Category: ईमानदार भ्रष्टाचारी

  • पुलिस केस मे आरोपी पत्रकारों को पीएम के कार्यक्रम को कवरेज करने से प्रसाशन ने रोका, जारी नही किया पास

    पुलिस केस मे आरोपी पत्रकारों को पीएम के कार्यक्रम को कवरेज करने से प्रसाशन ने रोका, जारी नही किया पास


    ब्रह्मा नंद पाण्डेय – अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद


    — एक नही कई मुकदमो के धनी कई नेताओं पर जिला प्रसाशन का नही दिख रहा चाबुक, आरोपी पत्रकारों को पीएम कार्यक्रम की कववरेज पर लगा प्रतिबंध


    मऊ। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की आयोजित होने वाली जनसभा मे जिला प्रसाशन ने उन पत्रकारों को कवरेज के लिए पास जारी नही किया है, जिनके उपर पुलिस केस है। प्रसाशन की इस कारस्तानी से सच को उकेरने वाले कई पत्रकार कवरेज क्षेत्र से बाहर रहेंगे जबकि एक नही कई मुकदमो के आरोपियों को मंच तक मौजूद रहने को लेकर प्रसाशन की ओर से कोई रोक नही है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला प्रसाशन ने उन पत्रकारों को लक्ष्य बनाकर प्रधान मंत्री के कल के यानी रविवार को आयोजित होने वाली जनसभा के कवरेज मे जाने पर पाबंदी लगा दी है। प्रसाशन ने यह कारनामा उनके उपर दर्ज फर्जी मुकदमो को आधार बनाया है।

    प्रसाशन की इस कारस्तानी के चहू ओर चर्चे है। प्रसाशन की इस कारस्तानी से पत्रकारों मे जितने मुह उतनी बाते वाली कहावत को चरितार्थ होते देखा जा रहा है।

    मजे कि बात यह है कि एक नही कई मुकदमो के धनी लोग जिनके राजनितिक रसुख है, उनको कार्यक्रम स्थल पर जाने से प्रसाशन की ओर से कोई रोक नही है, लेकिन पत्रकार कार्यक्रम स्थल पर न जाने पाये, इस्के लिये मुकदमे को आधार बनाकर उन्हे पीएम कार्यक्रम की कवरेज से रोका गया है।

    सत्ता का औशीर्वाद ले, रोज तीन पांच करने वाले लोगो की कारस्तानी पर कही पत्रकारों की नजर न पड़ जाए इसके लिए उन्हे कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोकने मे उनके खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमो को प्रसाशन ने हथियार बना दिया है।

  • पीलीभीत मे सरकारी पोल खोलने वाली खबर को उद्घाटित करने वाले पत्रकार पर मुकदमा

    पीलीभीत मे सरकारी पोल खोलने वाली खबर को उद्घाटित करने वाले पत्रकार पर मुकदमा


    — खबर प्रकाशन बाद जांच मे फंस रहे अफसरों मे से एक ऑफर द्वारा तहरीर लेकर प्रसाशन द्वारा पत्रकार सुमित सक्सेना के खिलाफ दर्ज कराया गया है मुकदमा


    (ब्रह्मा नन्द पाण्डेय- अधिवक्ता उच्च न्यायालय, इलाहाबाद)


    पीलीभीत। हिंदी सांध्य दैनिक “दो टूक” के पत्रकार सुमित सक्सेना के द्वारा सरकारी खामियों की पोल खोलने वाली रिपोर्ट के प्रकाशन बाद प्रसाशन द्वारा उसके खिलाफ सरकारी कार्य मे बाधा डालने के आरोप का मुकदमा दर्ज किये जाने की खबर है। पुलिस ने यह मुकदमा जाँच मे फंस रहे मेडिकल अफसर की तहरीर पर दर्ज किया है। प्रसाशन की इस कार्यवाही से इलाकाई पत्रकारों मे आक्रोश है।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार सांध्य हिंदी दैनिक do टूक के पत्रकार द्वारा कुछ रोज पहले वहा के मेडिकल कॉलेज मे इलाज को आई गर्भस्त महिला की भर्ती करने से इनकार कर दिया था।

