Category: Election 2024

  • प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई में पहले चरण के चुनाव प्रचार का करेंगे शंखनाद

    प्रधानमंत्री मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई में पहले चरण के चुनाव प्रचार का करेंगे शंखनाद

    पटना (बिहार)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार अप्रैल को बिहार के जमुई जिले में आयेंगे। प्रधानमंत्री जमुई के खैरा प्रखंड अंतर्गत नरियाना पुल के समीप खाली भूखंड पर चुनावी सभा को संबोधित कर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में एनडीए के जीत का शंखनाद करेंगे।

    भाजपा के जिलाध्यक्ष कन्हैया कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनडीए उम्मीदवार अरुण कुमार भारती के समर्थन में जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत नरियाना पुल के समीप खाली भूखंड पर चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। चुनावी सभा के बाद वे अन्यत्र स्थान के लिए रवाना होंगे।

    उल्लेखनीय है कि एनडीए समर्थित लोजपा रामविलास के उम्मीदवार अरुण कुमार भारती का चुनावी मुकाबला महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी अर्चना कुमारी से है। पीएम मोदी अरुण कुमार भारती के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट है।

  • भाजपा ने जारी की 11 उम्मीदवारों की आठवीं सूची, हंस राज हंस को मिला मौका

    भाजपा ने जारी की 11 उम्मीदवारों की आठवीं सूची, हंस राज हंस को मिला मौका

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की आठवीं सूची जारी की। इस सूची में ओडिशा के लिए तीन, पंजाब के लिए छह और पश्चिम बंगाल के लिए दो उम्मीदवार घोषित किए हैं। इस सूची में हंस राज हंस, पूर्व राजनयिक तरणजीत सिंह संधू और भर्तृहरि महताब का नाम शामिल है।

    पंजाब से आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुशील रिंकू को पंजाब के जालंधर सीट से तथा कांग्रेस का दामन छोड़कर इस पार्टी में शामिल रवनीत सिंह बिट्टू एवं परनीत कौर को क्रमश: लुधियाना और पटियाला सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके साथ उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद रहे हंस राज हंस को फरीदकोट से और सनी देओल का टिकट काट कर दिनेश सिंह बब्बू को गुरुदासपुर से उम्मीदवार बनाया गया है।

    बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए भर्तृहरि महताब को ओडिशा के कटक से टिकट दिया गया है। वह कटक से निवर्तमान सांसद और बीजद के संस्थापक सदस्य हैं। कंधमाल से सुंकात कुमार पाणिग्रही को उम्मीदवार बनाया गया है। जाजपुर से डॉ रविन्द्र नारायण बेहरा को उम्मीदवार बनाया गया है।

    पश्चिम बंगाल की बीरभूम संसदीय सीट से भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी देवाशीष धर को टिकट दिया है। पार्टी ने झाड़ग्राम से प्रणत टुडू को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अब तक 411 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

  • पंजाब में आम आदमी पार्टी को दोहरा झटका, एक सांसद और एक विधायक भाजपा में शामिल

    पंजाब में आम आदमी पार्टी को दोहरा झटका, एक सांसद और एक विधायक भाजपा में शामिल

    नई दिल्ली,। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) को दोहरा झटका दिया है। आप के जालंधर के सांसद सुशील कुमार रिंकू और जालंधर पश्चिमी से विधायक शीतल अंगुराल बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं। दोनों नेताओं ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

    इन दोनों को भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और पंजाब प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।

    इस मौके पर आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। हर क्षेत्र से जुड़े लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं और परिवार का हिस्सा बन रहे हैं। सुशील कुमार रिंकू और शीतल अंगुराल का मैं स्वागत करता हूं।”

    भाजपा में शामिल होने के बाद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कार्यशैली से काफी प्रभावित हुए हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले शीतल अंगुराल ने कहा कि अब आम आदमी पार्टी को बेनकाब करने का समय आ गया है। आप ने पंजाब के लोगों से झूठ बोला है। मैं जल्द ही सबूत लाऊंगा।

    सुशील कुमार रिंकू जालंधर से आप के 2023 से सांसद हैं और पिछले एक साल से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके पहले वे 2017 में कांग्रेस से सांसद थे। 2022 में रिंकू कुमार काे शीतल अंगुराल ने हराया था। फिलहाल, शीतल अंगुराल जालंधर पश्चिमी से आप के विधायक हैं।

  • लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने उतारे 40 स्टार प्रचारक

    लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने उतारे 40 स्टार प्रचारक

    लखनऊ। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को जारी की है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम सबसे ऊपर है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम हैं।

    उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चुनाव प्रचार करते हुए दिखेंगे। इनके नाम भी स्टार प्रचारक की सूची में शामिल किये गये हैं।

    स्टार प्रचारक सूची में भाजपा की ओर से उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी विजयंत पांडा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल, केंद्रीय मंत्री व अमेठी सीट से उम्मीदवार स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नाम भी शामिल किये गये हैं।

    इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार में सक्रिय दिखने वाले एसपी सिंह बघेल, बीएल वर्मा, संजीव कुमार बालियान, डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई, धर्मपाल सिंह, जयवीर सिंह, नरेंद्र कश्यप, असीम अरुण, कपिलदेव अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नागर, चौधरी लक्ष्मी नारायण, सुनील शर्मा, बेबी रानी मौर्य, हेमा मालिनी, मुख्तार अब्बास नकवी, सोमेंद्र तोमर, जसवंत सैनी, दानिश आजाद, गीता शाक्य, अश्वनी त्यागी, सुभाष यदुवंश, सत्येंद्र सिसोदिया, संतोष सिंह, दुर्विजय सिंह शाक्य को भी सूची में शामिल किया गया है।

  • लोस चुनाव : मीरजापुर में अब तक कोई दल नहीं लगा पाया जीत का हैट्रिक

    लोस चुनाव : मीरजापुर में अब तक कोई दल नहीं लगा पाया जीत का हैट्रिक

    वाराणसी। मीरजापुर लोकसभा सीट का अब तक का इतिहास रहा है कि यहां से कोई दल जीत का हैट्रिक नहीं लगा पाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लहर में लोकसभा के पांचों विधानसभा सीट छानवे, मीरजापुर,मंझवा,चुनार और मड़िहान पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों का कब्जा है। ऐसे में वर्तमान सांसद और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पास इतिहास रचने कर अवसर है।

    मीरजापुर सीट से चुने पहले सांसद कांग्रेस के जॉन एन विल्सन से लेकर दस्यु सुंदरी फूलन देवी, अजीज इमाम, वीरेंद्र सिंह, उमाकांत मिश्र को भी इस सीट से दो-दो बार जीत मिली है। देश के पहले आम चुनाव 1952 और दूसरे 1957 में कांग्रेस के टिकट पर जॉन एन विल्सन जीते थे। पिछड़ा,दलित,आदिवासी बाहुल्य वाली इस संसदीय सीट पर 1962 में कांग्रेस के पं.श्यामधर मिश्र ने जीत दर्ज कर पार्टी का दबदबा बरकरार रखा। 1967 में जनसंघ के वंश नारायण सिंह ने कांग्रेस से सीट छिन ली। अगले आम चुनाव 1971 में कांग्रेस के अजीज इमाम ने फिर इस सीट को पार्टी के झोली में डाल दिया। फिर इमरजेंसी का दौर आया तो 1977 में जनता पार्टी के फकीर अली अंसारी ने फतह हासिल की। लेकिन जनता पार्टी सीट को अपने कब्जे में नहीं रख पाई।

    वर्ष 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की वापसी हुई तो यहां अजीज इमाम फिर से सांसद चुने गए। अगले साल उपचुनाव में कांग्रेस के ही उमाकांत मिश्र ने सीट जीती। 1984 में उमाकांत मिश्र दूसरी बार सांसद बने। विश्वनाथ प्रताप सिंह की लहर में 1989 में जनता दल के युसूफ बेग यहां से सांसद चुने गए। फिर आया राममंदिर आंदोलन का दौर तो ये सीट 1991 में भाजपा के खाते में आ गई और वीरेंद्र सिंह सांसद बने। 1996 में सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने दस्यु सुंदरी फूलन देवी को यहां से उतारा और वह सांसद बनीं। दो साल बाद ही दोबारा चुनाव होने पर भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने यह सीट सपा से छीन ली। एक साल बाद 1999 में सपा की फूलन देवी ने फिर जीत हासिल की। फिर 2002 में रामरति बिंद सांसद बने। 2004 के चुनाव में बसपा के नरेंद्र कुशवाहा सांसद चुने गए। 2007 में रमेश दुबे और 2009 में सपा के बाल कुमार पटेल सांसद बने।

