Category: ईमानदार भ्रष्टाचारी

  • कुमार विश्वास की पत्नी और आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा से पूछताछ के लिए पहुंची एसीबी

    कुमार विश्वास की पत्नी और आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा से पूछताछ के लिए पहुंची एसीबी

    अजमेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जयपुर शाखा के अधिकारियों ने बुधवार को फिर से आयोग भवन में धमक कर आयोग सदस्य मंजू शर्मा से पूछताछ शुरू की है। एसीबी के अधिकारी एक दिन पहले सदस्य संगीता आर्य के निवास पर सर्च कर लौटी थी।

    दरअसल, वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) में एक साथ चार सदस्यों की नियुक्ति की थी। इनमें आयोग की दो सदस्यों संगीता आर्य और मंजू शर्मा पर स्थानीय निकाय के ईओ पद की भर्ती के मामले में गंभीर आरोप हैं। दोनों सदस्यों ने ही आरएएस और एसआई 2021 भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू भी लिए थे। यह परीक्षा भी जांच के दायरे में है। मंजू शर्मा जाने-माने कवि कुमार विश्वास की पत्नी और संगीता आर्य राजस्थान के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे निरंजन आर्य की पत्नी हैं।

    एसीबी की टीम आज सुबह राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर पहुंची और अपने वाहन बाहर खड़ा करके अधिकारी पैदल ही किसी विजिटर की तरह आरपीएससी के मुख्य दरवाजे से भीतर प्रवेश कर गए। यहां विजिटर बुक में अधिकारियों ने एंट्री भी की। एसीबी की टीम के आयोग कार्यालय में पहुंचते ही वहां कर्मचारियों और अधिकारियों में खलबली मच गई।

    इससे पहले 12 मार्च को जब एसीबी ने संगीता आर्य से सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर पूछताछ की थी तो निरंजन आर्य भी मौजूद थे। यानी आयोग के काम काज में निरंजन आर्य का भी दखल है। आयोग के दो अन्य सदस्यों में से एक बाबूलाल कटारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में जेल में है। गहलोत के शासन में घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे गोपाल केसावत की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारी के आधार पर दोनों महिला सदस्यों पर लगे आरोपों की सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी।

  • सात करोड़ रुपये शासकीय धन गबन मामले में शामिल लेखाकार ईओडब्ल्यू के हत्थे चढ़ा

    सात करोड़ रुपये शासकीय धन गबन मामले में शामिल लेखाकार ईओडब्ल्यू के हत्थे चढ़ा

    वाराणसी,। लगभग 07 करोड़ रु की शासकीय धन गबन में शामिल उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड वाराणसी इकाई के तत्कालीन लेखाकार श्रीप्रताप सिंह को आर्थिक अपराध शाखा (ईओब्ल्यू ) वाराणसी की टीम ने राबर्ट्सगंज सोनभद्र से दबोच लिया।

    आरोपी लेखाकार के खिलाफ गाजीपुर के थाना गहमर में वर्ष 2017 में शासकीय धन के धोखाधड़ी से गबन किए जाने के संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था। वर्ष 2012-13 के दौरान उत्तर प्रदेश शासन ने गाजीपुर के ब्लॉक भदौरा अंतर्गत पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण कार्य के लिए करोड़ों का धन उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड वाराणसी इकाई को आवंटित किया था। फरार आरोपित के गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू लखनऊ/वाराणसी लाल साहब यादव ने निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में मुख्य आरक्षी रामाश्रय सिंह और रोहित सिंह की टीम गठित की थी।

    इस मामले में पीडब्ल्यूडी कानपुर में कार्यरत जेई गोपाल सिंह कुशवाहा को टीम ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया। जेई गोपाल सिंह कुशवाहा पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड, भदोही (वाराणसी) में कार्यरत रहा है।

  • चेक बाउंस मामले में अभिनेत्री अमीषा पटेल ने दिया 20 लाख का पहला किस्त

    चेक बाउंस मामले में अभिनेत्री अमीषा पटेल ने दिया 20 लाख का पहला किस्त

    रांची, । फिल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल से जुड़े चेक बाउंस मामले में सोमवार को शिकायतकर्ता अजय कुमार सिंह को प्रथम किस्त की राशि 20 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से अकाउंट में जमा करवा दी गयी है। इससे पूर्व नौ मार्च को सिविल कोर्ट में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में अमीषा पटेल एवं शिकायतकर्ता के बीच दो करोड़ 75 लाख रुपए में सहमति बनी थी। इसमें पांच किस्तों में पूरी राशि लौटाने है ।