    इससे संबंधित खबर को सुमित सक्सेना की “बाई लाइन” से खबर प्रकाशन बाद कई अफसर फंसने लगे तो फंस रहे अफसरों मे से एक की तहरीर पर प्रसाशन द्वारा नाजायज दबाव बनाने की नीयत से पत्रकार के खिलाफ सरकारी कार्य मे बाधा के आरोप मे मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया। प्रसाशन की इस कार्यवाही से इलाकाई पत्रकारों मे आक्रोश है।

  • पीलीभीत मे एसपी अविनाश पाण्डेय के संरक्षण मे दरोगा और सिपाही कर रहे वसूली, ऑडिओ वायरल

    पीलीभीत मे एसपी अविनाश पाण्डेय के संरक्षण मे दरोगा और सिपाही कर रहे वसूली, ऑडिओ वायरल


    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय )


    पीलीभीत। पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के संरक्षण मे उनके अधीनस्थो के द्वारा अबैध खनन के बदले मे जमकर कर वसूली किये जाने की खबर है। इसका खुलासा कोई और नही उनके सिपाही रूपचंद और अबैध खनन करने वाले के बींच मोबाइल पर हुई वार्ता डील की वायरल ऑडिओ ने कर दिया है। हालाकि “खरी दुनिया” वायरल ऑडिओ की पुष्टि नही करता है।

    पीलीभीत मे एसपी अविनाश पाण्डेय के संरक्षण मे दरोगा और सिपाही कर रहे वसूली, वायरल् ऑडियो

    पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय की पीलीभीत मे तैनाती के बाद से वहा इलाकाई बदमाशों की अपराधिक गतिविधिया तेज हो गई है। कही अबैध खनन करने वालो को वहा की पुलिस लिफाफे ले उन्हे संरक्षण देने का काम कर रही है तो कही बदमाशों को महकमा संरक्षण देने में जुटा है। एसपी द्वारा कुछ इंस्पेक्टर्स को अपना करीबी बनाकर फिलहाल इलाकाई बदमाशों की टोली बनाने की योजना मे है, जिनके सहारे निर्दोषों के खिलाफ वैसे ही कार्यवाही की जाएगी जैसे एसपी ने अपने पूर्व के तैनाती जनपद मऊ मे किया था। मऊ मे एसपी ने बदमाशों, भ्रष्टाचारियों, जालसाजो को संरक्षण दे उनके इशारे पर बड़े बड़े लिफाफे इकट्ठा किये। लिफाफा इकट्ठा करने मे ही एसपी ने पदीय अधिकारों की आड़ मे मनमानी करने मे देस के सर्वोच्च न्यायालय तक के आदेश की अवहेलना कर बैठे।

    पीलीभीत मे भी कोई अख़बार वाला या फिर टीवी चैनल वाला पत्रकार एसपी की करतूतों को प्रकाशित नही करे इसको लक्ष्य बनाकर वाहा पर भी पत्रकारों को धमकाना शुरु कर दिया है। कोई पत्रकार “सच” न उजागर करे इसके लिए एसपी अविनाश पाण्डेय ने संबंधित कई पत्रकारो को भी सच खबर दिखाने पर अबैध मुकदमो मे फसाने की वैसी ही धमकी दे रखी है जैसे बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने अपने पूर्व के तैनाती कार्यकाल जनपद मऊ मे सच खबरों को उद्घाटित करने पर “खरी दुनिया” की खबरों से प्रभावित रहे लोगो को मोहरा बनाकर उसके खिलाफ विद्वेषपूर्ण अभियोजन की कार्यवाही की है।

    मऊ मे एसपी अविनाश पाण्डेय ने अस्पताल से लिफाफा ले, अपने अधीनस्थ के माध्यम से “खरी दुनिया” को धमकाते हुए खबरों के प्रकाशन पर विराम को दी थी धमकी, खबरों का प्रकाशन नही रुकने पर एसपी ने कुट रचित साक्ष्यों को लगा कर खरी दुनोया की विद्वेषपूर्ण अभियोजन मे पदीय अधिकारों का किया है दुरूपयोग्।


