Category: ईमानदार भ्रष्टाचारी

  • सीबीआई ने रिश्वत मामले में तीन रेलकर्मियों सहित चार को किया गिरफ्तारी

    सीबीआई ने रिश्वत मामले में तीन रेलकर्मियों सहित चार को किया गिरफ्तारी

    नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के दो अलग-अलग मामलों में रेलवे जोन के दो वरिष्ठ खंड इंजीनियरों और एक सहायक मंडल विद्युत अभियंता सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

    सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक पहले मामले में आरोपित वरिष्ठ अनुभाग अभियंता तिरूपति (आ.प्र.) गंता राम मोयहाना राव और सहायक मंडल विद्युत इंजीनियर तिरूपति (आ.प्र.) अप्पाला राजू का नाम शामिल है। एक अन्य मामले में आरोपित सानपाड़ा से वरिष्ठ अनुभाग अभियंता क्षितिज निकम और किरण भारत कंड्यूट (बिचौलिया) को गिरफ्तार किया गया है। दोनों मामलों में आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

    दोनों मामलों में जांच जारी है। पहले मामले में आरोपितों को आज शनिवार को को कुर्नूल में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया और उन्हें 1 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आरोप है कि लंबित बिल को मंजूरी देने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। शिकायतकर्ता (एक निजी कंपनी के निदेशक) को तिरुपति में डिपो व शेड की वाशिंग व खराब लाइनों में एचओजी कोचों के रखरखाव के लिए 750 वोल्ट बिजली आपूर्ति की स्थापना के लिए 2.56 करोड़ रुपये (लगभग) की रेलवे निविदा आवंटित की गई थी।

    दूसरे मामले में सीबीआई ने शिकायतकर्ता से उसका बिल पास करने और सीआरएन जारी करने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। आरोपित सानपाड़ा से वरिष्ठ अनुभाग अभियंता क्षितिज निकम ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से पेटीएम के माध्यम से बिचौलिए को हस्तांतरित करने के लिए रिश्वत राशि के रूप में 3 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी।

    शिकायतकर्ता दिल्ली में एक फर्म चला रहा था और मध्य रेलवे को सामग्री की आपूर्ति का काम कर रहा था। अगस्त 2023 में शिकायतकर्ता की फर्म को मध्य रेलवे संपदा स्टोर डिपो से 3000 किलोग्राम हल्के वजन वाले बॉडी फिलर की आपूर्ति का ठेका मिला और फर्म ने अक्टूबर 2023 सामान की आपूर्ति की।

  • लग्जरी कार से चलने वाले उमेशनाथ महाराज के पास कोई जमीन नहीं

    लग्जरी कार से चलने वाले उमेशनाथ महाराज के पास कोई जमीन नहीं

    भोपाल। मध्य प्रदेश से राज्यसभा की पांच रिक्त सीटों के लिए आगामी 27 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन गुरुवार को पांचों उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इनमें भाजपा के चार और कांग्रेस का एक उम्मीदवार शामिल हैं। पांच सीटों के लिए पांच उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं, इसलिए यहां राज्यसभा का निर्वाचन निर्विरोध होना लगभग तय है।

    भाजपा के चारों उम्मीदवार उमेशनाथ महाराज, बंसीलाल गुर्जर, डॉ एल. मुरुगन और माया नारोलिया के साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार अशोक सिंह ने भी गुरुवार को विधानसभा पहुंचकर पार्टी नेताओं की मौजूदगी में रिटर्निंग अधिकारी को अपने नामांकन सौंपे। भाजपा के चारों राज्यसभा प्रत्याशियों ने नामांकन के साथ जमा किए शपथ पत्र में अपनी चल-अचल संपत्ति की भी जानकारी दी है।

    भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाए गए वाल्मीकि धाम के पीठाधीश बाल योगी उमेशनाथ महाराज ने शपथ पत्र में जानकारी दी है कि उनके पास 27 लाख की लग्जरी इनोवा क्रिस्टा और दो लाख एम्बेसेडर कार भी है, लेकिन उनके पास कोई जमीन नहीं है। उनकी आजीविका दान-दक्षिणा से चलती है। 60 वर्षीय उमेशनाथ के पास 1.81 लाख रुपये नगद और बैंक में 16.58 लाख रुपये जमा हैं। वे साक्षर हैं। उनके पास कुल 47.39 लाख रुपये की संपत्ति है।

    डॉ एल. मुरुगन के खिलाफ 23 प्रकरण दर्ज, तीन कोर्ट में

    भाजपा के मध्यप्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी डॉ एल. मुरुगन ने शपथ पत्र में जानकारी दी है कि उनके खिलाफ 23 प्रकरण दर्ज हैं। इनमें से तीन मामले कोर्ट में हैं। उनके पास 45 हजार रुपये नगद और बैंक में 22.50 लाख रुपये जमा हैं। उनकी पत्नी के पास 70 हजार रुपये नगद और बैंक में 6 लाख रुपये और बेटे एमके धरनीश के पास 5,000 नगद और बैंक में 1,000 रुपये जमा हैं। डॉ मुरुगन के खुद के पास स्विफ्ट (5 लाख), पत्नी के पास होंडा एक्टिवा (40 हजार) है। वहीं, उनके पास जेवर 11 लाख रुपये कीमत का 240 ग्राम सोन और पत्नी के पास 33 लाख रुपये कीमत का 720 ग्राम सोना है। डॉ. एल मुरुगन के खुद के पास कुल संपत्ति 1.02 करोड़ रुपये की है। वहीं, पत्नी के पास 86.64 लाख रुपये की संपत्ति है। इसमें बीमा पॉलिसी शामिल है। उनकी अचल संपत्ति खुद के पास 69.50 लाख रुपये और पत्नी के पास 1.65 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनके ऊपर 20 लाख रुपये का लोन है। उन्होंने कानून में डॉक्टरेट की डिग्री ली है।

    बंशीलाल गुर्जर के पास नहीं है खुद की कार

    भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी 62 वर्षीय बंशीलाल गुर्जर ने एमए राजनीति विषय में किया है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण नहीं है। उनके पास 1.01 लाख रुपये नगद और बैंक में 6.78 लाख रुपये हैं। उनकी पत्नी रमादेवी के पास 8.60 लाख नगद और बैंक में 1.22 लाख रुपये हैं। गुर्जर के पास कोई वाहन नहीं है। पत्नी के नाम पर 4 लाख रुपये कीमत का मैसी ट्रैक्टर है। उनके पास 6 लाख का सोना है। पत्नी के पास 466 ग्राम सोने के जेवरात (28 लाख), 500 ग्राम चांदी के जेवर (1.75 लाख) हैं। गुर्जर के पास कुल चल संपत्ति 1.28 करोड़ रुपये है, जबकि 1.15 करोड़ रुपये का ऋण ले रखा है। पत्नी के पास 43.55 लाख रुपये की चल संपत्ति है। गुर्जर के पास 31.77 करोड़ और पत्नी के पास 3.78 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है।

    माया नारोलिया पर 6.74 लाख रुपये का कर्ज

    भाजपा की राज्यसभा प्रत्याशी 63 वर्षीय माया नारोलिया हायर सेकंडरी तक पढ़ी हैं। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उनके पास नगद 40 हजार रुपये और पति के पास 25 हजार रुपये है। बैंक में खुद के पास 2.60 लाख रुपये, पति के पास 1.24 लाख रुपये हैं। माया नारोलिया के पास 11 लाख की क्रेटा गाड़ी है। वहीं, जेवर में खुद के पास 16 तोला सोना (आठ लाख), 2.5 किलो चांदी (1.85 लाख) है। पति के पास 1.5 तोला सोना (85,000) है। माया की कुल चल संपत्ति 26.91 लाख है, जबकि पति के पास 3.12 लाख रुपये की संपत्ति है। वहीं, अचल संपत्ति खुद के पास 2.26 करोड़ रुपये, पति के पास 53 लाख रुपये है। उनके ऊपर 6.74 लाख रुपये का कर्ज भी है।