    किस्त की पहली राशि सोमवार को शिकायतकर्ता को मिल गई। चेक बाउंस की पूरी राशि शिकायतकर्ता के खाते में आने के बाद ही केस बंद होगा। इससे पूर्व झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष सह हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने भी शिकायतकर्ता और अभिनेत्री अमीषा पटेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी । दोनों पक्षों के बीच दो करोड़ 75 लाख देने का समझौता हुआ है।

    जबकि दूसरी किस्त के रूप में 50 लाख, तीसरी किस्त के रूप में 70 लाख, चौथी किस्त रूप में 62 लाख और अंतिम के रूप में 31 जुलाई 2024 को 62 लाख रुपए का भुगतान शिकायतकर्ता अजय कुमार सिंह को होना है। पूर्व में अमीषा पटेल ने शिकायतकर्ता को 11 लाख रुपए का भुगतान कर दिया था। शिकायतकर्ता की अधिवक्ता विजयलक्ष्मी श्रीवास्तव ने बताया कि पहला किस्त 20 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से अकाउंट में सोमवार को जमा करवा दी गयी है।

    फिल्म मेकर अजय कुमार सिंह ने अभिनेत्री अमीषा पटेल पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।

  • मऊ एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ जाँच शुरु, बलिया एसपी के समक्ष भाजपा नेता ने दर्ज कराया बयान

    मऊ एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ जाँच शुरु, बलिया एसपी के समक्ष भाजपा नेता ने दर्ज कराया बयान


    — एसपी अविनाश पाण्डेय पर पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए सच को झूठ, झूठ को सच कर कई निर्दोषों को दोषी बनाने मे कइयो पर बिद्वेषपूर्ण कार्यवाही कार्यवाही का है आरोप

    मऊ। जिले के एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे “बिना” घटना घटना दिखा कर थाना सरायलखनसी मे दर्ज किये गये मामले की जाँच शुरु हो गई है। बलिया एसपी द्वारा की जा रही जाँच मे शिकायतकर्ता ने बीते दिनों अपना बयान अंकित कराया है।


    उल्लेखनीय है की मऊ मे बतौर एसपी रहे अविनाश पाण्डेय ने पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए कई निर्दोषों को दोषी बनाने का अपराध किया है जो इनके अवैधानिक कृत्यो पर सवाल करते थे। बदमाशों से मिलकर निर्दोष ब्यक्तियों के खिलाफ साक्ष्य गढ़ कर की गई बिद्वेषपूर्ण कार्यवाही मे एसपी ने कानून को भी ताक पर रख दिया था।

    भाजपा नेता राकेश कुमार गुप्ता के खिलाफ थाना सरायलखनसी मे अपराध संख्या ३३/२०२४ मे भा द वि की धारा ३०६/५११ के तहत की गई गिरफ्तारी की जाँच मे बलिया एसपी के समक्ष बीते दिनों राकेश ने अपना ब्यान अंकित कराया है। राकेश ने अपनी गिरफ्तारी मे लगे दोषी पुलिस अफसरों सहित एसपी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

    एसपी के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग कर की गई बिद्वेषपूर्ण कार्यवाही मे राकेश गुप्ता अकेले ऐसे निर्दोष नही है जिन्हे वह दोषी बनाने मे पड़ का दुरूपयोग किया है। एसपी के ऐसे कृत्य को लेकर उनके खिलाफ मंडमस, कॉन्टेम्पट साहित दो मुकदमे मा उच्च न्यायालय मे विचाराधीन है।

  • आरडीएसएस योजना के तहत घटिया क्वालिटी, कार्रवाई की तैयारी

    आरडीएसएस योजना के तहत घटिया क्वालिटी, कार्रवाई की तैयारी

    लखनऊ। केन्द्र सरकार की प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए लागू महत्वाकांक्षी आरडीएसएस योजना (रेवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम अर्थात संशोधित वितरण क्षेत्र योजना) में घटिया क्वालिटी का खुलासा हुआ है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा कराये गये सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। पूरे प्रदेश में हजारों करोड़ के हो रहे काम में निजी घरानों की लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। इस जांच के बारे में पहले ही उपभोक्ता परिषद कई बार मांग कर चुका था। अब उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

