Category: Election 2024

  • आजमगढ़ में बोले धर्मेन्द्र यादव, वर्ष 2022 में भाजपा की एक्सीडेंटल जीत हुई

    आजमगढ़ में बोले धर्मेन्द्र यादव, वर्ष 2022 में भाजपा की एक्सीडेंटल जीत हुई

    आजमगढ व लालगंज लोकसभा सीट एक तरफा जीतेगी सपा

    आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के नेता एवं आजमगढ़ सदर लोकसभा से प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव गुरूवार को आजमगढ़ जनपद पहुंचे। टिकट घोषित होने के बाद जनपद में पहली बार पहुंचे धर्मेन्द्र यादव का पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने फूलमालाओं से स्वागत किया। इस दौरान मंदुरी हवाई अड्डे के समीप आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान धर्मेन्द्र यादव ने आजमगढ़ की कांतिकारी धरती को नमन करते हुए कहा कि स्थानीय नेताओं व राष्टीय अध्यक्ष को भरोसा दिलाया वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगें।

    धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ के विकास की एक-एक ईंट पर नेताजी या अखिलेश यादव का नाम लिखा हुआ है। आजमगढ़ में भाजपा की जीत एक्सीडेंटल थी, सासंद निरहुआ स्क्रिप्ट के आधार पर राजनीति करते हैं।

    धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि आजमगढ का तरक्की, खुशहाल का जो समाजवादियों के साथ इतिहास जुड़ा हुआ है। नेता जी ने आजमगढ़ को न केवल विकास व तरक्की के रास्ते पर ले जाने की शुरूआत की थी बल्कि मैं इस बात को फक्र के साथ कह सकता हूं कि यहां विकास की एक-एक ईट पर नेताजी या अखिलेश यादव का नाम लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में कहीं भी भाजपा के लोग जीते हो लेकिन आजमगढ़ के लोगों ने बीजेपी को जीतने नहीं दिया है। एक जीत हो गई लेकिन यह एक्सीडेंटल जीत थी, इसका लोगों को अफसोस व एहसास भी है। चार जून को जब परिणाम आएगा तो लोग महसूस करेगें कि आजमगढ़ के लोगों ने किस तरह से जबाव दिया है । पुलिस भर्ती के रद्द होने के सवाल पर धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि 50 लाख नौजवानों के साथ अन्याय, अत्याचार और धोखा हुआ है। उन्होने कहा कि योगी सरकार में एक भी भर्ती पूरी नहीं हुई है। सात वर्ष की भाजपा सरकार में हमारे नौजवान ओवर एज हो गए है। उन्होने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जैसा कहा है कि अस्सी हटाओ रोजगार पाओ। अखिलेश यादव के नेतृत्व में हमारी पार्टी आईएनडीए गठबंधन की सरकार बनाएगी और एनडीए को हटायेगी और बेरोजगार नौजवानों की उम्मीदों को हम पूरा करेगें।

    धर्मेन्द्र यादव ने भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव को कहा कि वे कलाकार है, दूसरे क्षेत्र से राजनीति में आए है। उनके सामने जो परंपरा रहती है कि स्क्रिप्ट लिखकर उनको दी जाती है। उस स्क्रिप्ट पर वे चलते है। धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि उनको शायद अंदाजा नहीं है । उन्होने कहा कि स्वर्गीय रामबचन से लेकर अखिलेश यादव तक समाजवादी शानदार परंपरा है। हम समाजवादी लोगों ने आजमगढ़ को न तो कभी छोड़ा था, न छोड़ने वाले है। यह इस बात का एहसास उनको नहीं हो सकता है। क्योंकि वे राजनीति स्क्रिप्ट के आधार पर करते होगें। दिल व जज्बातों की राजनीति उन्होने नहीं की होगी।

    धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि बदायूं में भी घर बनाकर रहा हूं और आजमगढ़ में आने से पहले ही घर बन रहा है और उसी में रहकर इस क्षेत्र के लोगों की जो आवश्यकता होगी उसे पूरा करेगें। उन्होंने यकीन दिलाया कि क्षेत्र की सेवा करेगें साथ ही आजमगढ़ के लोग केवल स्थानीय राजनीति नहीं करते बल्कि यहां के कांतिकारी लोगों के मान, सम्मान, गौरव को यहां से लेकर देश की संसद तक बढाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगें।

    धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि पीडीए के जीत व एनडीए की हार का जो फार्मूला है। उसी फार्मूले पर चलकर हमारे आजमगढ़ के दस विधायक जीते हैं। जमाली साहब की कमी थी वह भी आज पूरी हो गई, इनकी दुआएं भी हमारे साथ हैं। इसलिए हमें यकिन है कि न केवल आजमगढ़ बल्कि लालगंज लोकसभा की सीट पर एकतरफा समाजवादी पार्टी जीतेगी।

  • लोकसभा चुनाव: मीरजापुर में नामांकन 14 मई तक, सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर

    लोकसभा चुनाव: मीरजापुर में नामांकन 14 मई तक, सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर

    – सात मई को जारी होगी सातवें चरण की अधिसूचना, एक जून को होगा मतदान

    – मतदान के लिए बूथों पर लगाए जाएंगे 8572 कार्मिक

    मीरजापुर। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए निर्वाचन की अधिसूचना सात मई को जारी होगी। प्रत्याशी 14 मई तक नामांकन कर सकेंगे। मतदान एक जून को और मतगणना चार जून को होगी। सीसीटीवी से प्रत्याशियों और उनके समर्थकों पर नजर रखी जाएगी। मतदान के लिए बूथों पर 8572 कार्मिक लगाए जाएंगे।

    जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार निर्वाचन के लिए 2143 बूथों पर 2143 पीठासीन अधिकारी और 6429 मतदान अधिकारी सहित कुल 8572 कार्मिकों को लगाया जा रहा है। साथ ही विषम परिस्थिति के लिए दस प्रतिशत कर्मचारियों को सुरक्षित रखा जाएगा।

    उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र में 2143 मतदेय स्थल और 1352 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। निर्वाचन क्षेत्र 20 जोन और 188 सेक्टर में बांटा गया है। विधानसभा छानबे चार जोन व 34 सेक्टर, मीरजापुर तीन जोन व 40 सेक्टर, मझवां तीन जोन व 41 सेक्टर, चुनार पांच जोन व 35 सेक्टर तथा मड़िहान पांच जोन व 38 सेक्टर में बांटा गया है। लोकसभा चुनाव में 18 लाख 97 हजार 805 मतदाता है। इसमें से 994546 पुरुष, 903154 महिला हैं। इस वर्ष 70011 मतदाता बढ़े हैं, जबकि 44600 मतदाता घट गए हैं। मीरजापुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में 105 थर्ड जेंडर मतदाता के साथ ही 13236 दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

  • सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में वोटिंग में जब टूट गए थे 67 सालों के रिकार्ड

    सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में वोटिंग में जब टूट गए थे 67 सालों के रिकार्ड

    संसदीय क्षेत्र के ही तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था सर्वाधिक मतदान

    हमीरपुर। हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में पिछले चुनाव में बंपर वोटिंग हुई थी। मतदान ने पिछले 67 सालों के रिकार्ड ही तोड़ दिए थे। भाजपा की लहर में बूथों पर वोट डालने वालों की लम्बी कतारें भी लगी रही। बूढ़े और जवानों के साथ ही आधी आबादी में भी मतदान को लेकर बड़ा उत्साह देखा गया था। इस बार लोकसभा के चुनाव में मतदान के पिछले आंकड़ा को पार करने की तैयारी में प्रशासन जुट गया है।

    बुंदेलखंड में लोकसभा की हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी सीट के लिए पिछले चुनाव में मतदान ने 67 सालों के रिकार्ड तोड़ दिए थे। 44 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लम्बी कतारें लगी थी। संसदीय सीट में आने वाले पांचों विधानसभा क्षेत्रों में बंपर वोटिंग होने पर इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला था। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा और बसपा सपा गठबंधन समेत चौदह प्रत्याशी चुनाव मैदान में आए थे। पहली बार इस संसदीय क्षेत्र में 61.69 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था जिससे पिछले सोलह आम चुनावों के मतदान के रिकार्ड ही टूट गए थे।