    इसके बाद मोदी लहर में 2014 और 2019 में इस सीट पर अपना दल सोनेलाल की अनुप्रिया पटेल ने जीत का परचम लहराया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा के गठबंधन के बाद भी भाजपा गठबंधन की अनुप्रिया पटेल को 5 लाख 91 हजार 564 वोट मिला। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रामचरित्र निषाद को 3 लाख 59 हजार 556 मत और कांग्रेस के प्रत्याशी ललितेश पति त्रिपाठी को केवल 91 हजार 501 मत ही मिल पाया था। इस चुनाव में अनुप्रिया पटेल को 53.34 प्रतिशत मत मिला था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल को 4,36,536 मत कुल 42.32 फीसदी मत मिला था। दूसरे स्थान पर बसपा की समुद्रा बिंद को 2,17,457 लगभग 21.58 फीसदी मत मिला था। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी रहे। ललितेश को 1,52,666 कुल 15.15 फीसदी मत मिला था।

  • चमोली में मतदेय स्थलों की संख्या घटकर हुई 584

    चमोली में मतदेय स्थलों की संख्या घटकर हुई 584

    गोपेश्वर। जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली ने बताया कि तीनों विधान सभा क्षेत्र पहले मतदेय स्थलों की संख्या 592 थी, लेकिन नौ माइग्रेट मतदेय स्थलों के समायोजन और एक नये मतदेय स्थल बनने के बाद अब यह संख्या घटकर 584 हो गई है।

    जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि लोकसभा चुनाव के सफलतापूर्वक संपादित करने के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों बदरीनाथ, थराली और कर्णप्रयाग के क्षेत्रान्तर्गत स्थापित मतदेय स्थलों के भवन क्षतिग्रस्त या जीर्ण-शीर्ण होना, विद्यालयों के उच्चीकरण होने पर मतदेय स्थलों के नाम में परिवर्तन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त बदरीनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत अधिक ऊंचाई वाले हिमाच्छादित नौ मतदेय स्थलों माणा, नीती, गमशाली, कैलाशपुर, जेलम, कोषा, जुम्मा, द्रोणागिरी और मलारी के कुल 3821 मतदाताओं को जिले की तीनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उनके शीतकालीन निवास स्थान के निकटतम मतदेय स्थलों पर मतदान की सुविधा के लिए 40 मतदेय स्थलों में संबद्ध करने और मतदेय स्थल संख्या-86अ राजकीय इंटर कालेज माणा घिंघराण कक्ष संख्या-2 में सहायक मतदेय स्थल बनाए जाने की स्वीकृति मिल गई है।

    बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माइग्रेट नौ मतदेय स्थलों को अन्य मतदेय स्थलों में संबद्ध करने और एक सहायक मतदेय स्थल बनने के बाद अब कुल 202 कार्यकारी मतदेय स्थल रह जाएंगे। जनपद की तीनों विधानसभा में कुल 592 मतदेय स्थलों में से नौ मतदेय कम होने और एक सहायक मतदेय स्थल बनने से कुल 584 कार्यकारी मतदेय स्थल रह जाएंगे। इस प्रकार बदरीनाथ विधानसभा में 202, थराली विधानसभा में 203 और कर्णप्रयाग में 179 मतदेय स्थल होंगे।

  • आचार संहिता लागू होने के बाद संदिग्ध वस्तुओं और धन जब्ती का आंकड़ा 150 करोड़ रुपये के पार

    आचार संहिता लागू होने के बाद संदिग्ध वस्तुओं और धन जब्ती का आंकड़ा 150 करोड़ रुपये के पार

    जयपुर। राजस्थान में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने मार्च महीने की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि के रूप में लगभग 248 करोड़ रुपये कीमत की जब्तियां की हैं। निर्वाचन विभाग के निर्देश पर लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई वस्तुओं की कीमत 150 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश भर में लगातार जब्ती की कार्रवाई की जा रही है।