    उपभोक्ता परिषद ने कहा कि करोड़ों का टेंडर हथियाकर निजी घराने लाखों में गोलमाल कर रहे हैं। इसके रेंडम भौतिक सत्यापन में भी खुलासा हो गया। सत्यापन में पाया गया कि नए ट्रांसफार्मर में आयल लीकेज की समस्या, स्टील ट्यूबलर पोल व अन्य सामग्री मिली अर्थात जंक स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइड लाइन का उल्लंघन स्टोर में मिली सामग्री में भारी कमियां देखने को मिली। डिस्काम अभियंताओं की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है। अब मध्यांचल विद्युत वितरण खंड इसकी कार्रवाई में जुट गया है।

    वर्तमान में पूरे उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम आरडीएसएस योजना के तहत उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में हजारों करोड़ के कार्य कराए जा रहे हैं, जिसमें लॉस रिडक्शन मद में लगभग 13500 करोड़ का काम हो रहा है। प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से आरडीएसएस आधुनिकीकरण मद में लगभग 42968 करोड़ की कार्य योजना भारत सरकार को भेजी गई है, लेकिन वर्तमान में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सभी बिजली कंपनियों में यह काम देश के बड़े निजी घराने कर रहे हैं। इसकी गुणवत्ता को लेकर भारत सरकार रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेन लिमिटेड द्वारा मध्यांचल विद्युत वितरण के अंतर्गत बाराबंकी के कुछ गांवों का भौतिक सत्यापन व निरीक्षण किया गया।

    इसमें हैदरगढ नवाबगंज और रामसनेहीघाट में सनौली गांव लक्ष्मणगढ सहित मयूर विहार कॉलोनी में स्थित स्टोर सहित कार्यों की गुणवत्ता बेहद खराब निकली। इसको लेकर बिजली कंपनियों में हडकंप मच गया। रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के एजुकेटिव डायरेक्टर ने जब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को घटिया क्वालिटी की रिपोर्ट भेजी, तो सभी के होश उड़ गए। इसके बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की तरफ से निदेशक तकनीकी द्वारा कहा गया कि जो स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन है। उसके तहत कार्य मापन में काफी विचलन है। मैसर्स एनसीसी लिमिटेड द्वारा कराए गए कार्य की गुणवत्ता अत्यंत खराब है।

    इससे स्पष्ट होता है कि डिस्काम के क्षेत्रीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा द्वारा कमियों को छुपाया गया। इसे मध्यांचल डिस्काम को आर्थिक क्षति हुई है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि 63 केवीए का जो नया ट्रांसफार्मर स्टोर में मिला, वह आयल लीक कर रहा था, जो सामग्री स्टोर में होनी चाहिए वह नहीं मिली। स्टील ट्यूबलर पोल और अन्य सामग्री जंक खाई हुई थी। एलटी पोल की ग्राउटिंग नहीं सही थी। कॉइल की अर्थिंग नहीं सही थी। पोल की अर्थिंग नहीं सही थी।

    उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सरकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सभी को पता है कि आरडीएसएस योजना में निजी घरानों को ऊंची दर पर टेंडर दिए गए और अब उनके द्वारा इस प्रकार क्वालिटी के साथ समझौता किया जा रहा है। घटिया काम किया जा रहा है। आरडीएसएस स्कीम की उत्तर प्रदेश सरकार को उच्च स्तरीय जांच कराना चाहिए।

  • यूको बैंक से 820 करोड़ के संदिग्ध लेन देन के मामले में सीबीआई ने सात शहरों में 67 स्थानों की ली तलाशी

    यूको बैंक से 820 करोड़ के संदिग्ध लेन देन के मामले में सीबीआई ने सात शहरों में 67 स्थानों की ली तलाशी

    नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यूको बैंक से जुड़े 820 करोड़ रुपये के संदिग्ध तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के तहत लेन देन के संबंध में गुरुवार को देश के विभिन्न राज्यों में 67 स्थानों पर तलाशी ली। सीबीआई ने राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों में यह तलाशी अभियान चलाया। यूको बैंक से मिली शिकायत पर सीबीआई ने 21 नवंबर, 2023 को मामला दर्ज किया था। सीबीआई आईएमपीएस मामले की जांच कर रही है । यह जांच जारी है।

