Category: ईमानदार भ्रष्टाचारी

  • मऊ मे एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ हाई कोर्ट मे मुकदमा

    मऊ मे एसपी रहे अविनाश पाण्डेय के खिलाफ हाई कोर्ट मे मुकदमा

    अविनाश ने खरी दुनिया पर झूठे आरोप लगा दर्ज किया मुकदमा तो, खरी दुनिया ने एसपी के अपराधिक कृत्य का साक्ष्य लगा अदालत मे लगाई अर्जी


    — बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने मद मे कानून का उल्लंघन कर खरी दुनिया के खिलाफ किया है विद्वेषपूर्ण अभियोजन


    — आई पी एस अविनाश की सजा के लिए अवमान अधिनियम है खरी दुनिया के साथ


    ( ब्रह्मा नंद पाण्डेय – अधिवक्ता हाई कोर्ट इलाहाबाद )


    प्रयागराज/ मऊ। कानून की खिलाफत करने वाला हमेसा “खरी दुनिया” के निशाने पर रहा है। जिसने मे भी कानून तोड़कर अपने “मद” मे जनता के साथ धोखा किया उसको उसके किये की सजा दिलाने के लिए “खरी दुनिया” हमेशा कानून के रास्ते से उसी रास्ता चुनने के लिया बाध्य किया है। खरी दुनिया के प्रयास मे जनपद मऊ मे बतौर पुलिस अधीक्षक तैनात रहे अविनाश पाण्डेय है। ये साहब कानून के खिलाफ जाकर पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करने मे अवमान अधिनियम की जद मे गये है।


    बताते चले कि बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय को सच पसंद नही होता था। किसी की भी सच बात उनके गले से नीचे नही उतरती थी। इस दौरान् बतौर एसपी अविनाश ने अपने पूरे कार्यकाल सच को झूठ, झूठ को सच बनाने का जो खेल खेला उसमे कई निर्दोषों मे खरी दुनिया भी बदमाश बनती गई।

    एसपी ने लोगो को डरा धमका कर खरी दुनिया के खिलाफ फर्जी मुकदमे कायम करा कर खरी दुनिया को परेशान किया। सच्ची खबरों से खार खाये अविनाश पाण्डेय द्वारा पूरे कार्यकाल मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए कई निर्दोष लोगो के खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाकर बदमाश बनाने की कोशिस की है।

    एसपी की इस करतूत को जब “खरी दुनिया” ने उजागर करना शुरु किया तो बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने खरी दुनिया के खिलाफ भी तथ्यहीन आरोप लगाकर जेल तक भेजनें मे पदीय अधिकारो का दुरूपयोग करने मे कानून की अवहेलना की। बतौर एसपी अविनाश की यही गलती उनको अदालत तक बुलाने मे खरी दुनिया के साथ हो गई। एसपी अविनाश पाण्डेय को उनके किये की सजा दिलाने के लिए अब “खरी दुनिया” अदालत मे अपने अधिवक्ता साथी सुधीर कुमार सिंह के साथ है।

    “सत्य परेशान होता है पराजित नही”

    “एसपी द्वारा खरी दुनिया के खिलाफ हुए है इस्तेमाल, मे शामिल अन्य लोगो को भी उनके किये की सजा जल्द मिलेगी, क्योकि सत्य परेशान होता है पराजित नही “

  • फर्जी दो मुकदमो के बाद अब जमानत को निरस्त करवाने को पुलिस का आवेदन

    फर्जी दो मुकदमो के बाद अब जमानत को निरस्त करवाने को पुलिस का आवेदन

    — खरी दुनिया की खबरों से चिढ़े तत्कालीन एसपी अविनाश पाण्डेय ने खरी दुनिया के बिद्वेषपूर्ण अभियोजन मे फेल होने के बाद अब “खरी दुनिया” की जमानत निरस्त करवाने मे लगे।

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)

    मऊ ( खरी दुनिया)। तत्कालीन एसपी अविनाश पाण्डेय के इंट्रेस्ट पर फर्जी मुकदमे मे दाखिल आरोप पत्र की समस्त प्रक्रियाओ को मा० उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित किये जाने के बाद अब जिला एवं सत्र न्यायालय मऊ की अदालत मे इस फर्जी मुकदमे मे “खरी दुनिया” को जारी जमानत को निरस्त करवाने को लक्ष्य बनाकर तथ्यगोपन कर आवेदन दिलवाए जाने की खबर है।

    खरी दुनिया” की तथ्य परक खबरो से चिढ़े तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय द्वारा बीते २ दिसम्बर २०२३ से दुबारा विद्वेषपूर्ण कार्यवाही मे “खरी दुनिया” को जेल मे भेजनें के लिए पदीय अधिकारों का खूब दुरूपयोग किया गया है।