    सात जिलों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती

    गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में 7 जिलों में 10-10 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की संदिग्ध वस्तुएं अथवा नकद बरामद हुआ है। इनमें जोधपुर, पाली, जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, गंगानगर और बाड़मेर जिले शामिल है। जिला वार आंकड़ों के अनुसार, सर्वाधिक लगभग 32.88 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती जोधपुर में हुई है। साथ ही, लगभग 18.61 करोड़ रुपये की जब्ती के साथ पाली दूसरे स्थान पर है। जयपुर में 17.63 करोड़ रुपये, उदयपुर में 13.70 करोड़ रुपये, भीलवाड़ा में 13.08 करोड़ रूपये, गंगानगर में 12.65 करोड़ और बाड़मेर में 11.17 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती की जा चुकी है।

  • दक्षिण गुजरात की 5 लोकसभा सीटों के लिए 8556 मतदान केन्द्र बनेंगे

    दक्षिण गुजरात की 5 लोकसभा सीटों के लिए 8556 मतदान केन्द्र बनेंगे

    सूरत। गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए 7 मई को एक साथ सभी 26 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग इसकी तैयारियों में जुटा है, जिससे सभी मतदाता अपने मताधिकार का अच्छे से उपयोग कर सके। मतदान केंद्रों से लेकर विशेष मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिससे दिव्यांगों, महिलाओं और नए मतदाताओं को मतदान के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके।

    राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार दक्षिण गुजरात की सूरत, भरुच, वलसाड, नवसारी और बारडोली लोकसभा सीटों के लिए कुल 8586 मतदान केंद्र और पूरक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सूरत संसदीय क्षेत्र में शामिल ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत उत्तर, वराछा रोड, करंज, कतारगाम और सूरत पश्चिम विधानसभा इलाकों में कुल 1648 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें 12 पूरक मतदान केंद्र भी होंगे। बारडोली संसदीय सीट में मांगरोल, मांडवी, कामरेज, बारडोली और महुवा विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां कुल 1585 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें 24 पूरक मतदान केंद्र होंगे।

    इसके अलावा नवसारी लोकसभा सीट में सूरत के शहरी क्षेत्र लिंबायत, उधना, मजूरा, चौर्यासी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलालपोर, नवसारी, गणदेवी और वांसदा मिलाकर कुल 2074 मतदान केंद्र स्थापित होंगे। भरुच लोकसभा सीट अंतर्गत करजण में 239, डेडियापाड़ा में 313, जंबूसर में 272, वागरा में 249, झगड़ियां में 313, भरुच में 260, अंकलेश्वर में 247 मिलाकर कुल 1893 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। वलसाड सीट अंतर्गत धरमपुर में 278, वलसाड में 266, पारडी में 243, कपराडा में 298 और उमरगाम में 271 मिलाकर कुल 1356 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

  • लोकसभा 2024 : कांग्रेस से आया ब्राह्मण प्रत्याशी, अजय कपूर भाजपा की करेंगे भरपाई!

    लोकसभा 2024 : कांग्रेस से आया ब्राह्मण प्रत्याशी, अजय कपूर भाजपा की करेंगे भरपाई!

    – भाजपा ने अभी तक नहीं उतारा उम्मीदवार, समीकरणों पर हो रहा विचार

    – लगातार छह बार से वैश्य उम्मीदवार श्रीप्रकाश जायसवाल को उतारती रही कांग्रेस

    कानपुर,)। लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है और प्रथम चरण के तहत सीटों पर नामांकन प्रक्रिया भी शुरूहो गई है, लेकिन कानपुर नगर लोकसभा सीट पर अभी तक भाजपा ने उम्मीदवार नहीं उतारा। वहीं देर रात कांग्रेस ने लगातार छह बार से वैश्य उम्मीदवार रहे श्रीप्रकाश की जगह ब्राह्मण चेहरा उतार दिया। इन सबके बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं कि कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को उम्मीदवार बनाकर भाजपा के वोटों में सेंध लगाने का काम कर दिया। तो वहीं भाजपा कांग्रेस की इस चाल को पहले ही समझ गई थी और कांग्रेस से तीन बार विधायक रहे राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर को हाल ही में अपने पाले में कर लिया। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि ब्राह्मण उम्मीदवार आने से जो वोट कटेगा उसकी भरपाई अजय कपूर के जरिये हो जाएगी और कानपुर सीट पर एक बार फिर भाजपा की ही जीत होगी।

