Category: कुख्यात माननीय

  • ईडी ने तृणमूल कांग्रेस का 10 करोड़ का डिमांड ड्राफ्ट जब्त किया

    ईडी ने तृणमूल कांग्रेस का 10 करोड़ का डिमांड ड्राफ्ट जब्त किया

    कोलकाता,। लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तगड़ा झटका दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को जारी अपने एक आधिकारिक बयान में बताया है कि उसने तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद के डी सिंह द्वारा प्रवर्तित एल्केमिस्ट समूह के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत पार्टी का 10.29 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जब्त किया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान तृणमूल कांग्रेस पार्टी द्वारा ली गई विमानन सेवाओं के लिए विभिन्न विमानन व हेलीकॉप्टर कंपनियों को भुगतान करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया था।

    ईडी ने कहा कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पार्टी विधायक एवं पूर्व रेल मंत्री मुकुल रॉय और सांसद नुसरत जहां जैसे अन्य स्टार प्रचारकों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया था। बयान में कहा गया, ‘‘जांच में पाया गया है कि जनता को धोखा देकर एकत्र किए गए धन का एक हिस्सा एल्केमिस्ट समूह द्वारा तृणमूल कांग्रेस की ओर से विमानन कंपनियों को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।’’

    उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के आदेश पर अल्केमिस्ट चिटफंड कंपनी के खिलाफ ईडी जांच कर रही है। कंपनी पर आरोप है कि हाई रिटर्न के नाम मार्केट से करोड़ों रुपये एकत्र कर गबन किया है।

  • सपा विधायक इरफान पर कोर्ट में आरोप तय, फर्जी आधार कार्ड से की थी हवाई यात्रा

    सपा विधायक इरफान पर कोर्ट में आरोप तय, फर्जी आधार कार्ड से की थी हवाई यात्रा

    कानपुर, । महाराजगंज जेल में बंद सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां उनके व उसके साथियों के ऊपर महिला के प्लाट पर आगजनी का आरोप है तो वहीं इसी मामले में पुलिस के खौफ से इरफान हवाई यात्रा कर मुंबई भाग गया था। इस यात्रा में उसने फर्जी आधार कार्ड का प्रयोग किया था, जिस पर बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिया।

    इरफान के वकील शिवकांत दीक्षित ने बताया कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने इरफान पर फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत सात आरोपितों के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किये हैं। अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।

    वहीं, जाजमऊ में महिला के प्लाट पर आगजनी मामले में इरफान के साथ अन्य छह लोगों पर न्यायलय द्वारा आरोप तय कर दिए गए। महाराजगंज जेल में बंद विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के केस में अभी फैसला नहीं आया।

    इरफान के वकील ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका पर फैसला होने के बाद ही कानपुर कोर्ट से फैसला आएगा। फिलहाल इरफान को अभी जेल में ही रहना होगा।

  • दिन भर टाल-मटोल के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई को सौंपी शाहजहां की कस्टडी, सीबीआई ने दर्ज की तीन प्राथमिकी

    दिन भर टाल-मटोल के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई को सौंपी शाहजहां की कस्टडी, सीबीआई ने दर्ज की तीन प्राथमिकी

    कोलकाता। संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपित शेख शाहजहां को आखिरकार पश्चिम बंगाल पुलिस ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया है। लगातार दूसरे दिन बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ के सख्त आदेश के बाद जब सीबीआई की टीम उसे लेने के लिए पहुंची तो बंगाल पुलिस ने पहले मर्तबा उसे सौंपने से इनकार कर दिया।

    उसके बाद फिर ईडी ने खंडपीठ में शिकायत की। तब कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शाम 4:30 बजे तक शाहजहां को सीबीआई को सौंपना होगा। केंद्रीय बलों के जवानों को साथ लेकर सीबीआई के अधिकारी उसे हिरासत में लेने गए थे।

    उसके बाद बंगाल पुलिस मुख्यालय भवानी भवन में सीबीआई के अधिकारी इंतजार करते रहे और सीआईडी की टीम शाहजहां को पिछले दरवाजे से लेकर एसएसकेएम अस्पताल पहुंची।

    वहां मेडिकल जांच के बाद शाम 6:45 बजे शाहजहां को सीबीआई को सौंप दिया गया है। केंद्रीय एजेंसी उसे लेकर सीजीओ कंपलेक्स जा रही है, जहां से उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    शाहजहां मामले में सीबीआई ने दर्ज की तीन प्राथमिकी

    कोलकाता,। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में छापेमारी करने गई प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की टीम पर हमले के सिलसिले में दो और प्राथमिकी दर्ज की है।

    अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अब तीन मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के आदेश पर तीन प्राथमिकी दर्ज की लेकिन राज्य पुलिस ने मामला न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए शेख की हिरासत नहीं सौंपी। शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को ईडी अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था और इसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी। सीबीआई की टीम मंगलवार को अर्धसैनिकों बलों के साथ कोलकाता में स्थित सीआईडी के कार्यालय शेख की हिरासत लेने गई लेकिन पश्चिम बंगाल पुलिस ने उसे नहीं सौंपा। बुधवार को भी शाम छह बजे तक ऐसा ही हुआ है।

    एजेंसी के एक उप निदेशक ने पांच जनवरी की शाम को शेख और कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बसीरहाट के पुलिस अधीक्षक से मामले की शिकायत की लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास)को शामिल नहीं किया जबकि शिकायत में इसका उल्लेख था। उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा-370 भी 17 जनवरी को जोड़ी गई।

  • जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सात साल की सजा

    जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सात साल की सजा

    जौनपुर। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई है। पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

    उल्लेखनीय है कि जौनपुर लाइन बाजार थाना क्षेत्र में नमामि गंगे परियोजना के तहत जनपद में चल रहे कार्य के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण व रंगदारी वसूलने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम को अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने मंगलवार को दोषी करार ठहराया है। धनंजय सिंह को पुलिस ने न्यायिक अभीरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया है। 

  • शेख शाहजहां को हिरासत में लेने भवानी भवन पहुंची सीबीआई बैरंग लौटी, सीआईडी ने नहीं किया हवाले

    शेख शाहजहां को हिरासत में लेने भवानी भवन पहुंची सीबीआई बैरंग लौटी, सीआईडी ने नहीं किया हवाले

    कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर शाहजहां शेख को हिरासत में लेने के लिए सीबीआई मंगलवार शाम भवानी भवन पहुंची। हालांकि ढाई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी सीबीआई की टीम को बैरंग लौटना पड़ा क्योंकि सीआईडी ने उसे केंद्रीय एजेंसी के हवाले नहीं किया। राज्य सीआईडी की ओर से बताया गया कि शाहजहां के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हो गई है और जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक स्थिति जस की तस बनी रहेगी। सीबीआई टीम के साथ केंद्रीय बलों के जवान भी थे। सीबीआई ने शाहजहां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दक्षिण बंगाल के एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक) सुप्रतिम सरकार भी राज्य पुलिस मुख्यालय भवानी भवन पहुंचे थे। आरोप है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सीआईडी की टीम शाहजहां को सीबीआई को सौंपने में सहयोग नहीं कर रही थी।

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले की जांच मंगलवार को सीबीआई को सौंप दी है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया। हाई कोर्ट ने गिरफ्तार शाहजहां शेख को मंगलवार शाम 4:30 बजे तक केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का भी आदेश दिया है। इसके बाद मंगलवार शाम को सीबीआई के अधिकारी शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए भवानी भवन पहुंचे। उन्हें जांच के कागजात भी अपने कब्जे में लेने को कहा गया है।

    हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ के आदेश को चुनौती देकर तृणमूल सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ेंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले की तत्काल सुनवाई करने की मांग की। बाद में पता चला कि सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को स्वीकार तो किया लेकिन सुनवाई पर तरजीह नहीं दी।

  • मऊ मे “खरी दुनिया” की हत्या की साजिस मे जुटा पुलिसिया हिरासत से बदमाशों को भगाने वाला अधिवक्ता

    मऊ मे “खरी दुनिया” की हत्या की साजिस मे जुटा पुलिसिया हिरासत से बदमाशों को भगाने वाला अधिवक्ता

    — पुलिस हिरासत से बदमाशों को भगाने वालों मे अधिवक्ता को नामजद होने का खतरा, इसी अधिवक्ता के बुलाने पर सुरक्षा तोड़ दीवानी मे बदमाशो के घुसने के चर्चे

    — “खरी दुनिया” ने मामले मे कोतवाली मऊ मे दर्ज अपराध संख्या ६७/२०२४ की फेयर इन्वेस्टीगेशन को हाई कोर्ट मे दाखिल कर रखा है “पीआईएल”

    — खरी दुनिया की “पीआईएल” मात्र से अधिवक्ता को है मामले की विवेचना मे नामजद होने का “डर”, जनहित याचिका दाखिल करने वाले खरी दुनिया की हत्या की साजिस मे है अधिवक्ता