    इस दौरान बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय द्वारा “खरी दुनिया” को वसूलीबाज साबित करने के लिए खरी दुनिया की खबरों से प्रभावित ग्राम प्रधान देवदह के फर्जी तहरीर पर अपराध संख्या २५०/२०२३ अंतर्गत धारा भा०द्० वि ० ३८९,५०६ मे दूसरा फर्जी मुकदमा क़ायम करा कर इस फर्जी जमानतीय अपराध मे “खरी दुनिया” की अविधिपूर्ण तरीके से गिरफ्तारी बाद आदलत से असफलता मिलने के बाद खरी दुनिया को पुलिस को जेल भेजनें मे विफल होना पड़ा ।

    इस मुकदमे ग्राम प्रधान सुजाता चौहान के पति द्वारा बिज्ञापन प्रकाशन को ३ वर्ष पहले दी गई रकम को रंगदारी का फर्जी आधार बनाकर मुकदमा कायम किया गया।

    .. सुजाता के पति अशोक चौहान द्वारा दी गई रकम पर फर्जी फसाने के आरोप पर खरी दुनिया और अशोक चौहान के बींच हुई वार्ता मे अशोक चौहान द्वारा रकम को उधार का करार देती आडिओ…

    वर्ष २०२३ के दिसम्बर मे ही एसपी द्वारा रुपेश कुमार पांडेय से फर्जी तहरीर लेकर भा० द० वि ० की धारा ३८६ साहित कई धाराओ मे फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले मे “कानूनन” अपराध नही बनने के कारण खरी दुनिया को जेल मे ठूंसने मे फेल हुए मुकदमा वादी रुपेश कुमार पाण्डेय और तत्कालीन एसपी अविनाश पाण्डेय को यहा भी चैन नही मिला तो

    तथ्यगोपन कर वर्ष २०२२ मे फर्जी मामले मे जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक शुक्ला द्वारा कोतवाली मे खरी दुनिया के खिलाफ दर्ज अपराध संख्या 257/२२ मे जिला न्यायाधीश की अदालत से जारी जमानत को निरस्त करवाने के लिए इस तथ्य को छुपाकर की इस अपराध संख्या मे मा० हाई कोर्ट द्वारा समस्त प्रक्रियाओ पर रोक लगाई गई है, आवेदन दिया गया है।

    खरी दुनिया ने दाखिल किया अनिल सिंह के खिलाफ हाई कोर्ट इलाहाबाद मे कंटेम्पट

    इंस्पेक्टर कोतवाली अनिल सिंह ने खरी दुनिया की जमानत को निरस्त करवाने के लिए जानबूझकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मऊ की अदालत मे तथ्यगोपन करते हुए मिथ्यासाक्ष्य दिया है। “खरी दुनिया” ने इंस्पेक्टर कोतवाली को उनके किये की सजा दिलाने के लिए अवमानना अधिनियम का सहारा ले कॉन्टेम्पट दाखिल कर दिया है।

    ग्राम पंचायत देवदह के विकास कार्यो की जाँच को उच्च न्यायालय का आदेश

    ग्रम् प्रधान देवद अशोक चौहान की गाव मे विकास के नाम पर सरकारी मजदूरी तक को अपने खाते मे उतार लिया गया है। विकास के नाम पर आधा अधूरा कार्य कराकर सरकारी धनों की की गई बंदरबाट की जिलाधिकारी को जाँच करने के लिए मा ० हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। जिलाधिकारी यह जाँच6 हफ्ते मे पुरी करेंगे।

  • मऊ के देवदह ग्राम सभा मे वित्तीय अनियमितताओं की 6 हफ्ते मे जाँच पुरी करेंगे डीएम

    मऊ के देवदह ग्राम सभा मे वित्तीय अनियमितताओं की 6 हफ्ते मे जाँच पुरी करेंगे डीएम

    मऊ। विकास खंड रतनपुरा के देवदह ग्राम पंचायत मे ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा सरकारी धनों की की गई बंदरबांट की जाँच के लिए मा० उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी मऊ 6 सप्ताह के अंदर पुरा करने का आदेश दिया है। जाँच पिछले 1 साल से जाँच अधिकारी के यहा अटकी थी।