    अशोक सिंह के पास 42 करोड़ की संपत्ति, लेकिन कोई वाहन नहीं

    कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी 60 वर्षीय अशोक सिंह बीकॉम पास हैं। उन पर कोई आपराधिक प्रकरण नहीं है। उनके पास 2.50 लाख रुपये नगद और पत्नी के पास 12.44 लाख रुपय़े है। हिंदू अविभक्त परिवार खाते में 10.63 लाख रुपये हैं। उनके खुद के खाते में 20 लाख रुपये और पत्नी के खाते में 8.10 लाख रुपये जमा हैं। उनके पास 5.5 करोड़ रुपये और पत्नी के पास 1.40 करोड़ रुपये के शेयर हैं। उनके पास कोई वाहन नहीं है। उनकी कुल संपत्ति 25 करोड़ रुपये और पत्नी की 2.20 करोड़ रुपये है। परिवार के पास 85 लाख रुपये हैं। उनके पास 16.87 करोड़ रुपये की अंचल संपत्ति है, वहीं पत्नी के पास 2.61 करोड़ रुपये और परिवार के पास 5.04 करोड़ रुपये की अंचल संपत्ति है। अशोक सिंह पर 16.54 करोड़ रुपए का कर्ज है।

    गौरतलब है कि मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद भाजपा के धर्मेन्द्र प्रधान, डॉ. एल मुरुगन, अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी और कांग्रेस से राजमणि पटेल का कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है। जिसके चलते प्रदेश से राज्यसभा की उक्त पांचों सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किए गए कार्यक्रम के अनुसार आठ फरवरी से शुरू हुई नामांकन की प्रक्रिया का गुरुवार को अंतिम दिन था। शुक्रवार, 16 फरवरी को नामांकनों की जांच होगी और 20 फरवरी तक नामांकन फॉर्म वापस लिए जा सकेंगे। पांच सीटों के लिए पांच उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं, इसिलए यहां निर्विरोध निर्वाचन होना तय है।

  • भ्रष्टाचार में फंसे द्रमुक मंत्री सेंथिलबालाजी ने पद छोड़ने के बाद मांगी जमानत

    भ्रष्टाचार में फंसे द्रमुक मंत्री सेंथिलबालाजी ने पद छोड़ने के बाद मांगी जमानत

    चेन्नई । राज्य मंत्रिमंडल से अपने इस्तीफे का हवाला देते हुए द्रमुक नेता वी. सेंथिलबालाजी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में मद्रास उच्च न्यायालय (एमएचसी) के समक्ष अपनी जमानत याचिका में संशोधन किया है। सेंथिलबालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का भी हवाला दिया कि सह-अभियुक्त की अनुपस्थिति जमानत से इनकार करने का आधार नहीं हो सकती क्योंकि सेंथिलबालाजी की जमानत से इनकार करने से पहले अदालत की इस प्रकार की कुछ मुख्य टिप्पणियां थीं।

    सेंथिलबालाजी की जमानत याचिका पर जस्टिस एन. आनंद वेंकटेश ने सुनवाई की। वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम ने कहा कि उनका मुवक्किल सीआरपीसी की धारा 439 और पीएमएलए की धारा 45 से संतुष्ट है। इसलिए, वह जमानत का हकदार है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय -ईडी के अधिकारियों द्वारा उनके मुवक्किल के घर से जब्त किए गए डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी, और प्रस्तुत किया कि पूर्व मंत्री के खिलाफ उनका मामला पूरी तरह से एक तरफा सबूतों पर आधारित है।