    बताते चले की बतौर एसपी अभिनाश पाण्डेय इतने ईमानदार है कि इन्होने 🌑 मऊ मे यहा के अबैध निजी हॉस्पिटलो के स्वामियों से मिलकर मोटे लिफाफे पकड़े तो अबैध हॉस्पिटलो को खुला संरक्षण देते हुए उनके कृत्यो को जनहित मे प्रकाशित करने वाले अख़बार नवीसो पर विद्वेषपूर्ण अभियोजन मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए चाबुक चलाये ।

    सूत्रों पर यकीन करे तो एसपी के संरक्षण मे पीलीभीत मे कोई नया नही हो रहा है, इनके तैनाती के पूर्व के जिले मऊ मे भी बतौर एसपी द्वारा बदमाशों को संरक्षण दिये जाने के कई उदाहरण है। जनपद मऊ मे भी एसपी ने तथ्यगोपन कर सरकारी नौकरी हथियाये लोगो को, तो जिले मे अबैध हॉस्पिटल संचालित कर रहे अस्पताल मालिको को खुला संरक्षण तो दिया ही जा रहा था इनसे अपराधिक कृत्यो के धनी बदमाश भी अछूते नही थे।

    बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय ने अपने पूर्व के तैनाती जनपद मऊ मे खरी दुनिया को उसके मोबाइल नंबर पर अपने अधीनस्थ से फोन करवा कर पहले खबर से “ला इन ऑर्डर” को प्रभावित होने को लेकर अप्रत्यक्ष धमकी दी फिर जब खबरें छपनी नही बंद हुई तो एसपी ने कुट रचित दस्तावेज गढ़कर खरी दुनिया के खिलाफ विद्वेष पूर्ण कार्यवाही के लिए पदीय अधिकारो का दुरूपयोग करते हुए कार्यवाही की।

    पदीय अधिकारों के दुरूपयोग मे सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश की अवहेलना मे बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय सहित दो लोगो के कृत्यो को मा उच्च न्यायालय ने संज्ञान ले लिया है। मामले मे मुख्य शासकीय अधिवक्ता को आदेशित किया है।

    अबैध शस्त्र और मादक पदार्थो के साथ कुट रचित दस्तावेज गढ़ निर्दोषों को फंसाने मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग, एसपी अविनाश पाण्डेय के लिए कोई नई बात नही है। बदमाशों के संरक्षण मे एसपी ऐसे लोगो को फांसने मे लेट नही करते जो बदमाशों, भ्रष्टाचारियों के कृत्यो को जनहित मे उजागर करते है। ये अधिवक्ता, पत्रकार और समाजसेवी को अक्सर अपने निशाने पर रखते है।

    “खरी दुनिया” ऐसे ही नही इनके इन कृत्यो को जनहित मे लोगो तक पहुचा रही है, एसपी अविनाश पाण्डेय के कृत्यो के खरी दुनिया के पास साक्ष्य है, जिनमे एक मामले मे एसपी द्वारा लगवाए गये आरोपों को उच्च न्यायालय भी आरोपों को न बनने का मुहर लगा चुका है। इनके कार्यकाल मे अधिकांश लोगो को अबैध शस्त्र, आदि रखने के आरोप मे गिरफ्तारिया की गई है, जिनमे न तो एसपी ने अबैध शस्त्र के स्रोतो तक पहुचे है न ही उनके सिपाही।

  • प्रयागराज मे अबैध हॉस्पिटलो की भरमार, अफसर मौन

    प्रयागराज मे अबैध हॉस्पिटलो की भरमार, अफसर मौन


    प्रयागराज । जिला प्रशासन की नाक के निचे रिहायसी भवनो मे निजी नर्सिंग होम के संचालन की खबर है।

    झूंसी से लेकर मुख्यालय के अधिकांश इलाको मे रिहायसी भवनो मे नियम विरुद्ध नर्सिंग होम का संचालन देखा जा रहा है। मजे की बात यह है की नेशनल बिल्डिंग कोड के वगैर निर्मित भवनो मे संचालित ये हॉस्पिटल मरीजों को १० मिनट देने पर ४०० रुपये तक की वसूली कर रहे है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार पूरे जिले मे विना नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार निर्मित रिहायसी भवनो मे न तो अग्नि समन की ब्यबस्था है और न ही पर्याप्त पैरामेडिकल स्टॉफ की उपस्थिति है।