    मऊ। दीवानी कचहरी मे पुलिस हिरासत से असलहेधारियों को भगाने वाले एक अधिवक्ता को पुलिस द्वारा उसके गिरोह के सदस्यों के दबाव मे जानबूझकर बचाये जाने की खबर हो। पुलिस की अब तक की कारगुजारियों को लेकर् “खरी दुनिया” ने “फेयर इन्वेस्टीगेशन” के लिए हाई कोर्ट इलाहाबाद मे जनहित याचिका दाखिल किया है।


    पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते २८ फरवरी २०२४ को समय करीब 12: 20 बजे दीवानी कचहरी मे एक अधिवक्ता के बुलावे पर तीन अज्ञात असलहेधारी दीवानी कचहरी की सुरक्षा मे लगे पुलिस कर्मचारियों की बिना सहमति के सुरक्षा तोड़कर कर दीवानी परिसर मे घुस गये थे।। पुलिस द्वारा जब इनको हिरासत मे लिया गया तो एक अधिवक्ता द्वारा दबाव बनाकर असलहेधारियों को पुलिस हिरासत से भगा दिया गया।

    अधिवक्ता की यह हरकत कानूनन जुर्म होने के कारण पुलिस द्वारा दो को नामजद करते हुए तीन अज्ञात असलहेधारियों साहित कुल २०५ लोगो के खिलाफ उसी दिन दर शाम को मुकदमा दर्ज कर पुलिस जाँच मे जुट गई लेकिन मामले मे राजीनीति के प्रवेश हो जाने से पुलिस अंशिक कार्यवाही कर घटना के मुताविक कार्यवाही से पल्ला झाड़ने मे विवश होती देखी जाने लगी।

    जनहित याचिका को दाखिल होने के बाद जब पुलिस द्वारा मामले मे सख्ती की जाने लगी तो मामले को दबवाने मे तात्यहींन रिपोर्ट के सहारे मामले की लीपापोती को फिर अधिवक्ता द्वारा राजनिति का संरक्षण लिया जाने लगा जिसके कारण समाचार लिखे जाने तक असलहेधारियो को पुलिस के खिलाफ जाकर दीवानी परिसर मे घुसने का न तो कारण साफ हुआ और न ही उनके नाम पते का ही खुलासा पुलिस द्वारा किया गया। न ही उन असलहेधारियों के असलहो का लाइसेंस ही निरस्त किये जाने की ही कार्रवाई की गई और नही उस अधिवक्ता का ही कास्टोडियन इंट्रोगेशन ही किया गया।

    सूत्रों पर यकीन करे तो पुलिस इस बड़ी घटना मे शामिल उस अधिवक्ता को बचाने मे मनमानी कर रही है जिसके बुलावे पर असलहेधारी दीवानी परिसर मे घुसे थे। पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली को देखते हुए “खरी दुनिया” द्वारा इस मामले मे निष्पक्ष जाँच के लिए मा इलाहाबाद उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका दाखिल की गई है।

    इस याचिका से खिन्न ,असलहेधारियों को पुलिस हिरासत से भगाने वाले अधिवक्ता ने “खरी दुनिया” की हत्या को कुछ लोगो को साथ लेकर साजिस मे है।

  • 55 दिन बाद शेख शाहजहां गिरफ्तार, 10 दिन की पुलिस हिरासत, विपक्ष ने कहा- तृणमूल ने बचा कर रखा था

    55 दिन बाद शेख शाहजहां गिरफ्तार, 10 दिन की पुलिस हिरासत, विपक्ष ने कहा- तृणमूल ने बचा कर रखा था

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद गुरुवार तड़के 55 दिन से फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। शेख पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने बताया कि शेख को उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके में संदेशखालि से लगभग 30 किमी दूर मिनाखान थाना क्षेत्र में एक घर से गिरफ्तार किया गया है।

    पुलिस ने बताया कि शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था। गिरफ्तारी के बाद उसे बशीरहाट अदालत में पेश किया गया जहां उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

    कोर्ट में पेशी

    सफेद कुर्ता-पायजामा पहने शेख सुबह करीब 10:40 बजे हवालात से बाहर आया और अदालत कक्ष की ओर गया। उसने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया। मुश्किल से दो मिनट तक चली अदालती सुनवाई के बाद उसे कोलकाता के भवानी भवन ले जाया गया जो पुलिस मुख्यालय है। इस मामले की जांच अब अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के हाथ में आ गई है। एक अधिकारी ने बताया कि उसे पूछताछ के लिए भवानी भवन लाया गया है।

    कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को हिरासत में ले लिया गया। शेख की गिरफ्तारी का पता चलते ही संदेशखाली में लोगों ने जश्न मनाते हुए मिठाइयां बांटीं।