    यह भी बताया गया कि जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्य यानी पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क संदिग्ध हैं। वकील ने कहा कि जब्त किए गए सबूतों को अदालत में जमा करने से पहले छह दिनों तक विशेष रूप से जांच एजेंसी के पास रखा गया था, इसलिए उनकी हिरासत में इसके साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। वकील ने यह कह कर संदेह जताया कि ईडी द्वारा दो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हैं। पहली रिपोर्ट में कहा गया है कि जब्त पेन ड्राइव में 284 फाइलें हैं, जबकि दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेन ड्राइव में 472 फाइलें मिली हैं। इसके अलावा, जब्ती के बाद पेन ड्राइव में कई नई प्रविष्टियां मिलीं। वकील ने कहा, उनके मुवक्किल से जब्त की गई हार्ड डिस्क ईडी द्वारा अदालत में जमा की गई हार्ड डिस्क से अलग है, इसके अलावा, डिजिटल साक्ष्य की फॉरेंसिक रिपोर्ट के बीच भी विरोधाभास है।

    उनके वकील ने कहा, “सेंथिलबालाजी की जमानत को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि ईडी ने तर्क दिया है कि उनके भाई अशोक कुमार की फरारी है। वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में माना है कि सह-अभियुक्तों की फरारी जमानत से इनकार करने का आधार नहीं है।” वकील ने आगे यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को 270 दिनों से अधिक समय तक जेल में रखा गया और उन्होंने जमानत मांगी। प्रस्तुतीकरण के बाद, न्यायाधीश ने मामले को ईडी के प्रस्तुतीकरण के लिए 15 फरवरी तक के लिए पोस्ट कर दिया।

  • ग्राम प्रधान इटौरा डोरीपुर को डीएम मऊ की नोटिस, 7 लाख 95 हजार से अधिक का गबन

    ग्राम प्रधान इटौरा डोरीपुर को डीएम मऊ की नोटिस, 7 लाख 95 हजार से अधिक का गबन

    —-15 दिन में स्पष्ट जवाब देने का दिया निर्देश
    स्थलीय जांच में 795 961 रुपए के गबन का हुआ खुलासा

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय )

    मऊ(खरी दुनिया)। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा ने घोसी ब्लॉक के इटोरा डोरी प्रोग्राम पंचायत के प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी को 795961 रुपए की सरकारी धन के गबन का दोषी पाया है। तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।

    जारी आदेश में जिलाधिकारी ने कहा है कि इटौरा डोरीपुर गांव के शिकायत कर्ता रीतेश राजभर कि शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी अरुण कुमार ने नवंबर 2023 को जांच समिति का गठन कर जांच क्या 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था जांच समिति में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी तथा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी।

    जिलाधिकारी द्वारा दी गई समयावधि बीत जाने के बाद जांच रिपोर्ट 17 नवंबर को जांच टीम गांव में पहुंची तो प्रधान और सेक्रेटरी गांव में मौजूद ही नहीं थे। प्रधान को फोन करके जांच समिति ने मौके पर बुलाया तो वह 2 घंटे बाद पहुंचे लेकिन शिकायत संबंधी कोई भी अभिलेख जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी जांच समिति के समक्ष प्रधान न तो उपस्थित हुए और नहीं अभिलेख प्रस्तुत किया।

    इस पर शिकायतकर्ता सहित गांव के अन्य लोगों ने जांच अधिकारियों पर ही ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को गांव में विकास कार्यों की निवेश बदलने का समय देने का आरोप लगाने लगे बाद में जाट समिति में नौ बिंदुओं से संबंधित विकास कार्यों की अभिलेखीय और स्थलीय जांच की। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मैं लिखा है कि ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी में गांव में कई विकास कार्यों के नाम पर बिना कोटेशन और गांव में खुली बैठक के ही साधना ट्रेडर्स मूंग मास और भावनपुर की एक संस्था को डेस्क बेंच और ह्यूम पाइप आदि का भुगतान किया गया दर्शाया गया है।

    स्थलीय जांच में परिषदीय विद्यालय में डेस्क बेंच लगे नहीं मिले। नव बिंदु पर जांच रिपोर्ट में समिति ने 7 लाख 95 हजार 961 रुपए का गबन का आरोप ग्राम प्रधान अनुपमा देवी और सेक्रेटरी पर लगाते हुए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित कर दिया।

    जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया है जिलाधिकारी ने वीडियो घोषित खंड विकास अधिकारी घोसी को आदेश दिया है कि नोटिस ग्राम प्रधान को तामील करा कर उसकी पावती अधोहस्ताक्षरी को तुरंत भेजें।

    उधर ग्राम पंचायत में विकास कार्य में हुई अनियमितता की शिकायत करने वाले रितेश राजभर और उसके परिजनों को ग्राम प्रधान की ओर से लगातार धमकियां दी जा रही थी और शिकायत को वापस लेने का दबाव डाला जा रहा था जिसकी शिकायत उसने पुलिस अधीक्षक से की है।

    लेखक – इलाहाबाद हाई कोर्ट मे अधिवक्ता है

  • यूपीसीए में फैले भ्रष्टाचार की जांच विजिलेन्स और सीबीसीआईडी से कराने की मांग

    यूपीसीए में फैले भ्रष्टाचार की जांच विजिलेन्स और सीबीसीआईडी से कराने की मांग

    – यूपीसीए से जुड़े अधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा पत्र

    कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की जडों को उखाड फेंकने के लिए सूबे के मुख्यमन्त्री को पत्र भेजकर जांच सतर्कता विभाग अथवा सीबीसीआईडी जैसे स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की गयी है। प्रदेश क्रिकेट संघ से जुड़े अधिकारी उत्तम केसरवानी ने ही प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही शासन के आलाधिकारियों जैसे डीजीपी, खेल सचिव, कानपुर पुलिस कमिश्नर के साथ ही जिलाधिकारी के नाम भी संलग्न पत्र भेजकर मामले को जल्द ही सुलटाने की मांग दोहरायी है।

    मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में यह साफ तौर पर अंकित किया गया है कि उनके जैसे ईमानदार एवं न्यायप्रिय मुख्यमंत्री के शासनकाल में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन कानपुर में बहुत बड़ा घोटाला तथा भ्रष्टाचार बीते कई सालों से निरंतर किया जा रहा है। इन घोटालों व भ्रष्टाचार को निम्नलिखित तरीकों से दर्शाया गया है। पत्र में इंगित है कि प्रदेश की लगभग सभी आयु वर्ग की टीमों की चयन प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सम्पन्न नहीं करवायी जाती। यही नहीं टीम में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर देने के बजाए उन खिलाड़ियों को शामिल किया जाता जिनसे धन की रिश्वत ली गयी हो। उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमन्त्री को अवगत करवाया है कि चयनकर्ता धन उगाही कर खिलाड़ियों का टीम में शामिल करने का काम करते आ रहे है जिसके चलते योग्य खिलाड़ी टीम में खेलने वाले अवसर से वंचित रह जाते हैं।

    वहीं दूसरी ओर उन्होंने बताया कि हाल ही में दौरे पर गयी अंडर 14 की टीम में 15-16 खिलाड़ियों के स्थान पर 27 खिलाड़ियों का चयन किया गया था। इस टीम में मूल रुप से खेलने वाले मात्र 16-17 खिलाड़ी होते हैं। शेष सभी खिलाड़ियों को घुमाने क्रिकेट किट देने आदि के नाम पर धन की उगाही की गयी है। जबकि खिलाड़ियों के आने-जाने के टिकट मात्र पर अनुमानितः 22 हजार का खर्च उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को वहन करना पड़ता है।

    उन्होंने इस कृत्य में संघ की ओर से शामिल विवेक चटर्जी, सिद्धार्थ यादव, अनुराग व सागर आदि संलिप्त बताया है। यह सभी तथ्य संस्था के सीईओ अंकित चटर्जी के संज्ञान में भी हैं। इस प्रकार न केवल धन की बर्बादी की जाती अपितु अवैध धन की वसूली की जा रही है एवं प्रतिभाशाली योग्य खिलाड़ी वंचित रह जाते हैं। अंडर 23 वर्ग में अकरम सैफी द्वारा मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं के नाम पर मुस्लिम समुदाय के खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जा रहा है। अतः प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के हितों के दृष्टिगत मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया है कि प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच सतर्कता विभाग अथवा सीबीसीआईडी जैसे स्वतंत्र एजेंसी से कराएं ताकि संघ को बदनामी के दाग से बचाया जा सके और दोषियों को संघ से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।