    राम मंदिर आंदोलन से उपजी आस्था और संघ की शहर में अच्छी पैठ होने से 1991 में पहली बार कानपुर नगर लोकसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही। यही नहीं, जीत का अंतर करीब 28 प्रतिशत मतों का रहा और ब्राह्मण उम्मीदवार जगतवीर सिंह द्रोण संसद पहुंचने में सफल रहे। इसके बाद 1996 और 1998 में भी संसद में कानपुर का जनप्रतिनिधित्व द्रोण ने ही किया। हालांकि उनके पक्ष में मतदान प्रतिशत कम होता चला गया और अन्तत: 1999 में कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल ने शिकस्त दे दी। 1998 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल पर कांग्रेस बराबर भरोसा जताती रही और पिछले लोकसभा चुनाव तक कुल छह बार उम्मीदवार बनाया। इसमें पहली बार को छोड़कर लगातार तीन बार उन्हें जीत मिली और इधर भाजपा लहर में दो लोकसभा चुनावों में ब्राह्मण उम्मीदवार क्रमश: डॉ. मुरली मनोहर जोशी और सत्यदेव पचौरी से उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा था। इस बीच वह यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से अबकी बार उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया और इसके संकेत उन्होंने पिछले चुनाव में हार के दौरान ही दे दिया था। ऐसे में अजय कपूर का धड़ा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया।

    यहां यह भी बता दें कि कानपुर में पिछले तीन दशक से कांग्रेस में श्रीप्रकाश जायसवाल और अजय कपूर ही सर्वमान्य नेता रहे और दोनों में एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ भी बनी रहती थी। अजय कपूर के अलावा आलोक मिश्रा पिछले पांच वर्ष से चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए थे। माना जा रहा था कि इन्हीं दोनों के बीच में कांग्रेस किसी एक को टिकट देगी, हालांकि उम्मीदवार तो अन्य भी रहे। इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे अजय कपूर ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में लगभग पूरी तरह से साफ हो गया था कि 1996 के बाद कांग्रेस एक बार फिर ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है और उनमें प्रमुख दावेदारों में आलोक मिश्रा का नाम सबसे आगे रहा, देर रात उनके नाम पर मुहर भी लग गई।

    अजय कपूर करेंगे भरपाई

    औद्योगिक नगरी कानपुर नगर लोकसभा सीट पर अबकी बार किसके सिर पर ताज सजेगा, इसका अनुमान लगाना नामुमकिन है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में बैठाए जा रहे समीकरण काफी कुछ कह रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी यह समझ चुकी थी कि अबकी बार कांग्रेस से ब्राह्मण उम्मीदवार ही आएगा। जिससे अजय कपूर के गुट की उम्मीदों पर पानी फिरेगा। इस बात को अजय कपूर भी भांप चुके थे तभी हाल ही में दिल्ली में उन्होंने भाजपा को अपना लिया। अजय कपूर के भाजपा में आने से यह चर्चाएं शुरू हुईं कि भाजपा अजय कपूर को उम्मीदवार बना सकती है। लेकिन विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि अजय कपूर को टिकट नहीं मिलेगा उनके लिए दूसरे विकल्प हैं। यह भी बताया जा रहा है कि अजय कपूर को इसीलिए भाजपा में लाया गया कि कांग्रेस के ब्राह्मण उम्मीदवार होने से जितना वोट भाजपा से कटेगा उससे कहीं अधिक अजय कपूर भरपाई कर देंगे और एक बार फिर कानपुर नगर लोकसभा सीट पर कमल ही खिलेगा। भाजपा का यह तर्क पूरी दमखम के साथ सटीक बैठता भी है, क्योंकि अजय कपूर गोविन्द नगर और किदवई नगर विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके साथ ही शहर में उनकी अच्छी खासी पहचान है और जनता उन्हें पसंद भी करती है। हालांकि उनका कोई जातीय समीकरण नहीं है और सिंधी समाज से आते हैं, लेकिन बड़े कारोबारी होने के नाते लोगों को आर्थिक सहयोग भी बहुत करते हैं और सभी के दुख- सुख में शामिल होने का उनका प्रयास रहता है। इन्हीं सब वजहों से उनका शहर में उतना वोटर है कि हार जीत का समीकरण बना बिगाड़ सकते हैं।