    जिला मुख्यालय के अधिकांश गलियों मे रिहायसी भवनो मे संचालित ये हॉस्पिटल नियमों के खिलाफ है। खरी दुनिया ने सीएमओ के मोबाइल नम्बर पर इसका कारण जानने के लिए जब फोन किया तो उनके द्वारा मोबाइल नही पिक किया गया।

  • मऊ मे १८ ग्राम पंचायतो से विना टेंडर हुए निर्माण का ५० लाख से अधिक का भुगतान, अधिकारी मौन

    मऊ मे १८ ग्राम पंचायतो से विना टेंडर हुए निर्माण का ५० लाख से अधिक का भुगतान, अधिकारी मौन


    (ब्रह्मा नंद पाण्डेय- अधिवक्ता, उच्च न्यायालय)


    मऊ। जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियो की मिलीभगत से नियम विरुद्ध विना टेंडर कराये ५ ब्लाको के कुल १८ ग्राम पंचायतो से ५० लाख रुपये से अधिक की धनराशि का भुगतान किये जाने की खबर है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय की मिली भगत से जिले पांच विकास खंडो मे शामिल कोपागंज, रानीपुर, रतनपुरा, फतेहपुर मंदाव और घोसी मे क्रमशः २५ लख २५ हजार से अधिक रानीपुर मे ४ लाख ९८ हजार से अधिक, ५ लाख ३२ हजार से अधिक , ८ लाख ३८ हजार से अधिक और घोसी मे १२ लख ९२ हजार से अधिक की राशि का भुगतान विना टेंडर प्रकाशन के ही कर दिया गया है। कोपागंज के बसारतपुर, चिरयाखुर्द, गरजहुल्ली, मुहम्मदपुर, सहरोज बिकास खंड रानीपुर का भिखम पुर, सोनिशा, उतरेजपुर, रतनपुरा का बड़ागांव, छिछोड़करोंदी, गहना, विकास खंड फतेहपुर मंडव का गागौपुर, रसूलपुर आदमपुर, और विकास खंड घोसी का मौरबोझ, मानिकपुर असना, मूरनपुर, तराडीह और जामदीह शामिल है। इब गांवो के ग्राम प्रधान और सेक्रेटरीयो ने मिलकर विना तेंदर हुए निर्माण कार्यो पर ५६ लाख से अधिक का भुगतान कर दिया है। खरी दुनिया की अभी पड़ताल जारी है, इस संख्या को खरी दुनिया बढ़ने से इंकार नही है।

    ग्राम पंचायत देवदह के बाद खैराबाद और मीरपुर रहीमाबाद के ग्राम प्रधान ने उतरी है मजदूरी की लाखो की रकम


    मऊ। ग्राम प्रधानों मे ग्राम पंचायत के सरकारी खाते से मजदूरी के नाम पर धन निकालने की होड़ लग गई है। विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह के बाद खरी दुनिया ने मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड के ग्राम पंचायत खैराबाद और रहिमाबाद मे मजदूरी के नाम पर गवह के ग्राम प्रधानों के द्वारा सचिव से मिलकर लाखो रुपये हड़प लिए गये है।

    मीरपुर रहिमाबाद मे केवल १० वाउचर के माध्यम से ३ लाख ४७ हजार से अधिक की निकासी के साक्ष्य है तो खैराबाद मे भी कुल १० वाउचर के माध्यम से ३ लाख ९९ हजार से अधिक की रकम को वाहा के ग्राम प्रधानों के द्वारा सचिवों से मिलकर धन हड़पने के साक्ष्य है। ग्राम प्रधानों ने सरकारी खाते से अपने ब्यक्तिगत खाते मे यह धन उतारा है।

    बताते चले की विकास खंड रतनपुर के देवदाह ग्राम पंचायत मे भी व्हा की ग्राम प्रधान ने मजदूरिंकी रकम को अपने खाते मे उठतरने के बाद खरी दुनिया ने मा उच्च न्यायालय से जाँच के आदेश कराये है जिसमे जाँच आधुकत के. द्वारा जानबूझकर जाँच आंख्या देने मे आनाकानी की जा रही है। जाँच समिति के अध्यक्ष / मुख्य पशु चिकिताधिकारी मऊ के द्वारा जाँच आंख्या देने मे जानबूझकर देरी की जा रही है।