    सीबीआई के मुताबिक 10 से 13 नवंबर, 2023 के बीच सात निजी बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों से शुरू किए गए आईएमपीएस आवक लेनदेन को 41,000 से अधिक यूको बैंक खाताधारकों के खातों में गलत तरीके से पोस्ट किया गया था। मूल बैंकों से वास्तविक डेबिट किए बिना यूको बैंक खातों में 820 करोड़ रुपये जमा किए गए। इसका कई खाताधारकों ने फायदा उठाया और विभिन्न बैंकिंग चैनलों के माध्यम से धन निकालकर गलत लाभ कमाया। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।

    सीबीआई प्रवक्ता द्वारा जारी बयान के मुताबिक इसी क्रम में सीबीआई ने राजस्थान (जोधपुर, जयपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर, फलौदी सहित) और पुणे (महाराष्ट्र) में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस मौेके पर 30 संदिग्धों को ढूंढ कर जांच की गई।

    सीबीआई ने इस अभियान के दौरान यूको बैंक और आईडीएफसी से संबंधित लगभग 130 आपत्तिजनक दस्तावेज़ के साथ 43 डिजिटल डिवाइस (40 मोबाइल फोन, 2 हार्ड डिस्क और 1 इंटरनेट डोंगल सहित) फोरेंसिक विश्लेषण के लिए जब्त किए । इससे पहले सीबीआई ने दिसंबर 2023 में कोलकाता व मैंगलोर में निजी व्यक्तियों और यूको बैंक के अधिकारियों से जुड़े 13 स्थानों पर तलाशी ली थी।

    तलाशी अभियान के दौरान सशस्त्र बलों सहित कुल 120 राजस्थान पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा 130 सीबीआई अधिकारियों सहित 40 टीमों के 210 कर्मी और विभिन्न विभागों के 80 स्वतंत्र गवाह भी अभियान में शामिल थे।

  • करोड़ों के लेन-देन में फर्जीवाड़े के आरोपों में घिरे आरजीपीवी के कुलपति ने दिया इस्तीफा

    करोड़ों के लेन-देन में फर्जीवाड़े के आरोपों में घिरे आरजीपीवी के कुलपति ने दिया इस्तीफा

    – यूनिवर्सिटी के सभी खाते फ्रीज

    भोपाल,। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का उजागर होने के बाद विवि के कुलपति डॉ. सुनील कुमार ने बुधवार को राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के सभी खातों को भी सीज कर दिया है। सरकार ने कुलपति को हटाने के पहले ही संकेत दिए थे।

    दरअसल, दो दिन पहले आरजीपीवी में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद कुलपति, रजिस्ट्रार समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, राज्य स्तरीय कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा है। इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यूनिवर्सिटी में धरना दिया था। इसके बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई।

    यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। अभी मामला जांच में है। हालांकि, तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट में 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर होने की बात सामने आई है। इस मामले में कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार, दलित संघ सुहागपुर समेत अन्य पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिनके हस्ताक्षर से चेक साइन कर निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई है।

    यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सैलरी अकाउंट को छोड़कर बाकी खातों को गड़बड़ी सामने आने के बाद फ्रीज कर दिया है। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है। अभी जांच में यह भी सामने आया है कि यूनिवर्सिटी की राशि की पिपरिया ब्रांच और भोपाल की कटारा हिल्स ब्रांच में की गई एफडी का नंबर एक ही है। इसमें एक एफडी नकली होने की संभावना जताई जा रही है। यूनिवर्सिटी के बैंक अकाउंट और उसकी संपत्ति का भी कोई पूरा रिकॉर्ड नहीं मिला है। हालांकि, अभी यह सब जांच में है।

    गांधी नगर थाना प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि आरजीपीवी मामले में कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। इस मामले में आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ही गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक लेनदेन का मामला है। इसलिए पूछताछ की जाएगी। अभी पुलिस ने शासन के आदेश पर बिना जांच के एफआईआर दर्ज की है।

