Category: ईमानदार भ्रष्टाचारी

  • दो विद्युत कनेक्शन देने में फर्जीवाड़ा करने पर संविदा लाइनमैन बर्खास्त

    दो विद्युत कनेक्शन देने में फर्जीवाड़ा करने पर संविदा लाइनमैन बर्खास्त

    – आईजीआरएस पर हुई शिकायत की जांच के बाद विद्युत विभाग ने की कार्रवाई

    मुरादाबाद, । जिले के थाना पाकबड़ा क्षेत्र के रतनपुर कलां गांव में दो विद्युत कनेक्शन देने के मामले में फर्जीवाड़ा पाया गया है। आईजीआरएस पर हुई शिकायत की जांच के बाद विद्युत निगम ने सोमवार को एक संविदा लाइनमैन को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही एक उपभोक्ता के खिलाफ भी थाने में तहरीर दी गई है।

    लाइनमैन जुनैद ने उपभोक्ता अहमद नबी को 130 मीटर दूरी को 40 मीटर दिखाकर कनेक्शन दिलाया था। वहीं विद्युत निगम के नियमानुसार उपभोक्ता को खम्भे से 45 मीटर की दूरी पर ही कनेक्शन दिया जा सकता है। इससे अधिक दूरी होने पर अलग खम्भा लगाया जाता है, जिसका खर्च उपभोक्ता को देना पड़ता है। इस मामले में संविदा लाइनमैन की सेवा समाप्त करने के अलावा उपभोक्ता के घर का विद्युत कनेक्शन काट दिया है। एक अन्य मामले में रतनपुर कलां गांव के उपभोक्ता मोहम्मद अनस के खिलाफ विद्युत चोरी निरोधक थाने में तहरीर दी गई है।

    एक्सईएन की जांच में पाया गया कि उन्हें 38 मीटर की दूरी पर कनेक्शन दिया गया था। उन्होंने मीटर उखाड़कर खम्भे से 40 मीटर की दूरी पर लगा लिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि कनेक्शन जेई की मिलीभगत से दिए गए थे।

    जेई संतोष कुमार ने बताया कि उनकी तैनाती के समय यह कनेक्शन दिया गया था। दो संविदा कर्मचारियों ने धोखे से यह काम उनसे करा लिया था। इसके बाद उन कर्मचारियों को हटा दिया गया है और मामला अधिकारियों की जानकारी में है।

  • मऊ मे तथ्यछुपा कर नौकरी कर रहे मुन्नी लाल चौहान के जिम्मे है ७७ ग्राम पंचायतो मे से २२ ग्राम पंचायतें

    मऊ मे तथ्यछुपा कर नौकरी कर रहे मुन्नी लाल चौहान के जिम्मे है ७७ ग्राम पंचायतो मे से २२ ग्राम पंचायतें


    मऊ। विकास खंड रतनपुरा मे मनरेगा के तहत वर्ष २००७ मे नियुक्त मुन्नी लाल चौहान को जिला समन्वयक मनरेगा के द्वारा ब्लॉक के २२ गांवो के कार्यो की जिम्मेदारी सौपी है। पूरे ब्लॉक मे कुल ७७ ग्राम पंचायते है। मजे की बात यह है की ग्राम पंचायतो मे अधिकांश सिविल के कार्य् होते है और मुन्नी लाल मकेनिकल डिग्री होल्डर रहते हुए तथ्यगोपन कर हथियाई हुई नौकरी को विभागीय अधिकारियो की मिलीभगत से आज भी किया जा रहा है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ७७ ग्राम पंचायतो मे से २२ ग्राम पंचायतों मे सिविल नेचर के अधिकांश निर्माणो की सुपरवाइजरी की अबैध जिम्मेदारी संभाल रहे तकानिकी सहायक मुन्नी लाल चौहान पर उसकी नियुक्ति तिथि से ही विभागीय उच्चाधिकारियो के द्वारा लिफाफा लेकर काम लेते हुए संरक्षण दिया जाता रहा है।