  • मऊ के ग्राम पंचायत खैराबाद मे केवल १० वाउचर के माध्यम से ग्राम प्रधान ने सचिव को पटा मजदूरी मद से हड़प लिए ४ लाख

    मऊ के ग्राम पंचायत खैराबाद मे केवल १० वाउचर के माध्यम से ग्राम प्रधान ने सचिव को पटा मजदूरी मद से हड़प लिए ४ लाख


    मऊ। जिले ग्राम पंचायतो के ग्राम प्रधानों मे मजदूरी का धन हडपने के लिए होड़ मचा हुआ है। विकास खंड मुहम्मदाबाद के ग्राम पंचायत मीरपुर रहिमाबाद के बाद खैराबाद के ग्राम प्रधान ने सरकारी खाते से सचिव को पटाकर अपने ब्यक्तिगत खाते मे मजदूरी के नाम पर लाखो रुपये उतार लिए है। खरी दुनिया इनके काले कारनामो मे केवल १० वाउचर्स को प्रमाण के तौर पर लिया है जिसके माध्यम से मजदूरी का धन करीब ४ लाख् रुपये निकाला गया है।

    जाँच की जरूरत


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड मुहम्दाबाद गोहना के ग्राम पंचायत खैराबाद के ग्राम प्रधान सुमाइना खातून ने भी खुद को मजदूर बता कर लाखो रुपये अपने ब्यक्तिगत खाते मे सचिव को पटा कर निकाल लिए है। इस अवैध निकासी मे दिनांक २५/६/२०२३ को ५ टी एच एफ सी/२०२३-२४/पी/१० और पी/१७ के माध्यम से क्रमशः २७६००,२४८०० की निकासी तो दिनांक ८/२/२०२४ को ५ टी एच एफ सी/२०२३-२४/पी/३५ के माध्यम २३९९० रुपये तो दिनांक १६/१/२०२४ को वाउचर संख्या एक्स वी एफ सी/२०२३-२४/पी/१६ के माध्यम से ७१५७० रुपये तो ८/२/२०२४ को वाउचर संख्या एक्स वी एफ सी/२०२३-२४/पी/११ के माध्यम से ४६०९० रुपये तो दिनांक ४.२/२०२४ को वाउचर संख्या ५ टी एच एफ सी/२०२३-२४/पी/३१ के माध्यम से २०१३० रुपये तो दिनांक १५.३/२०२४ को एक्स वी एफ सी/२०२३-२४के माध्यम से ५०९७० रुपये की निकासी तो दिनांक दिनांक २७/२/२०२४ को एक्स वी एफ सी/२०२३-२४/पी/ २०के माध्यम से ७२६६० रुपये की निकासी हुई है तो दिनांक १९/३/२०२४ को एक्स वी एफ सी/२०२३-२४//पी/२५ के माध्यम से ३७२८३ रुपये तो दिनांक ३१/३/२०२४ को ५ टी एच एफसी /२०२३-२४/पी/४३ के माध्यम से २७७८० रुपये की निकासी साहित करीब कुल सरकारी रकम को मजदूरी के मद दिखा कर ग्राम प्राधन और सचिव ने चार लाख रुपये हड़प लिए है। ग्राम प्रधान का नम सुमाइना खातून है और सचिव का नाम राकेश है।

  • मऊ के ग्राम पंचायत मीरपुर रहीमाबाद मे ग्राम प्रधान और सचिव ने सुनीता के खाते मे उतारी है लाखो की रकम

    मऊ के ग्राम पंचायत मीरपुर रहीमाबाद मे ग्राम प्रधान और सचिव ने सुनीता के खाते मे उतारी है लाखो की रकम

    ( ब्रह्मा नंद पाण्डेय )

    मऊ। जिले के विकास खंड कोपागंज के ग्राम पंचायत मीरपुर रहिमाबाद मे ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा वर्ष २०२१ से अब तक गाव की एक महिला के खाते मे मजदूरी आदि की रकम को उतारने की खबर है। रिकॉर्ड के मुताविक इस महिला के खाते मे लाखो की सरकारी रकम उतारी गई है। महिला कौन है ? के तथ्य खंगाले जा रहे है।