    भाजपा से पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल दोबारा सांसद चुने गए थे। जबकि बसपा और सपा गठबंधन के दिलीप सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। ये बांदा जिले के रहने वाले थे जिन्होंने संसदीय सीट पर कब्जा करने के लिए चुनाव में पूरी ताकत झोकी थी। लेकिन भाजपा की आंधी में ये चुनावी महासमर में पराजित हो गए थे। कांग्रेस समेत 12 प्रत्याशियों की जमानतें भी जब्त हो गई थी। उल्लेखनीय है कि अबकी बार लोकसभा चुनाव के मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन लगातार कार्यक्रम करा रहा है। आम मतदाताओं को जागरूक करने के लिए संस्थाओं को भी लगाया गया है।

    गौरतलब है कि वर्ष 1952 के आम चुनाव में 38.3 फीसद मतदान हुआ था वहीं 1957 के आम चुनाव में 51.5, 1962 के आम चुनाव में 43.21, 1967 के लोकसभा चुनाव में 56.38, 1971 के आम चुनाव में 52.19, 1977 के आम चुनाव में 57.82, 1980 के आम चुनाव में 53.97, 1984 के आम चुनाव में 58.00, 1989 के आम चुनाव में 51.69, 1991 के आम चुनाव में 48.21, 1996 के आम चुनाव में 43.89, 1998 के आम चुनाव में 53.00, 1999 के लोकसभा चुनाव में 57.86, 2004 के आम चुनाव में 46.01, 2009 के आम चुनाव में 48.40 व 2014 के लोकसभा चुनाव में 55.56 प्रतिशत मतदान हुआ था। संसदीय क्षेत्र में अभी तक हुए आम चुनाव के मतदान पर नजर डालें तो सबसे कम 38.3 फीसद मतदान पहली लोकसभा चुनाव में हुआ था।

    आधी आबादी के साथ ही बूढ़े और जवान वोटर भी वोट डालने को पहुंचे थे बूथ

    हमीरपुर, महोबा, तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में पिछले बार आम चुनाव के मतदान को लेकर बूढ़े और जवानों के अलावा आधी आबादी में गजब का उत्साह देखा गया था। पोलिंग बूथों पर सुबह से लेकर देर शाम तक मतदाताओं की लम्बी कतारें लगने से मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने में काफी समय लगा था। भीषण गर्मी और 44 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच मतदान का पारा चढ़ता रहा। संसदीय क्षेत्र में हर बूथों पर वोटों की बारिश हुई। वोट डालने के लिए नब्बे साल के बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर ने भी चारपाई के सहारे बूथ पहुंचे थे। जिन्हें देख निर्वाचन से जुड़े अधिकारी दंग रह गए थे।

    संसदीय क्षेत्र के ही तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था सर्वाधिक मतदान

    हमीरपुर- महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में पिछली बार 61 फीसदी से अधिक मतदान हुआ, जिसमें सर्वाधिक मतदान संसदीय सीट में आने वाले तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में 60.18 फीसदी मतदान हुआ जबकि राठ विधानसभा क्षेत्र में 62.19, महोबा विधानसभा क्षेत्र में 61.4, चरखारी विधानसभा क्षेत्र में 60.65 व तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 64.38 फीसदी तक मतदान हुआ था। बता दें कि लोकसभा की इस सीट के लिए चौदह प्रत्याशी चुनाव मैदान में आए थे। कुल 1738107 वोटरों में सर्वाधिक 947611 महिला मतदाताओं ने वोट किया था।

    संसदीय क्षेत्र में वर्ष वार मतदान की स्थिति

    वर्ष 1952 38.3 प्रतिशत

    वर्ष 1957 51.5

    वर्ष 1962 43.21

    वर्ष 1967 56.38

    वर्ष 1971 52.19

    वर्ष 1977 57.82

    वर्ष 1980 53.97

    वर्ष 1984 58.00

    वर्ष 1989 51.69

    वर्ष 1991 48.21

    वर्ष 1996 43.89

    वर्ष 1998 53.00

    वर्ष 1999 57.86

    वर्ष 2004 46.100

    वर्ष 2009 48.40

    वर्ष 2014 55.56

    वर्ष 2019 61.69

  • आयकर निदेशालय ने लोकसभा चुनाव के लिए शुरू किया कंट्रोल रूम, जारी किया टोल-फ्री मोबाइल नंबर