    मुन्नी लाल के द्वारा सुपरवाइज ग्राम पंचायतो मे मनरेगा के तहत कराये गये अधिकांश कार्य या तो कागज़ पर है या फिर हुए ही नही है। ग्राम पंचायत देवदह की ही केवल इनकी नियुक्ति तिथि से मौके का सत्यापन करा लिया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

    मगर भ्रष्टाचार मे डूबे इस विभाग के उच्छाधिकारियो पर अब तक जबकि मुन्नी लाल द्वारा ७ वर्ष तक एक ही पद पर रहते हुए दो जनपदो मे एक साथ नौकरी करने का खुलासा हो चुका है।

  • ….तो पांच साल तक टीए के पद पर ही दो जनपदों में मुन्नी लाल ने की है 1 साथ सेवा

    ….तो पांच साल तक टीए के पद पर ही दो जनपदों में मुन्नी लाल ने की है 1 साथ सेवा


    — वर्ष 2005 में वतौर तकनीकी सहायक तैनात मुन्नी लाच चौहान ने वर्ष 2007 में जनपद मऊ के विकास खंड रतनपुरा में इसी पर पहली नियुक्ति् को छुपाकर हथियाई है नौकरी


    —- करीब वर्श 2012 में गाजीपुर जनपद से स्थानांतरित को कर वतौर एडीओं पंचायत अवधेश िंसह से मामले के खुलासे के बाद मुन्नी लाल चौहान ने गाजीपुर की नौकरी से दिया इस्तीफा


    मऊ। विकास खंड रतनपुरा के देवदह ग्राम पंचायत में वतौर तकनीकी सहायक तैनात मुन्नी लाल चौहान ने 5 साल तक अवैध तरीके से नौकरी करते हुए गाजीपुर के इशुपुर मुहम्मदाबाद में नौकरी करते हुए यहां पर भी नौकरी की है। मुन्नी लाल की गाजीपुर में इसी पद पर नियुक्ति वर्ष 2005 में हुई और वे इसी तथ्य को छुपा कर जनपद मऊ में वर्ष 2007 में नियुक्त हो गए। मुन्नी लाल के इस अपराधिक कृत्य का खुलासा उस समय हुआ जब गाजीपुर के इशुपुर मुहम्मादाबाद में वतौर जेई रहे अवधेश िंसह ने विकास खंड रतनपुरा में एडीओ पंचायत बनकर आए।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह में वतौर तकनीकी सहायक तैनात मुन्नी लाल चौहान ने इससे पहले जनपद गाजीपुर के इशुपुर मुहम्मदाबाद मे इसपी पद पर वर्ष 2005 में नियुक्ति ले नौकरी की है। वर्ष 2007 मे मुन्नी लाल चौहान ने इसी पर जनपद मऊ में निकली भर्ती मे हिस्सदारी निभाई और खुद को जनपद गाजीपुर के ब्लाक ईशुपुर मुहम्मदाबाद में इसी पद पर तैनाती की सूचना को छुपाकर यहा पर भी नियुक्ति लेकर विकास खड रतनपुरा में वतौर तकनीकी सहायक के पद नौक्री करनी शुरू की।

    मऊ के विकास खंड रतनपुरा में तकनीकी सहायक रहते हुए मुन्नी लाल चौहान ने जनपद गाजीपुर में करीब पांच साल तक सेवा की।

    मुन्नी लाल के इस अपराधिक कृत्य का खुलासा तब हुआ जब जनपद गाजीपुर के ब्लाक मुहम्मदाबाद से स्थानांतरित होकर यहां पर वतौर एडीओं पंचायत आए अवधेश सिहं ने विकास खंड रतनपुरा में कार्यभार लिया।