    विभागीय सूत्रों के अनुसार जनपद मऊ के विकास खंड कोपागंज के ग्राम पंचायत मीरपुर रहीमाबाद के ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने आपसी मिली भगत से सुनीता पत्नी हरेंद्र चौहान के नाम उसके बैंक खाते मे ग्राम पंचायत के खाते से उसके ब्यक्तिगत खाते मे लाखो रुपये हड़प उतारने का काम किया है। सुनीता चौहान पत्नी हरेंद्र चौहान के ही खाते मे सरकरी इतनी बड़ी धनराशि क्यो उतारी गई है, यह सवालो के घेरे मे है।

    क्या सुनीता ने ही पूरे गाव मे मजदूरी की है, आदि सवालों ने पूरे गाव मे शोर मचा रखा है।
    सुनिता के खाते मे उतारी गई सरकारी रकम लाखो मे है उदाहरण के तौर पर खरी दुनिया ने केवल कुछ ही वाउचर को प्रमाण के रूप मे रखा है। ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर कर दिनांक 27/11/2021 को जूनियर स्कूल की बॉउंड्री उच्चीकरण गेट निर्माण के नाम पर वाउचर संख्या xvfc/2021-22/p/3 के माध्यम से 33804 रुपये की निकासी की गई है।

    दिनांक 2/7/22 को आर सीसी पटिया निर्माण कार्य के नाम पर वाउचर संख्या xvfc/2022-23/p/2 के माध्यम से 9800 की रकम को भी सुनीता पत्नी हरेंद्र के खाते मे उतार कर ग्राम प्रधान और सचिव ने सुनीता को अपने अपराधिक साजिस मे लेकर सरकारी धन की बंदरबाट की है।

    दिनांक 22/3/24 को भी वाउचर संख्या xvfc/2023-24/P/39 के माध्यम से रुपये 12570 की धनराशि को ग्राम प्रधान सचिव ने सुनीता के माध्यम से धन का अहरण कर सरकारी धन का गबन किया है। दिनांक 20/1/2022 को पंचायत भवन मे टाइल्स एवं कायकल्प कार्य के नाम पर मजदूरी आदि के नाम पर वाउचर संख्या xvfc/2021-22 /p/6 के माध्यम से सरकारी धन रुपया 33662 की निकासी की है। दिनांक 31/3/22को कायकल्प के नाम वाउचर संख्या xvfc/2021-22/p/3 के माध्यम से सरकारी धन 22108 रुपये की फिर उपरोक्त सुनीता के खाते मे निकासी की गई है।

    दिनांक को ह्यूम पाइप फिक्सिंग कार्य पर भुगतान के नाम पर वाउचर संख्या 5thsfc/2021-22/p/5 के माध्यम से 10572 रुपये की निकासी फिर उपरोक्त् सुनीता के नाम से की गई है। दिनांक 17/1/22 को वाउचर संख्या 5thsfc/2021-22/p/1 के माध्यम से पंचायत के नाम पर 6000रुप्ये की उपरोक्त सुनीता के माध्यमंसे निकासी की गई है। दिनांक 20/12/21को किसान इंटर कॉलेज से प्राइमरी स्कूल तक इंटर लॉकिंग निर्माण कार्य पर इंटर लॉकिंग मजदूरी पर उपरोक्त सुनीता के खाते मे फिर उपरोक्त सुनीता ने वाउचर संख्या xvfc/2021-22/p/4 के माध्यम से 60720 रुपये को उपरोक्त सुनीता के खाते मे फिर निकासी की गई है।

    दिनांक 10/3/2022 को फिर उपरोक्त सुनीता के खाते मे जूनियर स्कूल मे इंटरलोकिंग के नाम पर मजदूरी के नाम पर वाउचर संख्या 5thsfc/2021-22/p/7के माध्यम से 43254 की निकासी की गई है। 12/1/22 को वाउचर संख्या xvfc/2021-22/p/5 के माध्यम से प्राइमरी स्कूल मे टाइल्स निर्माण के नाम पर रुपये 29748 की निकासी की गई है।