    आयकर निदेशालय ने लोकसभा चुनाव के लिए शुरू किया कंट्रोल रूम, जारी किया टोल-फ्री मोबाइल नंबर

    नई दिल्ली। आयकर निदेशालय जांच, दिल्ली ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक 24×7 नियंत्रण कक्ष और टोल-फ्री मोबाइल नंबर 9868168682 जारी किया है। इस नियंत्रण कक्ष के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर के अंदर नकदी, सोना-चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं के संदिग्ध आवागमन या वितरण को रोकने तथा निगरानी करने में मदद मिलेगी। ये नियंत्रण कक्ष दिल्ली में आदर्श आचार संहिता की पूरी अवधि के दौरान कार्यरत रहेगा।

    वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि लोकसभा (आम चुनाव), 2024 के लिए अन्य उपायों के तहत आयकर निदेशालय ने सिविक सेन्टर, नई दिल्ली में 24X7 नियंत्रण कक्ष खोला है। इसके साथ ही निदेशालय ने सिविक सेंटर, नई दिल्ली में एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति एनसीटी दिल्ली में बेहिसाब नकदी, बूलियन और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की संदिग्ध आवाजाही या वितरण के संबंध में आयकर विभाग से बातचीत कर सकता है और जानकारी भी दे सकता है।

    मंत्रालय के मुताबिक इस नियंत्रण कक्ष का विवरण इस प्रकार है :- कमरा नंबर 17, भूतल, सी-ब्लॉक, सिविक सेंटर, नई दिल्ली-110002 तथा टोल फ्री नंबर:- 1800112300, लैंडलाइन नंबर: 011-23232312/31/67/76 और मोबाइल नंबर:- 9868168682 है। मंत्रालय ने कहा कि इसके जरिए कोई निवासी टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। फोन करने वाले को नियंत्रण कक्ष के समक्ष किसी भी व्यक्तिगत विवरण, जैसे नाम या पहचान के अन्य विवरण का खुलासा करने की जरूरत नहीं है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि प्राप्त जानकारी विश्वसनीय और कार्रवाई योग्य हो।

    आयकर विभाग का नियंत्रण कक्ष आदर्श आचार संहिता की संपूर्ण अवधि के दौरान दिल्ली में क्रियाशील रहेगा। यह आम चुनाव, 2024 की घोषणा की तारीख से जब तक दिल्ली में चुनाव खत्म नहीं हो जाते जारी रहेगा। विभाग ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भावना के साथ नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे दिल्ली एनसीटी के संबंध में प्रासंगिक जानकारी उपर्युक्त नंबरों के माध्यम से आयकर निदेशालय से साझा करके अपनी सहायता प्रदान करे। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

  • लोकसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर नामांकन प्रक्रिया शुरू

    लोकसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर नामांकन प्रक्रिया शुरू

    लखनऊ। देश में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव-2024 का बुधवार से प्रारंभ हो गया। चुनाव आयोग द्वारा जारी चुनाव की घोषणा के अंतर्गत पहले चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    पश्चिम उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया को देखते हुए प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड में है। नामांकन स्थल पर चाकचौबंद व्यवस्था की गई है। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से निपटने के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। प्रथम चरण में निर्वाचन के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। आठ लोकसभा सीटों में सात सामान्य और एक सीट एससी उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। नामांकन प्रक्रिया सुबह 11 बजे से 3 बजे के मध्य होगी। नामांकन के लिए उम्मीदवार रिटर्निंग आफीसर (आरओ-एआरओ) कार्यालय में पांच लोगों के साथ ही प्रवेश की अनुमति है। वहीं आरओ कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में तीन वाहनों को ले जाने की अनुमति होगी।

    पहले चरण के नामांकन करने की अंतिम तिथि 27 मार्च निर्धारित है। नामांकन पत्रों की जांच 28 मार्च और 30 मार्च को नाम वापसी का है। प्रथम चरण के आठ लोकसभा क्षेत्रों में 1.43 करोड़ मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 76.23 लाख पुरूष, 67.14 लाख महिला और 824 तृतीय जेन्डर हैं। इन सभी आठों सीटों पर कुल 7693 मतदान केन्द्र तथा 14842 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। चुनाव में व्यय की अधिकतम सीमा 95 लाख निर्धारित की गई है।