  • पंचायत के बाद महापंचायत का ऐलान पुलिस ने दी धमकी

    पंचायत के बाद महापंचायत का ऐलान पुलिस ने दी धमकी

    बागपत, । बागपत जिले के गोठरा गांव में रविवार को पंचायत आयोजित की गई। पुलिस कर्मियों ने पंचायत को रोकने का प्रयास किया, तीखी नोंकझोंक के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी पर सहमति बन गई। चेतावनी दी गई है अगर आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो महापंचायत की जाएगी।

    मामला शनिवार दोपहर का है जब रटौल संत मेरी इंटर कॉलिज में इंटर का पेपर देने के लिए एक छात्रा को ले जा रहे हैं उसके भाई निखिल पर रटौल के कुछ युवकों ने चाकू से हमला बोल दिया। हमले में गोठरा निवासी युवक निखिल गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसको बागपत जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है।

    पुलिस ने मामले में चार लोगों के खिलाफ 307 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के खिलाफ गोठरा गांव में पंचायत का ऐलान ग्राम प्रधान द्वारा कर दिया गया। रविवार सुबह 9:00 बजे पंचायत आरंभ हुई मौके पर पहुंची खेकड़ा पुलिस ने पंचायत को रोकने का प्रयास किया। जिसके चलते ग्रामीणों और पुलिस कर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का मुक्की हो गई। ग्राम प्रधान द्वारा मामले को शांत कराया गया।

    चौकी इंचार्ज रटौल ने भरी पंचायत में सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर आरोपी दो दिन में गिरफ्तार नहीं हुए तो महापंचायत की जाएगी। जिसमें क्षेत्र के लोग भी शामिल होंगे इसके साथ ही पेपर देने जा रहे छात्रों की सुरक्षा का भी वादा पुलिस से लिया गया है। इस पंचायत में ग्राम प्रधान के साथ पीड़ित परिवार के लोग व सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।

  • कही ^^खरी दुनिया^^ के ही तरह ^फर्जी^ तो नही है डेढ सौ से 2 सौ अधिवक्तओं के खिलाफ मुकदमा, खरी दुनिया ने उच्चस्तरीय जांच को दाखिल किया जनहित याचिका

    कही ^^खरी दुनिया^^ के ही तरह ^फर्जी^ तो नही है डेढ सौ से 2 सौ अधिवक्तओं के खिलाफ मुकदमा, खरी दुनिया ने उच्चस्तरीय जांच को दाखिल किया जनहित याचिका


    … एसपी अविनाश पांडेय ने खरी दुनिया के सच से बौखलाकर विद्वेशपुर्ण अभियोजन को दर्ज करा चुके है फर्जी तीन मुकदमे, कही दिवानी कचहरी की घटना भी तो नही है फर्जी की जांच के लिए खरी दुनिया ने उच्चस्तरी जांच के लिए योजित किया है जनहित याचिका


    ब्रह्मा नन्द पांडेय – एडवोकेट हाईकोर्ट इलाहाबाद


    मऊ। वतौर एसपी अविनाश पांडेय के कार्यकाल में दर्ज मुकदमें में अधिकांश के फर्जी और तथ्यहीन होने की आशंका को लेकर ‘‘खरी दुनिया’’ ने बीते 28 फरवरी 2024 को दिवानी कचहरी में पुलिस हिरासत से असलहेधारियों को भगाए जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए खरी दुनिया ने जनहित याचिका का सहारा लिया है।

    सच बोलने वाले के खिलाफ कार्यवाही करने मे इंट्रेस्टेड रहे एसपी अविनाश पाडेय ने कही उसी तरह से तो नही डेढ सौ से 200 अधिवक्ताओं के खिलाफ नही मुकदमें कायम कर दिए जैसे उन्होने खरी दुनिया के खिलाफ फर्जी तौर से कायम कर अपनी कालर टाईट की है।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार पत्रकार वकील को अक्सर अपने पदीय अधिकारों के दुरूपयोग में ले कर विद्वेषपुर्ण अभियोजन की कार्यवाही उनके पूरे कार्यकाल में चर्चाओं मे ंरही है। एसपी ने विद्वेशपूर्ण अभियोजन में खरी दुनिया के ख्लिफ 3 मुकमदें कायम कराए है जिससे प्रभावित होकर बीते 28 फरवरी 2024 को दिवानी कचहरी में पुलिस हिरासद से अधिवक्ताओं के द्वारा असलहेधारियो को भगाने का आरोप तो नही लगाया गया है! की निष्पक्ष जांच के लिए खरी दुनिया ने जनहित याचिका का सहारा लिया है।