    दिनांक 7/8/22 को वाउचर संख्याxvfc/2022-23/p/6 के माध्यम से ग्राम पंचायत मे विभिन्न स्थानों पर आर सीसी निर्माण के नाम पर मजदूरी की रकम को फिर उपरोक्त सुनीता के नाम पर 20478 की फिर निकासी की गई है। “खरी दुनिया” इस मामले मे विभागीय जाँच की उम्मीद रखते हुए समाज हित मे जांच की अपेक्षा रखती है।

  • सीआईडी ने ठगी मामले में पांच आरोपितों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

    सीआईडी ने ठगी मामले में पांच आरोपितों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

    रांची। एसबीआई बैंक से लोन दिलाने के नाम पर लोगों से दस्तावेज लेकर और लोन पास कराकर अपने बैंक अकाउंट में पैसा जमा कर पैसे की ठगी मामले में सीआईडी की टीम ने सोमवार को पांच आरोपितों के खिलाफ सीआईडी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है।

    यह आरोप पत्र कमल कुमार सिंह, मोहम्मद जमीर मियां, बिट्टू कुमार रजक, मेहुल कुमार और राहुल कुमार के खिलाफ दायर किया गया। रामगढ़ और पतरातू इलाके में रहने वाले ये आरोपित बैंक अधिकारियों को पांडेय गिरोह के नाम से डरा-धमका कर उनसे लोन पास करवाते थे।

    सीआईडी ने इन्हें 16 दिसंबर, 2023 को गिरफ्तार किया था। सीआईडी थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर सीआईडी ने 09 नवंबर, 2023 को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। रामगढ़ और पतरातू इलाके में रहने वाले अधिकतर सीसीएल कर्मी आरोपितों के टारगेट में रहते थे। ये आरोपित लोन दिलाने के नाम पर लोगों से दस्तावेज लेकर एसबीआई से उनके नाम पर लोन लेते थे और बिना उनकी जानकारी के लोन पास कराकर उनके पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेते थे।

  • दरोगा को बचाने की कवायद में जुटे परिजन, नेटवर्क खंगालने में जुटी पुलिस

    दरोगा को बचाने की कवायद में जुटे परिजन, नेटवर्क खंगालने में जुटी पुलिस

    फरार आरोपितों के पकड़े जाने के बाद नेटवर्क से जुड़े लोगों का खुलेगा नाम

    दो दिन पहले पुलिस को लखनऊ में मिली फरार आरोपी की लोकेशन

    गोरखपुर। व्यापारी के 50 लाख रुपये हड़पने के मामले में जेल गए दारोगा आलोक सिंह से उसके भाई ने मुलाकात की। चर्चा है कि उसे जेल से जल्द बाहर निकालने के लिए उसके शुभचिंतकों ने कवायद तेज कर दी है।

    फरार चल रहे आरोपित भी मामला रफा-दफा कराने की कोशिश में जुटे हैं। हवाला नेटवर्क से मामला जुड़ने की चर्चा तेज होने के बाद एक आरोपित ने अपने सहयोगियों के साथ लखनऊ में डेरा डाल दिया है। दो दिन पहले पुलिस को उसकी उसकी लोकेशन लखनऊ में मिली थी। आयकर विभाग की जांच भी अभी आगे नहीं बढ़ी है। सहायक आयुक्त की टीम ने व्यापारी को फोन कर रामनवमी के बाद बयान देने के लिए बुलाया है।

    कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना सीओ कोतवाली को मिली है। पुलिस की जांच व विवेचना में जेल गए दारोगा आलोक सिंह उसके सहयोगी प्रिंस के अलावा राजेंद्रनगर के रहने वाले तीन युवकों का नाम सामने आया है।

    घर तस्दीक होने के बाद पुलिस की टीम जब पहुंची तो पता चला कि वह घटना के बाद से ही फरार हैं। मोबाइल फोन भी बंद कर रखा है। उनके पकड़े जाने पर हवाला कारोबार के साथ ही गोरखपुर में तैनात रहे इंस्पेक्टर की भूमिका सामने आ सकती है।