    जनपदों की सीमाओं पर निगरानी बढ़ी

    उत्तर प्रदेश के जिन जनपदों की लोकसभा सीटों पर आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई हैं उन जिलों की सीमाओं पर चेकपोस्ट और पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों को गश्त और सतर्कता बढ़ा दी है।

    इन सीटों पर नामांकन प्रारंभ

    लोकसभा चुनाव 2024 के तहत पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। इन जनपद में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत हैं।

  • लोस चुनाव : उप्र में उलझा विपक्ष, जनाधार बढ़ाने में जुटी भाजपा

    लोस चुनाव : उप्र में उलझा विपक्ष, जनाधार बढ़ाने में जुटी भाजपा

    लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2019 में भाजपा के वोट प्रतिशत में बेतहाशा वृद्धि हुई थी। इसके बावजूद 2014 की अपेक्षा भाजपा की नौ सीटें कम हो गयी थीं। अब भाजपा 2014 के जीत से भी आगे बढ़ने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। वहीं समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर पांच सीटों को बढ़ाने के लिए फूंक-फूंककर कदम रख रही है, लेकिन वह अपने गठबंधन के दल-दल में फंसी हुई है। वर्तमान में उसकी परेशानी का कारण कांग्रेस द्वारा अभी तक एक भी उम्मीदवार खड़ा न किया जाना है।

    उल्लेखनीय है कि पिछली बार भाजपा को प्रदेश में 49.98 प्रतिशत मत अकेले मिले थे, जो 2014 में मिले 42.63 प्रतिशत की अपेक्षा 7.35 प्रतिशत ज्यादा थे। इसके बावजूद सपा-बसपा के गठबंधन का असर दिखा और 2014 के लोकसभा चुनाव में शून्य पर सिमटने वाली बसपा ने 2019 में 10 सीटों पर कब्जा जमा लिया। हालांकि सपा के सीटों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और वह पांच सीटों तक ही सीमित रह गयी। उन पांच सीटों में भी उपचुनावों में दो सीटों को भाजपा ने छिन लिया।

    इस बार बसपा का किसी के साथ गठबंधन नहीं है। सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर आईएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा है। सपा भाजपा की मुख्य प्रतिद्वद्वी मानकर चल रही है। उसके कार्यकर्ताओं और नेताओं में भी उत्साह है, लेकिन बसपा ने अभी तक बहुत कम सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। बसपा भी फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। सपा की कोशिश है कि दो बार से वह पांच सीटों पर सिमट रही है। उन सीटों की संख्या को बढ़ाया जाय, वहीं नेपत्थ्य में जाती कांग्रेस के पास करो या मरो का सवाल है।

    इसके बावजूद कांग्रेस ने अपने हिस्से की मिली 17 सीटों पर अभी तक उम्मीदवार नहीं उतारे। इसको लेकर सपा भी नाराज है, समाजवादी पार्टी के सूत्रों के अनुसार यह नाराजगी कांग्रेस को बता भी दिया गया है। उधर कांग्रेस और सपा का वार रूम भी साझा बनाया गया है, जिससे रणनीतियों को साझा रूप से बनाया जा सके और भाजपा से एक साथ मिलकर मुकाबला किया जा सके।

    उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में 24.80 प्रतिशत वोट की वृद्धि हुई थी और 61 सीटों का उप्र में इजाफा हुआ। 2019 में सपा-बसपा के गठबंधन के बावजूद भाजपा के वोटों में 7.35 प्रतिशत वोट का इजाफा हुआ। इस बार भाजपा पचपन प्रतिशत से ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके साथ ही भाजपा यह मानकर चल रही है कि उप्र में सबका सुपड़ा साफ हो जाएगा। उप्र के 80 लोकसभा सीटों पर सिर्फ कमल खिलेगा।

    हालांकि किसको कितना मत मिलेगा या किसका चेहरा गिरेगा। यह तो आने वाले चार जून के बाद ही तय होगा, लेकिन अभी सभी दल अपने-अपने लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में दिन-रात एक कर रहे हैं। एक-दूसरे पर जुबानी जंग में भी कोई दल पीछे नहीं है।