    अवधेश िंसह ने मुन्नी लाल चौहान को रतनपुरा में वतौर तकनीकी सहायक के रुप में देखकर आश्चर्य में होते हो गए। मुन्नी लाल से जब अवधेश का सामना हुआ तो वह अगले दिन गाजीपुर जा कर अपने तकनीकी सहायक के पद से त्याग पत्र दिया। इस प्रकार मुन्नी लाल जनपद मऊ मे वतौर तकनीकी सहायक के पद पर रहते हुए गाजीपुर में करीब करीब पांच साल तक अवैध तरीके से नौकरी की गई। खरी दुनिया के द्वारा जनसूचना अधिकार अिध0 2005 में तहत जिलाधिकारी गाजीपुर से मांगी गई सूचना में मुन्नी लाल को वहां पर वर्ष 2005 में तैनाती के रिकार्ड दिए गए है।

    ंगाजीपुर के ईशुपर मुहम्मदाबाद के ग्राम पंचायत बैजलपुर में भी मुन्नी लाल चौहान ने सेवा दी है। यहां का कार्यकाल भी मुन्नीलाल के कार्यो का गवाह है।

    बहरहाल मुन्नी लाल चौहान खुद को नियम बदघ होने की बात कहते हुए खुद को जिले का पहला ईमानदार टीए बताया जा रहा है।

  • शासन के पास पहुंचा मुख्य अभियंता कुमाऊं का काला चिठ्ठा, हेराफेरी का आरोप

    शासन के पास पहुंचा मुख्य अभियंता कुमाऊं का काला चिठ्ठा, हेराफेरी का आरोप

    – 2005 में उत्तराखंड में संभाला कार्यभार, अब तक 24 करोड़ रुपये के खरीद चुके हैं जमीन

    देहरादून। सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता अनिल चंद्र बलूनी ने उत्तराखंड पेयजल निगम के मुख्य अभियंता कुमाऊं पर करोड़ों रुपये हेराफेरी का आरोप लगाया है और साक्ष्य के साथ उनका कालाचिठ्ठा भी खोला है। इसमें उनकी पत्नी और विभागीय ठेकेदार भी शामिल हैं। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई के लिए उत्तराखंड पेयजल निगम देहरादून के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी और विजिलेंस से नौ बिंदुओं पर शिकायत की है।

    आरटीआई कार्यकर्ता अनिल ने शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में बताया कि उत्तराखंड पेयजल निगम के मुख्य अभियंता कुमाऊं सुजीत कुमार विकास और उनकी पत्नी रंजू कुमारी जो कुचुपुचु इंटरप्राइजेज नाम की पार्टनरशिप कंपनी में साझीदार हैं, उन्होंने करोड़ों रुपये हेराफेरी की है। उनका कहना है कि सुजीत 2005 में उत्तराखंड आए थे और अब तक 24 करोड़ रुपये के जमीन खरीद चुके हैं। यही नहीं, करोड़ों रुपये के टेंडर लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने मुख्य अभियंता सुजीत, उनकी पत्नी रंजू की कुचुपुचु इंटरप्राइजेज व विभागीय ठेकेदार की मिलीभीगत से टेंडरों में विभाग को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने और कर्मचारी आचरण नियमावली का खुला उल्लंघन करने के सभी साक्ष्य पेश किए।

    पूर्व में हो चुके हैं निष्कासित, आय से अधिक संपत्ति मामले में 2019 में विजिलेंस ने मारा था छापा-

    सामाजिक कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता सुजीत अपनी विभागीय सेवा के इतिहास में पूर्व में भी भ्रष्टाचार के चलते विभाग से निष्कासित किए जा चुके हैं। इनके आवास पर विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति मामले में वर्ष 2019 में छापा मारा था। इसमें कई अवैध जमीन के कागजात और सोना भी बरामद हुए थे। उच्चस्थ पद पर आसीन ऐसे भ्रष्ट अधिकारी की जांच कराने की मांग की। साथ ही जांच पूरी होने तक उक्त अधिकारी को पदमुक्त कर किसी स्वतंत्र वाह्य जांच एजेंसी से ही जांच कराए जाने की मांग की।

  • अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली जमानत

    अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली जमानत

    नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की ओर से समन पर पेश नहीं होने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने केजरीवाल को 15 हजार रुपये के निजी मुचलके और एक लाख रुपये के जमानती के आधार पर जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी।