    जनपद के विकास खण्ड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह में ,राजवित्त ,मनरेगा और शौचालय आदि निर्माण में हुई अनियमितताओं के सम्बंध में ब्रम्हानन्द पाण्डेय के द्वारा दिये गये शिकायती पत्र पर जिलाधिकारी मऊ ने अपने आदेश दिनांक 22 /11/2022 के द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी मऊ को अध्यक्ष और अधिशाषी अभियंता जल निगम मऊ को सदस्य नामित करते हुये जांच समिति बनाकर 15 दिन के अंदर से स्थलीय जांच / सत्यापन करते हुये जांच आख्या की मांग किया ।


    जिलाधिकारी मऊ के उक्त आदेश के एक वर्ष चार माह बीत जाने के बाद जब जांच पूरी नही हुई तब ब्रम्हानन्द पाण्डेय ने जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ,जिसकी दिनांक 28/2/2024 को सुनवाई करते हुये उच्च न्यायालय ने आदेश की तिथि से 6 सप्ताह के अंदर जांच को पूरा करने का आदेश दिया


    उक्त आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह की बहस सुनकर पारित किया

  • पुलिस हिरासत से असलहाधारियों को भगाने वाले अधिवक्ता को बचा रहे कोतवाल

    पुलिस हिरासत से असलहाधारियों को भगाने वाले अधिवक्ता को बचा रहे कोतवाल

    दीवानी परिसर मे असलहे के साथ जबरद्स्ती घुसे बदमाशों को अधिवक्ता द्वारा पुलिस हिरासत से छुड़ाने का मामला

    — असलहाधारी बदमाशों को पुलिस की हिरासत से भगाने वाले अधिवक्ता को मुड़कमा वादी नही पहचानते, घटना स्थल पर मौजूद सीसी टीवी की फुटेज ही है अधिवक्ता की संलिप्त्ता का साक्ष्य

    मऊ। दीवानी कचहरी मे असलहाधारियों को घुसाकर पुलिस की हिरासत से उनको छुड़ाने वाले अधिवक्ता को मुकदमा दर्ज कराने वाले पुलिस कर्मचारी द्वारा नही पहचाने जाने की खबर है। अब मामले के विवेचक को घटना स्थल के पास मौजूद सीसीटीवी के फुटेज को खंगालना विधिक मजबूरी बन गई है।


    मामले के मुकदमा वादी रामाश्रय गुप्ता ने खरी दुनिया से बातचीत मे इस बात का खुलासा किया है। जिस ब्यक्ति ने दीवानी परिसर का मुख्य गेट को बिना सुरक्षा मे लगे सिपाहियों की सहमति के खोलने का काम किया है, उसको पुलिस ने मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।

    घटना के २४ घंटे बीतने को है पुलिस की हिरासत से असलहेधारियों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता को समाचार लिखे जाने तक पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी है। मामला शासकीय कार्य मे लगे पुलिस कर्मचारियों के कार्यो मे बाधा डालने वाला अति गंभीर है।

    उधर सूत्रों पर यदि यकीन करे तो असलहेधारी एक ऐसे अधिवक्ता के बुलावे पर आये थे जो अपने क्लाइंट के हित से अधिक बिपक्षियों के हित को सर्वोपरि रखता है और बिपक्षियों से मिलकर क्लाइंट की सहमति के बगैर मुकदमा वापस करा देता है।

    पुलिस इस अधिवक्ता को जानती और पहचानती है लेकिन जानबूझकर उसको सरकारी कार्य मे बाधा डालने के आरोप मे गिरफ्तार नही कर रही है।

  • मऊ मे फर्जी मुकदमे मे खरी दुनिया के खिलाफ आरोप पत्र की तैयारी मे पुलिस

    मऊ मे फर्जी मुकदमे मे खरी दुनिया के खिलाफ आरोप पत्र की तैयारी मे पुलिस


    — ग्राम प्रधान ने विज्ञापन छपने के बदले मे 3 साल पहले दी गई रकम को खिलाफ खबर छपते ही उधारी की दी करार, फिर पुलिस ने बनाया रंगदारी का इतिहास, दर्ज किया फर्जी मुकदमा


    (तथ्य से सत्य तक)


    मऊ। “खरी दुनिया” को बिज्ञापन की रकम दिये ग्राम प्रधान के काले कारनामो का प्रकाशन होते ही, ग्राम प्रधान ने बिज्ञापन मद मे दी रकम को उधार लिया बताते हुए मांगने पर खरी दुनिया पर खबरें प्रकाशित करने का लगाया आरोप तो खबरों से खार खाई पुलिस ने ग्राम प्रधान द्वारा विज्ञापन मद मे दी गई रकम को “रंगदारी” मे ली गई रकम का आरोप लगा “खरी दुनिया” को जेल भेजनें मे फर्जी मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र देने की तैयारी मे जुट गई है।