  • लोकसभा चुनावः पहले चरण की अधिसूचना जारी, 19 अप्रैल को होगा मतदान

    लोकसभा चुनावः पहले चरण की अधिसूचना जारी, 19 अप्रैल को होगा मतदान

    नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को पहले चरण के मतदान की अधिसूचना जारी कर दी। इस चरण में 17 राज्यों और चार केन्द्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। नामांकन 27 मार्च तक किए जा सकेंगे, जिनकी जांच 28 मार्च को होगी। बिहार के लिए यह तारीखें 28 मार्च और 30 मार्च हैं।

    अधिसूचना के अनुसार इस चरण में तमिलनाडु की सभी 33, राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की 8, मध्य प्रदेश की 6, उत्तराखंड, असम और महाराष्ट्र की 5-5, बिहार की 4, पश्चिम बंगाल की 3, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय की सभी 2-2 और छत्तीसगढ़, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की एक-एक सीट पर पहले चरण में मतदान होगा।

    इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों और सिक्किम की सभी 32 विधानसभा सीटों पर भी इस चरण में मतदान होगा। दोनों राज्यों की विधानसभा के नतीजे 2 जून को आयेंगे। बाकी सभी सीटों के नतीजे चार जून को आयेंगे।

    इस चरण में अरुणाचल पश्चिम, अरुणाचल पूर्व, काजीरंगा, सोनितपुर, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, जोरहाट, औरंगाबाद, गया (एससी), नवादा, जमुई (एससी), बस्तर (एसटी), सीधी, शहडोल (एसटी), जबलपुर, मण्डला (एसटी), बालाघाट, छिन्दवाड़ा, रामटेक (एससी), नागपुर, भन्डारा, गोंदिया, गड़चिरोली, चिमुर (एसटी), चन्द्रपुर, आंतरिक मणिपुर, बाह्य मणिपुर (एसटी), शिलांग (एसटी), तुरा (एसटी), मिजोरम (एसटी), नगालैंड, गंगानगर (एससी), बीकानेर (एससी), चूरू, झुन्झुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर (एससी), करौली, धौलपुर (एससी), दौसा (एसटी), नागौर, सिक्किम, तिरुवल्लुर (एससी), चेन्नई उत्तर, चेन्नई दक्षिण, चेन्नई केन्द्रीय, श्रीपेरूम्बुदूर, कांचीपुरम (एससी), अराकोन्नम, वेल्लोर, कृष्णागिरी, धर्मापुरी, तिरूवन्नामलाई, अरानी, विलुपुरम (एससी), कल्लाकुरिची, सलेम, नामाक्कल, इरोड, तिरूप्पुर, नीलगिरि (एससी), कोयम्बटूर, पोल्लाची, डिण्डीगुल, करूर, तिरुचिरापल्ली, पेरम्बलुर /, कुड्डालोर, चिदम्बरम (एससी), मइलादुथुरई, नागापट्टिनम (एससी), थन्जावुर, शिवगंगा, मदुरई, थेनी, विरुधुनगर, रामानाथपुरम, थूथुक्कुडी, टेनकासी (एससी), तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, त्रिपुरा पश्चिम, सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (एससी), मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा (एससी), नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, कूच बिहार (एससी), अलीपुर द्वारस (एसटी), जलपाईगुड़ी (एससी), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, ऊधमपुर, लक्षद्वीप (एसटी), पुडुचेरी सीट के लिए मतदान होगा।

    त्रिपुरा की रामनगर, तमिनाडु की विलावानकोड सीट पर उपचुनाव इस चरण में होगा।

  • लोकसभा चुनाव : जनपदीय बॉर्डर पर पुलिस ने बढ़ाई चौकसी

    लोकसभा चुनाव : जनपदीय बॉर्डर पर पुलिस ने बढ़ाई चौकसी

    मेरठ। मेरठ जनपद में दूसरे चरण में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए पुलिस बल अलर्ट मोड पर है। मेरठ से जुड़े विभिन्न जनपदों के बॉर्डर पर पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। एसएसपी ने बुधवार को बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