    शनिवार को अरविंद केजरीवाल कोर्ट में पेश हुए। इसके पहले एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन को केजरीवाल ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। सेशंस कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उसके बाद केजरीवाल आज कोर्ट में पेश हुए।

    सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने से पहले अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत अनुमति लेनी होगी। किसी भी लोकसेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के पहले अनुमति लेनी होती है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने दूसरा समन जारी करने के पहले केजरीवाल के पहले समन जारी होने के समय के जवाब पर गौर नहीं किया।

    सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि पेश होने के ठीक पहले याचिका दायर की गई है। ऐसा जानबूझकर किया गया है। बार-बार समन जारी करने के बाद भी वे पेश नहीं होते हैं। 16 मार्च की पेशी का आदेश काफी पहले का है। तब गुप्ता ने कहा कि हम केवल पेशी से छूट चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि ये समनिंग ट्रायल है और इस मामले में अधिकतम सजा एक महीने की कैद या जुर्माना या दोनों है। गुप्ता ने कहा था कि एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष जांच अधिकारी ने याचिका दायर की है न कि ईडी ने। जांच अधिकारी ने अपने व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दायर की है। गुप्ता ने कहा था कि हम केवल केजरीवाल की कोर्ट में पेशी से छूट की मांग कर रहे हैं। वे केजरीवाल को कोर्ट में बुलाकर केवल पब्लिसिटी लेना चाहते हैं। इस पर राजू ने कहा था कि हम पब्लिसिटी नहीं चाहते हैं। सात फरवरी को आदेश दिया गया और याचिका दायर की गई 14 मार्च को। पेशी से एक दिन पहले। उन्होंने 17 फरवरी के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि केजरीवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए और कोर्ट को भरोसा दिया था कि वे 16 मार्च को पेश होंगे।

    राजू ने कहा था कि केजरीवाल अंतरिम राहत के हकदार नहीं हैं। केजरीवाल कहते हैं कि वे आम आदमी के प्रतिनिधि हैं। क्या उन्हें आम आदमी की तरह बेटी बीमार है, उसका एग्जाम है, कह कर बहाने की अनुमति दी जा सकती है। वे पेशी से बचने के लिए कभी कहते हैं कि उन्हें उद्घाटन करना है, कभी कहते हैं कि विपश्यना में जाना है। अगर एक आम आदमी ऐसा करता है तो क्या उसे इसकी अनुमति दी जा सकती है। राजू ने याचिका की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर गुप्ता ने कहा कि सेशंस कोर्ट में एडवांस प्रति देने की बाध्यता नहीं है।

    ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें की है। उल्लेखनीय है कि 7 फरवरी को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की पहली शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। दिल्ली आबकारी घोटाले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था।

    संजय सिंह की जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट खारिज कर चुका है। संजय सिंह की जमानत याचिका हाई कोर्ट भी खारिज कर चुका है, जिसके बाद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है। सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है।

  • लोनिवि के विभागाध्यक्ष के विरुद्ध शिकायत, अब वही कर रहे जांच

    लोनिवि के विभागाध्यक्ष के विरुद्ध शिकायत, अब वही कर रहे जांच

    लखनऊ,। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है कि प्रोन्नति की मांग कर रहे सहायक अभियंता ने विभागाध्यक्ष के विरुद्ध सहयोग ना करने की शिकायत की है और अब मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत की जांच भी विभागाध्यक्ष को ही सौंप दी गयी है।

    लखनऊ स्थित लोनिवि के मुख्यालय में तैनात सहायक अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि शासकीय नियमावली ना मानने तथा उसके अनुसार वरीयता का निर्धारण नहीं होने की शिकायत लेकर वह मुख्यमंत्री कार्यालय में गये थे। अपने शिकायती पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री के संज्ञान में डाला कि उनकी वरीयता को शासकीय नियमावली के अनुसार पोषक संवर्ग में सही निर्धारण नहीं किया किया गया है। उनके बाद में सहायक अभियंता के पद पर आये सहयोगी प्रोन्नत हो चुके है।