  • विधायक विक्रांत भूरिया समेत कुछ कांग्रेस नेताओं को आयकर विभाग ने भेजा नोटिस

    विधायक विक्रांत भूरिया समेत कुछ कांग्रेस नेताओं को आयकर विभाग ने भेजा नोटिस

    – अलग-अलग तारीखों में आय-व्यय से संबंधित दस्तावेजों के साथ दिल्ली बुलाया

    भोपाल। झाबुआ से विधायक और मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और भिंड से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लडे़ देवाशीष जरारिया समेत कुछ कांग्रेस नेताओं को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। इन्हें इसी माह अलग-अलग तारीख में आय-व्यय से संबंधित दस्तावेजों के साथ आयकर भवन में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। देवाशीष जरारिया को 13 फरवरी और विक्रांत भूरिया को 21 फरवरी को बुलाया गया है।

    कांग्रेस के कुछ विधायकों पार्टी नेताओं को आयकर (आईटी) विभाग ने समन जारी कर दिल्ली बुलाया है। रविवार को झाबुआ से विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया और वर्ष 2019 में भिंड से कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़े देवाशीष जरारिया ने समन मिलने की पुष्टि की है। हालांकि, इन नेताओं ने कहा कि अभी उन्हें यह पता नहीं है कि समन क्यों भेजा गया है। इन्हें आयकर अधिनियम की धारा 131 के अंतर्गत समन जारी किया गया है, जिसमें साक्ष्य प्रस्तुत करने का नियम है।

    डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि हमें समन मिला है। आयकर के पास तो पूरी जानकारी है। लोकसभा चुनाव नजदीक है, इसलिए यह डराने की कोशिश है। हम डरेंगे नहीं, क्योंकि मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। उधर, देवाशीष जरारिया ने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है। ईडी और आइटी का डर दिखाया जा रहा है, पर हम डरने वाले नहीं हैं।

  • मऊ मे आत्महत्या हुई नही आत्महत्या को उकसाने मे दर्ज हो गया मुकदमा

    मऊ मे आत्महत्या हुई नही आत्महत्या को उकसाने मे दर्ज हो गया मुकदमा

    (ब्रह्मा नंद पाण्डेय )

    मऊ ( खरी दुनिया)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की पुलिस ने बिना आत्महत्या हुए आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर एक और इतिहास रच दिया है। पुलिस के इस कारनामे का उदाहरण है थाना सरायलखनसी मे भाजपा के राकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज मुकदमा ।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार मऊ जिले की पुलिस ऐसे ही एक मामले मे जिसमे धन का बिना व्यवहार हुए पुलिस द्वारा ३८६ जोड़ने के बाद उसे कुछ दिन पहले ही उच्च न्यायालय मे लानत मलानत झेलनी पड़ी है।

    फिर एक दूसरे मामले मे पुलिस ने बिद्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए बिना आत्मह्त्या हुए थाना सरायलखनसी पुलिस भाजपा नेता राकेश गुप्ता के खिलाफ अपराध संख्या ३३/२०२४ पर भा द वि की धारा ३०६/५११ मे अपराध दर्ज कर हसी का पात्र बन गई है।

    ऐसी घटनाओ को देखते हुए पुलिस को अभी और प्रशिक्षण की आवश्यकता की चर्चा शुरु हो गई है। उधर बताते चले कि विना किसी धन का व्यवहार हुए “खरी दुनिया” के खिलाफ ३८६ आदि का मुकदमा दर्ज करने के मामले मे मा उच्च न्यायालय द्वारा मांगे जाने के वावजूद पुलिस द्वारा प्रति सपथ पत्र दाखिल नही किया जा सका है।