    लोकसभा चुनाव को लेकर बॉर्डर से होने वाली शराब तस्करी रोकने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग पूरी तरह से सतर्क है। प्रतिदिन लाखों रुपए की शराब पकड़ी जा रही है। मेरठ जनपद के विभिन्न जनपदों से लगे बॉर्डर पर पुलिस सतर्कता बढ़ा दी गई है। बुधवार को एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने एसपी देहात कमलेश बहादुर के साथ मेरठ जनपद के बॉर्डर का दौरा किया और पुलिस को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    एसएसपी ने जनपदीय सीमा के बैरियर बपारसी (सीमा जनपद बागपत) एवं सलावा (सीमा जनपद मुजफ्फरनगर) तथा अन्तरजनपदीय बैरियर नानू नहर पुल अन्तर्गत थाना सरधना तथा भूनी नहर पुल अन्तर्गत थाना सरूरपुर का निरीक्षण किया। बैरियर और सीसीटीवी सलावा नानू नहर पुल एवं भूनी पुल पर स्थापित किए गए हैं। जिन पर 24 घण्टे चेकिंग के लिए पुलिस तैनात की गई है। इसके साथ ही बिजनौर, हापुड़ और गाजियाबाद जनपदों के बॉर्डर पर भी पुलिस फोर्स अलर्ट है।

  • लोकसभा चुनाव : उम्मीदवार 95 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे, 10 हजार तक ही नकद भुगतान

    लोकसभा चुनाव : उम्मीदवार 95 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे, 10 हजार तक ही नकद भुगतान

    – 10 हजार रुपये से अधिक का चेक से होगा भुगतान

    मीरजापुर। जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र मीरजापुर लोकसभा सीट में शामिल हैं। पिछली बार प्रत्याशी के खर्च की सीमा 70 रुपये लाख थी, जबकि इस बार 95 लाख रुपये होगी। प्रत्याशी को हर खर्च का ब्योरा आयोग को देना होगा। 10 हजार रुपये तक ही नगद भुगतान हो सकेगा। इससे ज्यादा का भुगतान चेक, डीडी या ऑनलाइन मोड से होगा।

    जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार निर्वाचन व्यय के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी को अलग से बैंक में खाता खोलना होगा। बैंक खाता एकल अथवा निर्वाचन एजेंट के नाम से संयुक्त हो सकता है। बैंक खाता नामांकन के कम से कम एक दिन पूर्व का होना चाहिए। निर्वाचन संबंधी संपूर्ण व्यय इसी खाते से किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान खोले गए बैंक रेखांकित आदाता को चेक से सभी निर्वाचन व्यय किया जाएगा।

    प्रत्याशी व्यय मद में सिर्फ 10 हजार रुपये की नकद राशि संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान खर्च कर सकेगा। किसी से प्राप्त नकद, ऋण, चंदा को सर्वप्रथम रजिस्टर में नकदी देने वाले का नाम, निवास विवरण दर्ज करना होगा। दिनांक सहित धनराशि निर्वाचन के उद्देश्य से खोले गए बैंक खाते में जमा किया जा सकता है। नकद बैंक खाता से आहरित करने के पश्चात गुलाबी रजिस्टर में दर्ज करना होगा। अधिक धनराशि निकालने पर संबंधित व्यक्ति का विवरण रजिस्टर में दर्ज करना होगा। किसी भी माध्यम से निर्वाचन के लिए प्राप्त संपूर्ण धनराशि को खाते में जमा कराएगा। सभी व्यय चेक से करना होगा। निकासी करने के बाद रकम को बाउचर के साथ भुगतान करना होगा। प्रेक्षक व्यय रजिस्टर का कम से कम तीन बार जांच करेंगे।

    25509 युवा पहली बार करेंगे मतदान

    लोकसभा चुनाव में जनपद में 18 से 19 आयु के 25509 युवा पहली बार मतदान करेंगे, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के 35457 मतदाता भी प्रत्याशियों को आशीर्वाद देंगे।

    विधानसभावार मतदाताओं की संख्या

    विधानसभा क्षेत्र — मतदाता

    छानबे (अ.जा.) — 369860

    मीरजापुर —– 400306

    मझवां ——- 400931

    चुनार ——- 356034

    मड़िहान —— 370674

    कुल ——– 1897805

  • हमीरपुर-महोबा सीट से जब पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री के बेटे की जमानत हुई जब्त

    हमीरपुर-महोबा सीट से जब पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री के बेटे की जमानत हुई जब्त