    राज्यपाल ने की सराहना

    राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि अंधकार के बाद उजाला जरूर होता है। मैं इसका स्वागत करता हूं। उन्होंने शेख की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात राज्य सरकार को 72 घंटे की समय सीमा दी थी। राज्यपाल ने कहा कि यह एक अंत की शुरुआत है। हमें बंगाल में हिंसा के चक्र को समाप्त करना होगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में गुंडे राज कर रहे हैं। यह खत्म होना चाहिए और अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।

    पुलिस ने बताया कि शेख को कथित राशन घोटाला मामले में पांच जनवरी को उसके घर पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के संबंध में नजात थाने में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    सियासी बयानबाजी

    तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी संभव हुई जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘‘पूर्व नियोजित’’ करार दिया है। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि कानूनी उलझन के कारण शुरुआत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। हालांकि, अदालत द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपना काम किया। विपक्ष ने उसकी गिरफ्तारी पर लगी रोक का फायदा उठाया।

    उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा था कि शेख को सात दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि हमें राज्य पुलिस की क्षमता पर भरोसा था।’’

    भाजपा ने दावा किया कि पुलिस को आंदोलनों के कारण शेख को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि तृणमूल और राज्य पुलिस ही दोषियों को बचा रही थीं। अब उसे एक अच्छी तरह से गढ़ी गई कहानी के हिस्से के रूप में गिरफ्तार किया गया है। भाजपा की प्रदेश इकाई द्वारा लगातार आंदोलन किए जाने के कारण राज्य प्रशासन को उसे गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

    मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने सवाल उठाया कि संदेशखाली के लोगों द्वारा दायर किए गए 43 मामलों में शेख को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘उसके खिलाफ इतने मामले थे कि उसे कभी गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया क्योंकि उसे ताकतवर लोगों का संरक्षण मिला हुआ था।’’

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि तृणमूल नेतृत्व को पता था कि शाहजहां कहां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज यह स्पष्ट हो गया कि शाहजहां जैसे असामाजिक लोग तृणमूल का हिस्सा हैं। शाहजहां को देखकर साफ पता चलता है कि उसे सुकून वाली जगह पर रखा गया था। आज की गिरफ्तारी एक नाटक के अलावा कुछ नहीं है। तृणमूल को पता था कि शाहजहां इतने दिनों से कहां था। मुझे उम्मीद है कि बंगाल के लोग तृणमूल को करारा जवाब देंगे और उसे सबक सिखाएंगे।’’

  • घोटालों में संलिप्त और काला चिट्ठा रखने वालों को राज्यसभा भेजता रहा राजद: सुशील मोदी

    घोटालों में संलिप्त और काला चिट्ठा रखने वालों को राज्यसभा भेजता रहा राजद: सुशील मोदी

    पटना। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता और रेलवे की नौकरी के बदले जमीन घोटाला में आरोपित लालू प्रसाद की पार्टी राज्यसभा का टिकट देने में उन्हीं लोगों को प्राथमिकता देती है, जो परिवार की अवैध सम्पत्ति बनाने-छिपाने में संलिप्त हों या अवैध खरीद-फरोख्त का कच्चा चिट्ठा रखते हों।

    सुशील मोदी ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि इसी काली परिपाटी के तहत राजद ने तेजस्वी प्रसाद यादव के निजी सहायक संजय यादव को राज्यसभा का टिकट दिया है। वे हरियाणा के रहने वाले हैं और लालू परिवार के घोटालों की जांच के सिलसिले में उनके यहां भी सीबीआई की टीम पहुंची थी।

    उन्होंने कहा कि इससे पहले हरियाणा के ही प्रेमचंद गुप्ता को राजद ने पांच बार राज्यसभा भेजा, संसदीय दल का नेता बनाया और यूपीए सरकार के समय उन्हें कारपोरेट मामलों का मंत्री भी बनाया गया था। मोदी ने कहा कि राजद में जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर धनपशुओं को राज्यसभा भेजने की प्रवृत्ति के चलते कभी एडी सिंह तो कभी निजी मेडिकल कालेज के मालिक-संचालक फैयाज अहमद सांसद बने।

    उन्होंने कहा कि इनमें एडी सिंह को उर्वरक घोटाले में जेल जाना पड़ा। फैयाज अहमद के यहां सीबीआई का छापा पड़ा। जो लोग लोकतंत्र बचाने के बड़बोले दावे करते हैं, वे आर्थिक अपराधों का राजनीतिकरण करने के लिए उच्च सदन को कलंकित करते आ रहे हैं।