  • पूर्व मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू पहुंचे ईडी ऑफिस

    पूर्व मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू पहुंचे ईडी ऑफिस

    रांची। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ईडी कार्यालय पहुंचे हैं। ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान अभिषेक प्रसाद के ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये थे। हालांकि ईडी के अधिकारी ने इसके पहले भी उनसे अवैध खनन मामले में पूछताछ की थी। फिलहाल ईडी के अधिकारी आर्किटेक्ट विनोद सिंह और अभिषेक से पूछताछ कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि अभिषेक के मोबाइल के व्हाट्सएप चैट को भी ईडी खंगाल रही है। साथ ही कई विषयों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।

    वहीं दूसरी और कुछ देर पहले ईडी कार्यालय में एक एम्बुलेंस अंदर गया है। अभिषेक ने ईडी को पूर्व में पत्र लिखा था, पत्र में उन्होंने लिखा था कि उनकी पत्नी की तबीयत खराब है, इसलिए पूछताछ के लिए उन्हें 22 जनवरी के बाद का समय दिया जाये। इससे पहले ईडी ने बीते छह जनवरी को अभिषेक प्रसाद को समन भेजकर 16 जनवरी को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा था। हालांकि वो ईडी ऑफिस नहीं जा पाए थे। उनसे 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले में पूछताछ की जानी थी।

  • बिजनौर एसपी ने उपनिरीक्षक समेत दो पुलिसकर्मी को निलंबित किया

    बिजनौर एसपी ने उपनिरीक्षक समेत दो पुलिसकर्मी को निलंबित किया

    बिजनौर। पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने शुक्रवार को उपनिरीक्षक और सिपाही को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

    एसपी ने बताया कि उपनिरीक्षक अजय कुमार के अधीनस्थ पुलिसकर्मी राजन द्वारा रिश्वत की मांग की गई। इस मामले में पुलिस चौकी प्रभारी अजय कुमार की भूमिका संदिग्ध मानते हुए उपनिरीक्षक अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश पुलिस क्षेत्राधिकारी अपराध को दी गई है।|

    इसी तरह एक अन्य मामले में शहर कोतवाली की जाटान चौकी में नियुक्त आरक्षी अंकुर यादव के बीट क्षेत्र में अभियुक्त विशाल को गांजा बेचते हुए गिरफ्तार किया गया था। इसमें आरक्षी अंकुर यादव को अपराध नियंत्रण में शिथिलता पाये जाने के आरोप में सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच कर पुलिस क्षेत्राधिकारी नजीबाबाद सात दिन के भीतर आख्या प्रेषित करेंगे।

  • पूर्व हिस्ट्रीशीटर को अवैध रूप से गनर उपलब्ध कराने के मामले में थाना प्रभारी निलंबित

    पूर्व हिस्ट्रीशीटर को अवैध रूप से गनर उपलब्ध कराने के मामले में थाना प्रभारी निलंबित

    गाजियाबाद। लोनी के पूर्व हिस्ट्रीशीटर चाहत राम को अवैध रूप से गनर उपलब्ध कराने के मामले में लोनी थाना प्रभारी अनिल राजपूत को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी गई है।

    पुलिस उपायुक्त ग्रामीण विवेक चंद यादव ने शुक्रवार को बताया कि निठौरा का चाहत राम पूर्व में हिस्ट्रीशीटर बदमाश रहा है। उनके पास पूर्व में एक गनर था। लोनी कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने अपने स्तर से पूर्व हिस्ट्रीशीटर को गनर मुहैया कराया था। मामला संज्ञान में आने पर गनर को हटा दिया गया था। इस मामले का संज्ञान आने के बाद उन्हें हटा दिया गया है।

    आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में छात्र की पिटाई कर झूठे केस में जेल भेजने का इंस्पेक्टर अनिल कुमार राजपूत पर मुकदमा दर्ज हुआ था। मामला लखनऊ तक पहुंचने पर अनिल राजपूत सहित 10 नामजद व पांच-छह अज्ञात के खिलाफ बीटा दो थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। गाजियाबाद में ट्रांसफर होकर आने पर उन्हें दिसम्बर में ही लोनी का कोतवाल बनाया गया था।