    एसपी के इस दर्ज मुकदमें में एक पत्रकार का भाई के साथ अधिवक्ताओं को आरोपित किया गया है।

  • मऊ मे पुलिस से बदमाशों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की घटना के ४८ घंटे बाद भी नही लगा सुराग

    मऊ मे पुलिस से बदमाशों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की घटना के ४८ घंटे बाद भी नही लगा सुराग

    –अयोध्या और वाराणसी मे हुई ऐसी ही घटना की विवेचना मे बड़ी घटना बनने से नही रुक पाई , फिर मऊ की घटना पर पुलिसिया चुप्पी क्यो

    — घटना के समय दीवानी परिसर मे लगे सीसी टीवी कैमरो से फुटेज तक नही निकाला जाना और अनावरण को सार्वजानिक नही किये जाने से कोतवाली पुलिस सवालो के घेरे मे है

     (ब्रह्मा नंद पाण्डेय - एडवोकेट हाई कोर्ट)

    मऊ। दीवानी कचहरी मे पुलिसिया हिरासत से असलहेधारियों को छुड़ाने वालो को कोतवाली पुलिस द्वारा जानबूझकर बचाने मे पदीय अधिकारों के दुरूपयोग की खबर है। पुलिस जानबूझकर “कास्टोडियन इंट्रोगेशन” से आरोपी की शीनाख्त को छुपाने मे परिसर मे लगे सीसी टीवी कैमरे से फुटेज को लेकर मुह नही खोल रही है।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार दीवानी परिसर मे सुरक्षा मे लगे पुलिस कर्मचारियों की बिना सहमति के जबरदस्ती चार पहिया वाहन के पीछे से होकर घुसे असलहेधारियों को पुलिस की हिरासत से अधिवक्ताओं पर दबाव बनाकर छुड़ाने का सुरक्षा मे लगे एक उपनिरीक्षक द्वारा मामले मे अभियोग पंजीकृत किया गया है। घटना के दौरान दीवानी परिसर मे पहुंची पुलिस द्वारा हिरासत मे लिए गये अन्य लोगो को क्यो छोड़ा गया ? यह भी कोतवाली पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली को इंगित करता है।

    दीवानी मे असलहा लेकर असलहेधारी जबरदस्ती क्यो प्रवेश किये ? को लेकर न तो कोई पूछताछ हुई न ही पुलिसिया हिरासत से असलहधारियों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की घटना के ४८ घंटे बीतने के बाद पुलिस चिन्हित ही कर पाई है।

    “खरी दुनिया” के हाथ लगे कुछ फुटेज से घटना गंभीर प्रकृति की लग रही है। असलहेधारियों का जबरदस्ती दीवानी मे प्रवेश अयोध्या और वाराणसी दीवानी कचहरी मे हुई वारदात की याद ताजा कर रहा है। सूत्रों की माने तो दीवानी का बिकाऊ एक अधिवक्ता असलहाधारियों को पुलिस हिरासत से छुड़ाने मे दबँगई की है।

    इसी अधिवक्ता को बचाने के लिए कोतवाल अनिल सिंह के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे अब तक मनमानी की जा रही है। उधर सीओ सिटी अंजनी कुमार मिश्रा ने खरी दुनिया से बातचीत मे आरोपियों के गिरफ्तारी पर किये गये सवाल पर एक ब्यक्ति के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही किये जाने की बात बताई है।

    दर्ज आरोप के मुताबिक सजा को ७ साल से कम का बताकर विवेचना को दर्ज आरोप तक ही सही मानकर आरोपियों को बचाये जाने की बात कही जा रही है जबकि घटना गंभीर प्रकृति की देखी जा रही है। पुलिस मामले की विवेचना मे पुलिस की हिरासत से असलहेधारियो को छुड़ाने वाले अधिवक्ता की शीनाख्त क्यो नहींकर रही है? फिलहाल सवाल बना हुआ है।

    फेयर् इन्वेस्टीगेशन को लेकर “खरी दुनिया” ने अदालत मे अर्जी लगाने की योजना बना ली है। कल यानी शनिवार को खरी दुनिया द्वारा मा उच्च न्यायालय मे याचिका दाखिल की जाएगी।