  • भ्रष्टाचार में फंसे द्रमुक मंत्री सेंथिलबालाजी ने पद छोड़ने के बाद मांगी जमानत

    भ्रष्टाचार में फंसे द्रमुक मंत्री सेंथिलबालाजी ने पद छोड़ने के बाद मांगी जमानत

    चेन्नई । राज्य मंत्रिमंडल से अपने इस्तीफे का हवाला देते हुए द्रमुक नेता वी. सेंथिलबालाजी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में मद्रास उच्च न्यायालय (एमएचसी) के समक्ष अपनी जमानत याचिका में संशोधन किया है। सेंथिलबालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का भी हवाला दिया कि सह-अभियुक्त की अनुपस्थिति जमानत से इनकार करने का आधार नहीं हो सकती क्योंकि सेंथिलबालाजी की जमानत से इनकार करने से पहले अदालत की इस प्रकार की कुछ मुख्य टिप्पणियां थीं।

    सेंथिलबालाजी की जमानत याचिका पर जस्टिस एन. आनंद वेंकटेश ने सुनवाई की। वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम ने कहा कि उनका मुवक्किल सीआरपीसी की धारा 439 और पीएमएलए की धारा 45 से संतुष्ट है। इसलिए, वह जमानत का हकदार है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय -ईडी के अधिकारियों द्वारा उनके मुवक्किल के घर से जब्त किए गए डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी, और प्रस्तुत किया कि पूर्व मंत्री के खिलाफ उनका मामला पूरी तरह से एक तरफा सबूतों पर आधारित है।

    यह भी बताया गया कि जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्य यानी पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क संदिग्ध हैं। वकील ने कहा कि जब्त किए गए सबूतों को अदालत में जमा करने से पहले छह दिनों तक विशेष रूप से जांच एजेंसी के पास रखा गया था, इसलिए उनकी हिरासत में इसके साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। वकील ने यह कह कर संदेह जताया कि ईडी द्वारा दो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हैं। पहली रिपोर्ट में कहा गया है कि जब्त पेन ड्राइव में 284 फाइलें हैं, जबकि दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेन ड्राइव में 472 फाइलें मिली हैं। इसके अलावा, जब्ती के बाद पेन ड्राइव में कई नई प्रविष्टियां मिलीं। वकील ने कहा, उनके मुवक्किल से जब्त की गई हार्ड डिस्क ईडी द्वारा अदालत में जमा की गई हार्ड डिस्क से अलग है, इसके अलावा, डिजिटल साक्ष्य की फॉरेंसिक रिपोर्ट के बीच भी विरोधाभास है।

    उनके वकील ने कहा, “सेंथिलबालाजी की जमानत को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि ईडी ने तर्क दिया है कि उनके भाई अशोक कुमार की फरारी है। वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में माना है कि सह-अभियुक्तों की फरारी जमानत से इनकार करने का आधार नहीं है।” वकील ने आगे यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को 270 दिनों से अधिक समय तक जेल में रखा गया और उन्होंने जमानत मांगी। प्रस्तुतीकरण के बाद, न्यायाधीश ने मामले को ईडी के प्रस्तुतीकरण के लिए 15 फरवरी तक के लिए पोस्ट कर दिया।

  • हत्याकांड में सीपीआई माले के विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माना

    हत्याकांड में सीपीआई माले के विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माना

    पटना। आरा के बहुचर्चित जेपी सिंह हत्याकांड मामले में सीपीआई माले के विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा हुई है। आरा कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सत्येन्द्र सिंह ने मंगलवार को मनोज मंजिल समेत 23 आरोपितों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। मनोज मंजिल को सजा के अलावा 10 हजार का जुर्माना भी देना होगा।

    जेपी सिंह की हत्या नौ साल पूर्व हुई थी। हत्या के बाद दर्ज मुकदमे पर आज सजा सुनाई गई है। भोजपुर जिला के अगियांव (सुरक्षित) सीट से माले के विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। मनोज मंजिल माले के टिकट से पहली बार भोजपुर जिला के अगियांव सीट से विधायक बने हैं लेकिन आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने पर उनकी विधायकी जाना तय माना जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि 2015 में अजीमाबाद थाना के बड़गांव में भाकपा माले की एक सभा चल रही थी। सभा के बीच में ही सूचना मिली कि माले कार्यकर्ता सतीश यादव की हत्या हुई है। इसके प्रतिशोध में किसान जयप्रकाश सिंह की हत्या कर दी गयी। इस मामले में 2022 में मनोज मंजिल को कोर्ट से जमानत मिल गयी थी। सात फरवरी को कोर्ट में मनोज मंजिल को उपस्थित होना था लेकिन वह किसी कारण से कोर्ट नहीं आ पाये। इसके बाद 13 फरवरी को तिथि तय कर उन्हें आज सजा सुनायी गयी।