    सहायक अभियंता ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष विनोद कुमार श्रीवास्तव पहले से शिकायती पत्रों के विरुद्ध अपनी बातों को रखा गया है। विभागाध्यक्ष शिकायत पत्रों को वापस लेने का दबाव बनाते रहे हैं। वह नियमावली को मानने से भी मौखिक इन्कार करते रहे हैं।

    उन्होंने बताया कि उनकी प्रोन्नति के लिए वह लगातार प्रयासरत है। फिलहाल उन्होंने विभागीय राज्यमंत्री और उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी शिकायत दी है। जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय में दिये शिकायती पत्र पर प्रमुख सचिव अजय चौहान ने नियमावली को मानते हुए मेरे पक्ष में उचित कार्यवाही करने को विभागाध्यक्ष ही लिखा था।

    विभागाध्यक्ष की कार्यवाही पर उन्होंने बताया कि बीते पांच माह के बाद भी विभागाध्यक्ष इसे लम्बित किये हुए है। लोनिवि के विभागाध्यक्ष के विरुद्ध ही नियमावली ना मानने की मैंने शिकायत की है और अब वहीं जांच कर रहे है। फिर कैसे कोई निष्कर्ष निकल पायेगा।

  • सीएसए के घूसखोर लिपिक को एंटी करप्शन की टीम ने किया गिरफ्तार

    सीएसए के घूसखोर लिपिक को एंटी करप्शन की टीम ने किया गिरफ्तार

    कानपुर,। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के घूसखोर पेंशन लिपिक को रंगे हाथ घूस लेते हुए शुक्रवार को कानपुर एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित शंकरबक्स सिंह सीएसए के पेंशन विभाग का कार्य देखता है। पीड़ित अमित बीते कुछ दिनों से पिता के निधन के बाद मां की पेंशन के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहा था। पेंशन लिपिक ने पेंशन बनाने के नाम पर बारह हजार रुपए की मांग की। पहले पीड़ित असमर्थता जाहिर किया तो दो बार में 6—6 हजार रुपए देने का दबाव बनाया। इससे परेशान होकर पीड़ित ने कानपुर एंटी करप्शन विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत किया।

    टीम निरीक्षक मृत्युंजय मिश्र ने बताया कि पूर्व योजना के तहत शुक्रवार दोपहर पीड़ित को 6 हजार रुपए देकर भेजा गया। पीड़ित जब पैसा देकर उसके पास से बाहर निकला तो टीम के सदस्य लिपिक के पास एंटी करप्शन की टीम जा पहुंची और पैसा गिनते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस संबंध में फजलगंज थाने में मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में सीएसए के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने भी पुष्टि की है।

  • पहली नौकरी के तथ्य को छुपाकर मऊ मे हथिया ली दूसरी नौकरी

    पहली नौकरी के तथ्य को छुपाकर मऊ मे हथिया ली दूसरी नौकरी

    मऊ मे मनरेगा का हाल, 2005 मे गाजीपुर मे तैनात थे मुन्नीलाल


    मऊ। विकास खंड रतनपुरा के देवदह ग्राम पंचायत मे मनरेगा के तहत बतौर तकनिकी सहायक मुन्नीलाल चौहान ने तथ्यगोपन कर मऊ मे यह नौकरी हथियाने का काम किया है। “खरी दुनिया” के द्वारा मांगी गई जनसूचना मे मुन्नीलाल के द्वारा किये गये इस कारनामें का खुलासा हुआ है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायय देवदह मे बतौर तकनिकी सहायक मुन्नी लाल चौहान वर्ष २००७ मे यहा पर तैनाती ली है।

    इसके पहले मुन्नी लाल के द्वारा गाजीपुर के विकास खंड मुहम्मदाबाद मे २००५ मे तैनात रहे है। मुन्नीलाल ने इसी तथ्य को छुपाते हुए यहां पर उसी पद पर नौकरी हथियाने का किया है जिसपर वह् गाजीपुर मे तैनात थे।

