुलाया जाना, सुभासपा और भाजपा के संबंधो मे संशय पैदा करता देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है की सुभासपा का राजभर मतदाताओं को लेकर प्रदर्शित बड़बोलापन अब भाजपा को खोखला दिखने लगा है।

    ओपी राजभर को भाजपा द्वारा उनको घोसी विधानसभा सीट से दरा सिंह चौहान को जिताने और इसमे मिली हार के बाद घोसी लोकसभा सीट मे अरविन्द को जिताने की जिम्मेदारी दी थी, सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर भाजपा द्वारा दी गई इन दोनो जिम्मेदारियों के निर्वहन मे फेल हुए।

    सुभासपा को मिली इन दोनो असफलताओ को लोग सुभासपा की दुर्गति मान रहे है। बताते चले कि घोसी लोकसभा सीट पर सुभसपा के अरविन्द राजभर को समाजवादी पार्टी के राजीव राय ने करीब करीब डेढ़ लाख मतो से हराया है।

    हालाँकि ओम प्रकाश राजभर या फिर भाजपा की ओर से सुभसपा को भाजपा के घटक दल मानने या फिर उन्हे बाहर का रास्ता दिखाने को लेकर कोई अधिकारिक बयान अभी तक नही आया है लेकिन घटक दलों की बैठक मे ओपी को न बुलाने की राजनितिक गलियारी मे भाजपा और सुभसपा के बींच संशय के रूप मे मान रहे है

  • मऊ मे जिलाध्यक्ष भाजपा नूपुर अग्रवाल के बूथ पर सपा रही भारी

    मऊ मे जिलाध्यक्ष भाजपा नूपुर अग्रवाल के बूथ पर सपा रही भारी


    (ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)


    मऊ। नूपुर अग्रवाल बतौर जिलाध्यक्ष भाजपा पार्टी विरोधी गतिविधियों मे शामिल है। यह खरी दुनिया नही, उनके बूथ पर पड़े मतदानो की संख्या खुलासा कर रहा है।


    राजनीतिक गलियारों की माने तो बतौर भाजपा जिलाध्यक्ष नूपुर अग्रवाल ने पदासीन होते ही पार्टी के नाम पर पैसा बनाने का खेल किया।

    इस दौरान नूपुर ने कई भाजपाइयो को बेइज्जत किया और उनके पदो से ही नही हटाया बल्कि पार्टी विरोधी राजनीति मे गैर भाजपाइयों को मतदान पर जोर दिया है।

    नगर मे पोलिंग स्टेशन संख्या १५८ पर उन्होंने समाजवादी नेता के पक्ष मे २५० मतो का दान कराया है।