    हमीरपुर। हमीरपुर-महोबा संसदीय क्षेत्र में जातीय समीकरणों के उलटफेर में देश के पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के बेटे को चुनावी महासमर में तगड़ा झटका लगा था। उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी। इतने बड़े राजनैतिक घराने को यहां की लोकसभा की सीट पर पराजय का मुंह देखना पड़ा। उन्हें सिर्फ 7.12 फीसदी ही वोट मिल सके थे। पूर्व पीएम के बेटे को चुनाव मैदान में उन्हीं की पार्टी के भितरघातियों के कारण मात खानी पड़ी थी।

    बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर किसी जमाने में कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। पहले आम चुनाव में यहां की सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया था। कांग्रेस के प्रत्याशी एमएल द्विवेदी पहली बार यहां की सीट से भारी मतों से जीते थे। उन्हें 32.7 फीसदी मत मिले थे जबकि निर्दलीय राम पीवी सिंह 29.5 फीसदी मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। एमएल द्विवेदी 1952 से लेकर 1862 तक लगातार तीन बार सांसद रहे। चौथी लोकसभा के चुनाव में यहां की सीट से पहली बार भारतीय जनसंघ पार्टी से एक संत निर्वाचित हुआ था। लेकिन 1871 के आम चुनाव में कांग्रेस ने फिर यहां की सीट पर कब्जा कर लिया था।

    छठवें आम चुनाव में बीएलडी प्रत्याशी तेज प्रताप सिंह ने कांग्रेस से सीट छीन ली थी। सातवें आम चुनाव में फिर कांग्रेस की इस सीट पर धमाकेदार इन्ट्री हुई। पार्टी के खाते में 44.2 फीसदी मत आए थे। वहीं ं1984 के आम चुनाव में यहां की सीट पर कांग्रेस ने दोबारा कब्जा किया लेकिन 1989 के आम चुनाव में कांग्रेस की यहां से विदाई हो गई। जातीय समीकरणों का ऐसा उलट फेर हुआ कि समूचे संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस हाशिए पर आ गई।

    चुनावी महासमर में पूर्व पीएम के बेटे और बहू समेत पूरे परिवार ने घर-घर दी थी दस्तक

    हमीरपुर-महोबा संसदीय क्षेत्र में ग्यारहवें आम चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया। 1996 में लोकसभा के चुनाव में देश के तीसरे पीएम रहे लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री को यहां की सीट के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया था। सुनील शास्त्री अपनी पत्नी समेत पूरे परिवार के साथ घर-घर दस्तक देकर वोट मांगे थे। उनके चुनाव में दिल्ली से तमाम दिग्गज आए थे। लेकिन यहां पार्टी की गुटबाजी ने पूर्व पीएम के बेटे को हार का स्वाद चखना पड़ा था।

    तपती धूप और लू में संसदीय क्षेत्र में पसीना बहाने के बाद भी मिले थे 7.12 फीसदी वोट

    तपती धूप और लू में पूर्व पीएम के पुत्र सुनील शास्त्री अपने परिवार के साथ संसदीय क्षेत्र में खूब पसीना बहाया लेकिन भितरघातियों के कारण 7.12 फीसदी मत ही उन्हें मिल सके। समूचे संसदीय क्षेत्र में सुनील शास्त्री को 31035 वोट ही मिल सके। संसदीय क्षेत्र के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में 9800 वोट मिले थे जबकि मौदहा विधानसभा क्षेत्र में 6336, राठ विधानसभा क्षेत्र से 2524, चरखारी विधानसभा क्षेत्र से 6504 व महोबा विधानसभा क्षेत्र से 6770 वोट मिले थे।

    पार्टी में गुटबाजी और चुनाव प्रचार में भितरघात से राजनीति के बड़े घराने को मिली थी मात

    1996 के आम चुनाव में पूर्व पीएम के पुत्र सुनील शास्त्री ने यहां हमीरपुर महोबा संसदीय सीट के लिए नामांकन किया था। उन्होंने कहा था कि यदि जनादेश मिला तो इस क्षेत्र की तस्वीर ही बदल जाएगी। चुनाव प्रचार में वह अपने परिवार समेत संसदीय क्षेत्र के घर-घर लोगों से मिले थे। लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी और चुनाव प्रचार के दौरान भितरघात होने सेे सुनील शास्त्री को बड़ी शिकस्त मिली थी। बाहरी प्रत्याशी होने पर जनता ने उन पर भरोसा नहीं किया।