    विभाग ने खरी दुनिया को जारी जानकारी के पहले पन्ने के 17 वे नंबर पर मुन्नी लाल को वाहा पर तैनात होने की जानकारी तो दी है लेकिन कब तक मुन्नी लाल वाहा पर तैनात रहे है ,कब इन्होने वहा पर त्यागपत्र दिया है? की जानकारी नही दी है। “खरी दुनिया” जनहित मे जाँच के बाद कार्यवाही की अपेक्षा करती है।

    मऊ मे नौकरी लेने के बाद मुन्नीलाल द्वारा गाजीपुर मे नौकरी किये जाने को लेकर जाँच कर दोषी पाए जाने पर मामले मे विधिक कार्यवाही के साथ वेतन रिकवरी हो सकती है।

  • सीबीआई ने सीजीएसटी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया

    सीबीआई ने सीजीएसटी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया

    कानपुर,। फर्म के पंजीकरण के नाम पर रिश्वत लेना सेन्ट्रल जीएसटी के इंस्पेक्टर को मंहगा पड़ गया। पीड़िता ने सीबीआई को मामले से अवगत करा दिया और बुधवार को जब पीड़ित इंस्पेक्टर को रिश्वत का रुपया दे रहा था उसी दौरान रंगे हाथों सीबीआई ने इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया।

    केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दिल्ली ऑफिस से अधिकारिक जानकारी दी गई कि कानपुर के रावतपुर स्थित सेंट्रल जीएसटी में एक इंस्पेक्टर की बराबर शिकायतें मिल रही थी कि वह बिना रिश्वत के काम नहीं करता। हाल ही में कानपुर के ही एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उपरोक्त इंस्पेक्टर फर्म के पंजीकरण के नाम पर 10 हजार रुपये मांग रहा है। इस पर सीबीआई की टीम ने इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ने के लिए रणनीति बनाई। रणनीति के तहत पीड़ित शिकायतकर्ता ने किसी तरह से मान मनौव्वल करते हुए इंस्पेक्टर को पांच हजार रुपये में तैयार कर लिया। शिकायतकर्ता और सीबीआई की टीम की आपसी सामंजस्य से सुनिश्चित हुआ कि बुधवार को रिश्वत का रुपया इंस्पेक्टर को देना है। सीबीआई ने रिश्वत के रुपयों में केमिकल लगा दिया और शिकायतकर्ता वहीं रुपया इंस्पेक्टर को दे दिया। इसके फौरन बाद ऑफिस में दाखिल हुई सीबीआई की टीम ने रंगे हाथों अधिकारी को दबोच लिया। गिरफ्तारी करने के बाद हाथ धुलवाकर टीम ने तकनीकी रुप से पुष्टि कर दी कि इंस्पेक्टर ने रिश्वत ली। इसके बाद सीबीआई टीम इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करते हुए उसके घर भी पहुंची और जांच पड़ताल के बाद किसी अज्ञात स्थान पर इंस्पेक्टर से पूछताछ कर रही है।

  • झांसी में नकली शराब की फैक्ट्री पकड़े जाने पर आबकारी निरीक्षक निलंबित

    झांसी में नकली शराब की फैक्ट्री पकड़े जाने पर आबकारी निरीक्षक निलंबित

    लखनऊ, । आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने झांसी के प्रेम नगर में नकली शराब फैक्ट्री पकड़े जाने पर आबकरी निरीक्षक शिशुपाल सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया है।

    नितिन ने नकली शराब फैक्ट्री मामले में निर्देश दिए कि तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी प्रमोद गोयल व वर्तमान उप आबकारी आयुक्त सुभाष चंद्र सोनकर से पूरी घटना पर स्पष्टीकरण दे। आबकारी विभाग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। विभाग में किसी भी प्रकार की अनियमितता, लापरवाही, भ्रष्टाचार किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगा।

    आबकारी मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में होली का त्योहार है, सभी जिलों के आबकारी अधिकारी व आबकारी निरीक्षक सतर्कता के साथ अपने जनपद में सघन प्रवर्तन अभियान चलाएं। किसी भी प्रकार की अप्रिय सूचना पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कारवाई की जायेगी।