    ” पुलिस् ने खरी दुनिया की इस ऑडिओ क्लिप का जानबूझकर नही लिया संज्ञान् , आरोप पत्र बाद इसी आदियों क्लिप के साथ पुलिसिया आरोप पत्र को चुनौती देने की तैयारी मे है”

    तथ्य् के अनुसार विकास खंड रत्नपुरा के देवदह ग्राम प्रधान द्वारा वर्ष 2020 मे उनके मुटाविक बिज्ञापन प्रकाशन बाद खरी दुनिया के खाते मे दी गई रकम को ग्राम प्रधान ने 3 साल बाद उसी रकम को इधारी की बता कर खरी दुनिया पर उधारी की रकम को माँगने पर खबर प्रकाशन का आरोप लगाया गया।

    “खरी दुनिया” की खबरों से खार खाये एसपी को मौका मिला और उन्होंने मामले मे खरी दुनिया के खिलाफ थाना हलधरपुर मे अपराध संख्या २५०/२3 अंतर्गत धारा 389,506 का अपराध दर्ज कर तुरंत खरी दुनिया की गिरफ्तारी कर ली।

    जबकि मुकदमे के मुताविक अपराध जमानतीय था और पुलिस को ही जमानत पर आरोपी को रिहा किया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने खरी दुनिया को जेल भेजनें की मंशा से रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जहा पर डांट सुनने के बाद विभेचक ने पीबी पर हस्ताक्षर करवाते हुए 41ए की नोटिस पर भी हस्ताक्षर करवाए थे।

    इस मामले के सिवाय पूर्व के एक मामले मे पुलिस ने गिरफरारी दौरान अदालती आदेशों की अवहेलना भी करने से बाज नही आई जिसको लेकर खरी दुनिया ने अवमान अधिनियम का सहारा लेते हुए मा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटया है।

    जमानतीय अपराध मे गिरफ्तारी दौरान अदालती आदेश की अवमान मे , अब हाई कोर्ट घूमेगी पुलिस


    मऊ । खरी दुनिया के खिलाफ विद्वेषपूर्ण अभियोजन मे पुलिस ने अदालती आदेशों को भी ताक पर रखने से पीछे नही हटी है। पुलिस गिरफ्तारी दौरान मा० सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्री डी के बसू बनाम पश्चिम बंगाल मे पारित दिशा निर्देशों का पुलिस ने उल्लंघन किया है।

    हालाँकि पुलिस द्वारा खरी दुनिया की गिरफ्तारी दौरान ही अदालती आदेशो की अवहेलना नही की गई है।

    पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के कार्यकाल मे जिन भी मामलो मे गिरफ्तारी हुई है उसमे से अधिकांश मामलो मे गिरफ्तारीं दौरान मा उच्चतम न्यायालय के द्वारा श्री डी के बसु बनाम् पश्च्छिम बंगाल के मामले मे परित दिशा निर्देशों की खुलेआम् अवहेलना की गई है। खुद के खिलाफ पुलिसिया इस अपराधिक कृत्य को लेकर “खरी दुनिया” ने अवमान अधिनियम का सहारा लिया है।

    ग्राम प्रधान से वर्ष 2020 के बाद 2023 मे कुल ८ बार ही उसकी मोबाइल पर वार्ता हुई है। इसके बाद ग्राम प्रधान से खरी दुनिया की कभी बात नही हुई है।

  • मऊ मे निजी नर्सिंग होम संचालको से लिफाफे लेकर एसपी ने “खरी दुनिया” को दिलवाई थी धमकी

    मऊ मे निजी नर्सिंग होम संचालको से लिफाफे लेकर एसपी ने “खरी दुनिया” को दिलवाई थी धमकी

    एसपी अविनाश पाण्डेय द्वारा अपने कर्मचारी से “खरी दुनिया” को दिलवाई गई धमकी भरी चेतावनी का साक्ष्य

    मऊ। जिले के अवैध निजी नर्सिंग होम संचालको से दूरी दर्शा कर “लिफाफा” वसूलने वाले पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय ने इन हॉस्पिटलो से संबंधित “खरी दुनिया” द्वारा प्रकाशित खबरों को दबवाने के लिए ही अपने कर्मचारी से “खरी दुनिया” को “धमकी” भरी चेतावनी दिलवाई थी।

    एसपी की धमकी के बाद खबरों का प्रकाशन नही रुकने पर एसपी ने “खरी दुनिया” के खिलाफ इन अबैध निजी हॉस्पिटलो से लिफाफा लेकर “खरी दुनिया” के खिलाफ विद्वेषपूर्ण अभियोजन मे फर्जी मुकदमे मे मिथ्या साक्ष्य गढ़ कर खरी दुनिया को जेल मे डाला था।