  • लोकसभा चुनाव : कूचबिहार में भाजपा को मिल सकता है तृणमूल के अंतर्कलह का लाभ

    लोकसभा चुनाव : कूचबिहार में भाजपा को मिल सकता है तृणमूल के अंतर्कलह का लाभ

    कोलकोता। बांग्लादेश की सीमा पर स्थित पश्चिम बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट पर इस बार विभिन्न कारणों से दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है। कूचबिहार से भाजपा सांसद एवं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक ने पहले ही प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी आगामी चुनावों के लिए अपनाई जाने वाली प्रचार शैली को लेकर थोड़े भ्रमित नजर आ रहे हैं।

    कूचबिहार में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। वहां 18 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी पार्टी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। पार्टी के एक हाई प्रोफाइल विधायक एवं पूर्व जिला अध्यक्ष के समर्थकों के बीच जारी खींचतान चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। इस कारण भाजपा के हैवीवेट उम्मीदवार के खिलाफ एक सुनियोजित अभियान की कमी दिख रही है। तृणमूल कांग्रेस ने जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से एक, सिताई के मौजूदा विधायक जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया को मैदान में उतारा है। बसुनिया को पहले से ही जिले में पार्टी की अंदरूनी कलह का आभास होने लगा है। पार्टी के कई दिग्गज नेता कैंपिंग रैलियों और नुक्कड़ सभाओं से नदारद हैं।

    तृणमूल के एक नेता पूर्णचंद्र सिन्हा ने बताया कि पार्टी के बुरे वक्त में तृणमूल कांग्रेस के साथ रहने के बावजूद पिछले साल पंचायत चुनाव के बाद से जिले के कई वरिष्ठ नेताओं को गतिविधियों से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिए इस बार हमने खुद को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखने का फैसला किया है। इसी तरह की राय पार्टी के किसान मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष जुलजेलाल मियां ने भी व्यक्त की। एक शाखा संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष होने के बावजूद पार्टी के जिला नेतृत्व द्वारा उनके सुझावों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा था। यही कारण है कि हम चुनावी गतिविधियों से दूर रह रहे हैं, हालांकि भावनात्मक रूप से मैं अभी भी तृणमूल कांग्रेस के साथ हूं। हालांकि, बसुनिया खुद इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि सीएए पर हालिया अधिसूचना आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी क्योंकि राजबंशी समुदाय इससे नाराज हैं।

    इंडी गठबंधन में भी एकजुटता नहीं-

    वाम मोर्चा के घटक दल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने जिले के अनुभवी पार्टी नेता नीतीश चंद्र रॉय को मैदान में उतारा है, जो छात्र राजनीति से पार्टी में आगे बढ़े हैं। यह स्वीकार करते हुए कि जिले में उनकी पार्टी का संगठनात्मक नेटवर्क सही स्थिति में नहीं है, रॉय ने कहा कि वह बड़ी रैलियों या बैठकों के बजाय घर-घर अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

    कूचबिहार लंबे समय तक ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का एक मजबूत गढ़ रहा था। वहां के लोगों ने 1977 और 2009 के बीच वाम मोर्चा के इस घटक दल को लगातार दस बार जीत दिलाई थी। वर्ष 2009 में तृणमूल कांग्रेस की लहर के बीच भी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार नृपेंद्र नाथ रॉय 41 हजार से अधिक वोटों के अंतर से निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनावों में पैटर्न बदल गया। तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार रेणुका सिन्हा करीब एक लाख वोटों के अंतर से चुनी गईं। इस सीट पर 2016 के उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार पार्थ प्रतिम रॉय ने जीत का अंतर बढ़ाकर चार लाख से अधिक कर दिया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के निशिथ प्रमाणिक 50 हजार से अधिक मतों के अंतर से विजयी रहे।

    कांग्रेस ने भी उतारा उम्मीदवार-

    पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान वाम दलों और कांग्रेस के बीच तालमेल की बात की जा रही थी लेकिन तमाम आपसी सहमति को दरकिनार कर कांग्रेस ने यहां से प्रिया राय चौधरी को उम्मीदवार बना दिया है। इसकी वजह से भाजपा विरोधी वोट एकजुट होने के बजाय तीन जगहों पर बंटेगा और निशिथ प्रमाणिक को इसका लाभ मिल सकता है।