    व्यापारी के हड़पे गए 50 लाख रुपये में 44 लाख को पुलिस बरामद कर चुकी है। शेष छह लाख रुपये फरार चल रहे आरोपिताें के पास होने की बात कही जा रही है। अब तक की जांच और आरोपितों के बयान में इंस्पेक्टर के फोन करने की पुष्टि हो चुकी है लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

    उधर आयकर विभाग के अधिकारियों ने फोन पर नवीन से बात की। तीन दिन का समय देते हुए रामनवमी के बाद बयान दर्ज कराने को कहा है। सहायक आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि व्यापारी का दो-दिन बाद पुन: पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया है।

    उल्लेखनीय है कि तीन अप्रैल को कोतवाली थाने की बेनीगंज पुलिस चौकी के प्रभारी रहे दारोगा आलोक सिंह ने दवा व्यापारी नवीन श्रीवास्तव के 50 लाख रुपये पकड़ लिए। आरोप है कि वह अपने भाई गगन व भांजे के साथ रुपये लेकर घर जा रहा था। जेल भेजने की धमकी देकर दारोगा ने रुपये अपने पास रख लिए। तीन दिन बाद अधिकारियों तक बात पहुंची तो व्यापारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दारोगा आलोक सिंह व उसके सहयोगी प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना में शामिल हवाला नेटवर्क से जुड़े तीन लोगों को भी आरोपित बनाया गया है जो नाम सामने आने के बाद से ही फरार हैं।

    नवीन श्रीवास्तव ने बताया है कि ये उनके कारोबार का पैसा है तो आखिर उनका क्या व्यापार है कि 50 लाख की कैश वसूली होती है। उनके महीने भर का टर्नओवर कितने का है। सवाल ये भी है कि यह वसूली एक दिन की है या कई दिनों से वसूल कर रखा था। जब वो पैसा लेकर जा रहे थे उस समय सुबह छह बज रहे थे तो फिर पैसा वसूली कर लौट रहे थे या फिर बैंक में जमा करने जा रहे थे। इतना पैसा सुबह-सुबह कहां मिलेगा और न ही छह बजे बैंक खुलते हैं। जब उनका खुद का पैसा था तो फिर पुलिस को सूचना देने में इतने दिन क्यों लग गए?

    इस मामले में गोरखपुर के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि दरअसल हवाला के रुपये पकड़े जाने पर किसी ने शिकायत नहीं की, इसलिए कर्तव्य का पालन न करने पर बेनीगंज चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

  • जमीन घोटाला मामला को लेकर ईडी की छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल इक्यूमेंट बरामद

    जमीन घोटाला मामला को लेकर ईडी की छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल इक्यूमेंट बरामद

    रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने जमीन घोटाला मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो ) नेता सहित चार लोगों के कुल नौ अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार छापेमारी के बाद ईडी की टीम झामुमो नेता अंतु तिर्की और जमीन कारोबारी बिपिन सिंह को अपने साथ ले गई है। छापेमारी में ईडी को कई अहम दस्तावेज और डिजिटल इक्यूमेंट मिले हैं, जिसमे जमीन घोटाले से सम्बंधित कई जानकारियां उपलब्ध है।

    लगभग 13 घंटे के बाद ईडी की छापेमारी खत्म हो गई। ईडी ने जांच में पाया है कि झामुमो नेता अंतु तिर्की और मो. सद्दाम के बीच पैसे की लेन देन थी। सद्दाम ने पूछताछ में जमीन के एवज में पैसे के लेनदेन की बात स्वीकार की है। मंगलवार की सुबह ईडी की टीम झामुमो नेता अंतू तिर्की के बरियातू के मेडिकल चौक स्थित आवास पर पहुंची और तलाशी ली। अंतू तिर्की के अलावा ईडी की टीम बिपिन सिंह के मोरहाबादी स्थित आवास, खेलगांव स्थित शेखर कुशवाहा के ठिकाने के साथ-साथ कोकर में प्रियरंजन सहाय के ठिकाने पर भी छापेमारी की। इससे पहले भी जमीन घोटाला मामले में बिपिन सिंह, शेखर कुशवाहा और प्रियरंजन सहाय के यहां ईडी की टीम छापेमारी कर चुकी है।