    एसपी के इस अपराधिक कृत्य का खुलासा तब हुआ जब एसपी ने अपने कार्यकाल के अंतिम दौर मे चिकित्सकों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे शिरकत कर सम्मान लेने का काम किया।

    खरी दुनिया को उसके मोबाइल पर सर कलम करने की धमकी देने वाले अवैध हॉस्पिटल संचालक की रिकॉर्डेड धमकी पर एसपी ने आरोपी से लिफाफा ले नही की आज तक विधिक कार्यवाही

    बहरहाल लिफाफे की “जल्दी” मे “खरी दुनिया” के खिलाफ एसपी का अपने मातहतो के साथ साजिस रचकर उसे निर्दोष होते हुए दोषी बनाने के खेल मे एसपी साहित दो अन्य कर्मचारी भी अदालती आदेश को भी ताक पर रख कर अवमान का अपराध कर चुके है।

    “खरी दुनिया” ने IGRS के माध्यम से पुलिस महानिदेशक से मामले मे विभागीय कार्यवाही को आवेदन दे चुका है।

  • ईडी ने केजरीवाल को सातवीं बार समन भेजा, सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया

    ईडी ने केजरीवाल को सातवीं बार समन भेजा, सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया

    नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में सातवीं बार समन भेजा है। ईडी ने केजरीवाल को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया है।

    ईडी मुख्यमंत्री को इससे पहले भी छह बार समन भेज चुकी है, लेकिन वह किसी न किसी वजह से ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए।

    उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल को पिछले साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस वर्ष 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा था। इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह अभी जेल में हैं।

  • ईडी ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह मामले में चीकू को गिरफ्तार किया

    ईडी ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह मामले में चीकू को गिरफ्तार किया

    नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू को गिरफ्तार किया है।

    आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू को गिरफ्तार किया है।

    चीकू को पंचकुला में धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उसे पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

    उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 5 दिसंबर, 2023 को हरियाणा और राजस्थान में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गिरोह और खालिस्तानी आतंकी समूहों के नजदीकी गूर्गे चीकू और अन्य से संबंधित 13 परिसरों पर छापेमारी की थी। ईडी का आरोप है कि चीकू ने अपने सहयोगियों के जरिये अवैध खनन, शराब और टोल व्यवसाय में अपराध से मिली रकम का निवेश किया है।

  • रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया लेखपाल, छुड़ा ले गए सहयोगी

    रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया लेखपाल, छुड़ा ले गए सहयोगी

    मीरजापुर। एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को चुनार तहसील में एक लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसकी जानकारी मिलते ही सहयोगी लेखपाल एवं उसके रिश्तेदार एंटी करप्शन टीम से भिड़ गए और आरोपी लेखपाल छुड़ा ले गए।

    चुनार तहसील में एक किसान से खसरा के नाम पर लेखपाल ने दो हजार रुपये की रिश्वत ली। एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। इसकी जानकारी होते ही सहयोगी लेखपालों व उसके रिश्तेदार एंटी करप्शन टीम से भिड़ गए और उसे टीम से छुड़ा ले गए।

    क्षेत्राधिकारी चुनार अशोक कुमार सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन टीम की तहरीर पर पांच नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ सुसंगत घाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कार्रवाई की जा रही है।

  •  सीबीआई कोर्ट ने व्यापमं मामले के सात दोषियों को सुनाई सात-सात साल का सजा

     सीबीआई कोर्ट ने व्यापमं मामले के सात दोषियों को सुनाई सात-सात साल का सजा

    भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं गड़बड़ी मामले में अब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जारी है। इसी क्रम में राजधानी भोपाल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को एक दशक पुराने व्यापमं मामले (अब मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड-एमपीईएसबी) में सात दोषियों को सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

    सीबीआई के न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया ने यह फैसला सुनाया है। उन्होंने पांच उम्मीदवारों और दो सॉल्वरों को आईपीसी की सांबंधित धाराओं और मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त शिक्षा (एमपीआरई) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया। पांचों अभ्यर्थियों की पहचान मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी और आशीष शर्मा के रूप में हुई, जबकि सॉल्वरों की पहचान सुनील श्रीवास्तव और अवधेश गोस्वामी के रूप में हुई है।

    सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पांडे ने बताया कि साल 2013 में व्यापमं की ओर से आयोजित मध्यप्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान पांचों उम्मीदवारों ने साल्वरों की मदद से परीक्षा दी। परिणामस्वरूप सभी पांच उम्मीदवारों ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2013 उत्तीर्ण की। मामला सामने आने पर केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। सीबीआई ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया।