Category: राजनीति

  •  भदोही के चुनावी दंगल में उतरे अब चाचा चौधरी और साबू

     भदोही के चुनावी दंगल में उतरे अब चाचा चौधरी और साबू

    छात्र-छात्राएं को खूब पसंद आ रहा निर्वाचन आयोग का तरीका

    डीएम भदोही के फेसबुक पेज व व्हाट्सएप समूह पर उपलब्ध है काॅमिक्स

    भदोही। भदोही में लोकसभा चुनाव रोचक मुकाबले में पहुंच गया है। उम्मीदवार तीखी गर्मी से भले तरबतर हों लेकिन जिला प्रशासन शत-प्रतिशत मतदान कराने को एड़ी-छोटी का जोर लगा रहा है। इस चुनाव में अब कॉमिक्स के लोकप्रिय पात्र चाचा चौधरी और साबू कूद पड़े हैं।

    जिला निर्वाचन अधिकारी विशाल सिंह एवं स्वीप प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी यशवंत कुमार सिंह द्वारा स्वीप के अन्तर्गत मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अनेक नवाचार पहलू व कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी क्रम में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश की तरफ से तैयार की गयी चाचा चौधरी और चुनावी दंगल कॉमिक्स का छात्र-छात्राओं व युवाओं में तेजी से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

    जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भदोही के चुनावी दंगल में अब चाचा चौधरी और साबू भी मतदाताओं को जागरूक करने के लिए उतर गये हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों और युवाओं में बहुत ही लोकप्रिय काॅमिक्स के पात्र चाचा चौधरी और साबू के जरीये मतदाताओं को सशक्त लोकतंत्र बनाने हेतु मतदान की महत्ता से परिचत कराया जा रहा है।

    चाचा चौधरी और चुनावी दंगल कॉमिक्स में निम्न अध्यायों-चाचा चौधरी और न्यू वोटर, चाचा चौधरी और बने स्मार्ट वोटर, चाचा चौधरी और महिला मतदाता की भागीदारी, चाचा चौधरी और चुनावी हेरा फेरी, चाचा चौधरी और थर्ड जेंडर वोटर अवेयरनेस आइकॉन, चाचा चौधरी और अपने उम्मीदवार को जानो ऐप, चाचा चौधरी और पोस्टल वोट, चाचा चौधरी और हर वोटर है जरूरी, चाचा चौधरी और चुनावी में हमले की साजिश, चाचा चौधरी और अपना बहुमूल्य वोट, बुझो तो जाने के माध्यम से चुनाव की जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां व जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है।

    स्वीप प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि काॅमिक्स का जनपद के बच्चों, छात्र-छात्राओं, युवाओं में बड़ा क्रेज है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जनपद के बेसिक विद्यालयों, खासकर उच्च विद्यालयों (6-8), जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जनपद के समस्त हाईस्कूल, इण्टरमिडिएट, डिग्री कालेजों में चाचा चौधरी और चुनावी दंगल काॅमिक्स की साफ्ट व हार्ड काॅपी के माध्यम से उपलब्ध कराकर मतदान से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी प्रदान कर 18 प्लस युवाओं को स्वयं अनिवार्य रूप से वोट करने तथा बच्चों व छात्र-छात्राओं द्वारा अपने परिवार के सभी मतदाताओं को 25 मई को अवश्य वोट करने हेतु जागरूक किया जा रहा है।

    जिला सूचना अधिकारी डॉ0 पंकज कुमार ने बताया कि बहुत ही सरल, सहज अन्दाज में लिखि गयी यह काॅमिक्स जनपद के बच्चों, छात्र-छात्राओं व युवाओं में काफी लोकप्रिय हो रही है। काॅमिक्स के जरिये, उन्हें खेल-खेल में ही चुनाव से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो रही है। कोई भी व्यक्ति डीएम भदोही या स्वीप भदोही फेसबुक पेज पर जाकर 60 पन्ने के इस काॅमिक्स को पढ़कर मतदान से सम्बन्धित विभिन्न जानकारियां प्राप्त कर सकता है। जिला सूचना कार्यालय द्वारा जनपद के सभी मीडिया व अन्य व्हाट्सएप समूह पर भेजकर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिला सूचना कार्यालय में आकर काॅमिक्स की हार्ड काॅपी पढ़कर चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकता है।

  • संत समाज से भाजपा मोह हुआ भंग , एक संत ने मीडिया से बातचीत मे किया खुलासा

    संत समाज से भाजपा मोह हुआ भंग , एक संत ने मीडिया से बातचीत मे किया खुलासा


    प्रयागराज। संत समाज मे भी भाजपा का विरोध शुरु हो गया है। समाज इसे ऐसी वाशिंग मशीन बता रहा है, जिसमे एक तरफ से दागियो को डालने के बाद वही दागी अंधभक्त बनकर निकलता है।


    संत समाज का भाजपा की नीतियों से मोहभंग होना भाजपा की कथनी और करनी मे अंतर का कारण बनते देखा जा रहा है।

    समाज मे भाजपा की अग्निवीर योजना सबसे अधिक विरोध का कारण बनती दिखाई दे रही है तो वाही पर बेरोजगारो द्वारा मांगी जा रही नौकरी के बदले मे उन्हे मिल रही लाठिया भी कम विरोध का करण नही बन रही है।

    भाजपा की कथनी और करनी को और जानने के लिए @Murti_Nain द्वारा एक्स हैंडिल पर वायरल फुटेज को देखे और सुने।

  • केंद्र मे सरकार बनने बाद बदल जायेगा देस का नक्शा और संविधान..प्रभाकर

    केंद्र मे सरकार बनने बाद बदल जायेगा देस का नक्शा और संविधान..प्रभाकर


    — केंद्र मे वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन के पति परकला प्रभाकर का खुलासा, जीत बाद भाजपा बदल देगी संविधान और देस का नक्शा

    मऊ। भाजपा चुनाव जितने के बाद संविधान के साथ देस का नक्शा बदल देगी और फिर कभी भारत मे नही होगा चुनाव ! इस बात का खुलासा कोई और नही खुद केंद्र मे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के पति परकला प्रभाकर द्वारा एक पत्रकार से की गई वार्ता मे किया गया है।


    “खरी दुनिया” ने प्रभाकर के इस खुलासे को देशहित मे @ranvijaylive के ट्विटर वाल से उठाकर सुधी पाठको तक पहुचाने का निर्णय लिया है।

    ट्विटर हेंडल पर वित्त मंत्री नितमला सीता रमन के पति पर कला प्रभाकर का यह फुटेज तेजी वायरल हो रहा है। इस फुटेज के मुताविक देस के साथ उसका संविधान भी खतरे मे है। बताते चले कि अभी लद्दाख के लेह मे चिनियों की दखंदाजी को लेकर वांग चुक की विडिओ वायरल हो रही है।

    अब खुद केंद्र मे मौजूद भजपा सरकार मे वित्त मंत्री के पति प्रभाकर के खुलासे के बाद से भजपा सरकार की अभी तक मौजूद चुप्पी भी क्या साबित कर रही है? विचारने की जरूरत को दे रहा बल

  • अर्जुन सिंह को भाजपा में वापसी का ”इनाम”, बढ़ाई गई सुरक्षा

    अर्जुन सिंह को भाजपा में वापसी का ”इनाम”, बढ़ाई गई सुरक्षा

    उत्तर 24 परगना। बैरकपुर से भाजपा उम्मीदवार अर्जुन सिंह की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भाजपा उम्मीदवार को बुधवार से जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। अब से सेंट्रल आर्मी के छह जवान उनकी सुरक्षा में तैनात होंगे। अर्जुन को अब तक राज्य पुलिस की सुरक्षा मिल रही थी।

    वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल का टिकट पाने में नाकाम रहने के बाद भाटपाड़ा के ”बाहुबली” अर्जुन सिंह ने पाला बदल लिया था। उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत भी हासिल की थी। बाद में अर्जुन सिंह अभिषेक बनर्जी का हाथ थामकर तृणमूल में लौट आये थे। लेकिन उनके सुर सत्ता पक्ष से मेल नहीं खा रहे थे। इसके बाद फिर 15 मार्च को अर्जुन की भाजपा में वापसी हो गई। उन्हें बैरकपुर से भाजपा का टिकट भी मिल गया। लोकसभा चुनाव से पहले उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

    सूत्रों के मुताबिक, जैसे-जैसे मतदान (पश्चिम बंगाल लोकसभा चुनाव 2024) आगे बढ़ेगा, बैरकपुर के भाजपा उम्मीदवार की सुरक्षा बढ़ती जाएगी।

  • हिसार के भाजपा सांसद बृजेन्द्र सिंह का इस्तीफ़ा,बीजेपी को झटका

    हिसार के भाजपा सांसद बृजेन्द्र सिंह का इस्तीफ़ा,बीजेपी को झटका

    यूपी(मऊ) / हरियाणा । किसान आंदोलन का पहला झटका बीजेपी को लगा है । हिसार के भाजपा सांसद चौधरी बृजेन्द्र सिंह ने मोदीजी का साथ छोड़ दिया। इन्होने संसद से इस्तीफा देकर खुद को समाज की सेवा का संकल्प दुहाराया है।

    सांसद रहे बृजेन्द्र सिंह भारतीय प्रसाशनिक सेवा छोड़कर समाज की सेवा का लक्ष्य लेकर भारतीय जानता पार्टी की सदस्य्ता लेकर हरियाणा के हिसार से सांसद चुने गये थे। किसान आंदोलन और केंद्रीय सरकार की भूमिका ने उन्हे इतना झकझोरा की वे कल संसद से इस्तीफ़ा दे दिये। प्रभावशाली ब्यक्तित्व के धनी बृजेन्द्र सिंह अब समाज की सेवा किसी अन्य राजनितिक पार्टी के माध्यम से करेंगे या फिर कोई और माध्यम होगा? इसको लेकर कुछ कहना जल्दी बाजी होगी।

  • कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति की हुई बैठक, जल्दी होगी नामों की घोषणा

    कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति की हुई बैठक, जल्दी होगी नामों की घोषणा

    लखनऊ। प्रदेश के अपने हिस्से आये 17 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए प्रदेश कार्यसमिति ने मंथन तेज कर दिया है। रविवार को प्रदेश कार्यालय पर चुनाव कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें एक-एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए मंथन किया गया। उम्मीद जतायी जा रही है कि इसी सप्ताह केन्द्रीय चुनाव समिति से भी नामों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

    रविवार को हुए मंथन में राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडेय मौजूद थे। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, पूर्व सांसद पी.एल. पुनिया, विधानमंडल दल के नेता अराधना मिश्रा, विधायक वीरेन्द्र चौधरी, पूर्व सांसद जफर अली नकवी, सुप्रिया श्रीनेत्र शामिल थे। चुनाव समिति ने 17 लोकसभा सीटों पर एक-एक नाम का मंथन किया। इसके बाद उनमें से लगभग तीन नामों का चयन करने की प्रक्रिया पूरी की गयी, जो केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। इस चुनाव समिति में अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर भी चर्चा की गयी।

    कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि तीन नामों का ही कोई नियमावली नहीं है। एवरेज तीन का रहता है, लेकिन किसी लोकसभा सीट पर चार तो किसी पर दो या एक भी नाम हो सकता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही केन्द्रीय चुनाव समिति द्वारा नामों को फाइनल किये जाने की संभावना है। अंशु ने बताया कि हमारे पदाधिकारी और कार्यकर्ता क्षेत्र में लगे हुए हैं। चारों तरफ प्रचार अभियान चल रहा है। इस बार उप्र से भाजपा साफ हो जाएगी।

  • राजस्थान में तीन पूर्व मंत्रियों समेत पच्चीस से अधिक कांग्रेस दिग्गज भाजपा में शामिल

    राजस्थान में तीन पूर्व मंत्रियों समेत पच्चीस से अधिक कांग्रेस दिग्गज भाजपा में शामिल

    – पूर्व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, पूर्व गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, पूर्व मंत्री खिलाड़ी लाल बैरवा ने भाजपा का हाथ थामा

    जयपुर। राजस्थान में रविवार को तीन पूर्व मंत्रियों समेत पच्चीस से अधिक कांग्रेस के दिग्गज नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। प्रदेश पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और पूर्व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, पूर्व गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के अलावा सचिन पायलट के समर्थक रहे पूर्व मंत्री खिलाड़ी लाल बैरवा ने भाजपा का हाथ थामा। इसके अलावा नागौर के कद्दावर जाट नेता और पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा ने भी भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया।

    लोकसभा चुनावों से पहले राजस्थान कांग्रेस के पच्चीस के अधिक दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हुए। ग्यारह साल पहले भाजपा को छोड़कर जनता सेना पार्टी बनाने वाले मेवाड के दिग्गज नेता रणधीर सिंह भिंडर भी आज अपने समर्थकों के साथ पुन: भाजपा में शामिल हुए। इसके साथ ही जनता सेना का भाजपा में विलय की भी घोषणा की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव मौजूद रहे।

    भाजपा का दामन थामने वालों में पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व विधायक रिछपाल सिंह मिर्धा, विजयपाल सिंह मिर्धा, आलोक बेनीवाल, रामनारायण किसान, अजमेर से लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी रहे रिजु झुनझुनवाला, भीलवाड़ा की पूर्व जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा, कांग्रेस नेता अनिल व्यास, पूर्व आईएएस ओंकार सिंह चौधरी, गोपाल राम कूंकणा, डॉक्टर आलोक जांगिड़, कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष सुरेश चौधरी, राजेंद्र परसवाल, शैतान सिंह मेहरडा, कर्मवीर चौधरी, जगन्नाथ बुरडक, कर्मवीर चौधरी, रामनारायण झांझरा, कुलदीप ढेवा, बच्चू सिंह चौधरी, रामलाल मीणा, महेश शर्मा, रणजीत सिंह, मधुसूदन शर्मा और अन्तरराष्ट्रीय बाडीबिल्डर प्रिया सिंह मेघवाल प्रमुख हैं।

  • विधान परिषद चुनाव: भाजपा ने की बिहार और उप्र के उम्मीदवारों की घोषणा

    विधान परिषद चुनाव: भाजपा ने की बिहार और उप्र के उम्मीदवारों की घोषणा

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश और बिहार में होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।

    भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति ने बिहार एवं उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों को स्वीकृति प्रदान की। शनिवार को पार्टी की ओर से जारी सूची में उत्तर प्रदेश से विजय बहादुर पाठक, डॉ. महेन्द्र कुमार सिंह, अशोक कटारिया, मोहित बेनीवाल, धर्मेन्द्र सिंह, रामतीरथ सिंघल और संतोष सिंह शामिल है।

    उधर, बिहार में मंगल पांडे, अनामिका सिंह और डॉ. लाल मोहन गुप्ता को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाया गया है। यहां विधान परिषद की खाली हो रही 11 सीटों में से 4 सीटें भाजपा के पास हैं।

  • अमेठी से भाग रहे राहुल, ललकार रही भाजपा

    अमेठी से भाग रहे राहुल, ललकार रही भाजपा

    मऊ/लखनऊ। कांग्रेस की पहली सूची में ही राहुल गांधी को वायनाड से टिकट मिलने और नेहरू गांधी परिवार की पारिवारिक सीट रायबरेली और अमेठी पर उम्मीदवार की घोषणा नही होने से चचा्र्रओ का बाजार गरम हो गया है। दूसरी तरफ भाजपा नेता बार-बार उन्हें अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए चुनौती दे रहे हैं।

    राजनीतिक गलियारों से छन कर आ रही खबरों के मुताबिक राहुल गांधी नेहरू के पारिवारिक सीटों से चुनाव लड़ना नहीं चाह रहे है ,जबकि उप्र कांग्रेस बार-बार उन्हें यहां लाने का प्रयास कर रही है। राहुल को अमेठी से चुनाव नही लडने के पीछे के कारणों में पिछली बार के चुनाव में उनके हाथ लगी बड़ी हार है जिसने उन्हें हिलाकर रख दिया है। पिछली बार के चुनाव में राहुल बसपा और सपा के समर्थन के बावजूद स्मृति ईरानी से हार गये थे। इस बार यही की सीट पर बसपा को खुद चुनावी मैदान में होने के आसार है। ऐसे में उन्हें जीतना मुश्किल होगा।

    उल्लेखनीय है कि अमेठी के 1966 में लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद ही यह नेहरु-गांधी परिवार का ही संसदीय क्षेत्र रहा है। यहां अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों और दो उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीत दर्ज की है। इस लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत चार तहसील और पांच विधान सभा क्षेत्र आते हैं। राहुल गांधी के सासंद बनने के बाद से वे स्वयं चुनाव तो जीतते थे, लेकिन विधानसभाओं में वे अधिकांश अपने उम्मीदवारों को जीताने में असफल रहे। पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी ने उन्हें भी हरा दिया। इसके बाद से उनका दौरा भी अमेठी में न के बराबर रहा।

    2019 में अमेठी के लोकसभा चुनाव पर गौर करें तो वहां 27 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन राहुल गांधी के समर्थन में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन किया था। इसके बावजूद स्मृति ईरानी ने 55,120 वोट से राहुल गांधी को हरा दिया, लेकिन इन दोनों के अलावा निर्दलीय अथवा छोटे दलों को मिलाकर 60540 वोट मिले थे। इसमें सात प्रत्याशी तो एक हजार से भी कम मत पाये थे, जिनका कुला मिलाकर 5183 मत मिले थे। उसमें नोट पर भी 3940 मतदाताओं ने बटन दबाया था। अर्थात ये मतदाता राहुल, स्मृति अथवा किसी अन्य को पसंद नहीं करते रहे। उस चुनाव में स्मृति को 4,68,514 वोट मिले थे। वहीं राहुल गांधी को 4,13,394 मत मिले थे। कुल पड़े वोट का स्मृति ईरानी का वोट शेयर 49.71 प्रतिशत था। वहीं राहुल गांधी का 43.86 प्रतिशत वोट मिले थे।

    राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो किसी लोकसभा चुनाव में 55,120 मतों से हार कोई मायने नहीं रखता, लेकिन उसके बाद राहुल गांधी ने अमेठी में आना ही छोड़ दिया। वे सिर्फ भारत जोड़ों यात्रा को मिलाकर पांच साल में तीन बार अमेठी आये हैं, जबकि स्मृति ईरानी लगभग हर माह वहां आती रही हैं। अमेठी में उन्होंने अपना आवास भी ले लिया है। ऐसे में राहुल गांधी वहां की जनता के साथ कैसे स्वयं को जोड़ पाएंगे। स्मृति इरानी के जवाब में वे कैसे मुखर हो पाएंगे।

    राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह की मानें तो उन्हें भय भी सता रहा है कि पिछली बार तो समाजवादी पार्टी और बसपा दोनों ने रायबरेली और अमेठी की सीट से अपना प्रत्याशी सोनिया और राहुल के समर्थन में नहीं उतारा। इस तरह राहुल तीन दलों के संयुक्त उम्मीदवार थे,लेकिन इस बार बसपा वहां से प्रत्याशी उतार सकती है,क्योंकि मायावती के किसी के साथ समझौता नहीं है। इस स्थिति में अमेठी से राहुल गांधी को हार का पुनः सामना करना पड़ सकता है।

  • बचाव मे दिख रहे कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर अब पत्रकारों पर हो रहे हमलावर, दे रहे नसीहत

    मऊ। उत्तर प्रदेश सरकार मे मंत्री बनने के बाद लगातार समाज मे उलजुलूल बयानबाजी से ट्रोल हो रहे सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर पत्रकारों के सवालों पर अब इरिटेट होने लगे है। पीड़ितों को पिला गमछा ओढ़ा कर थाने तक जाने की नसीहत देने वाले ओपी राजभर स्वतंत्र पत्रकारों को समाजवादी पार्टी का एजेंट करार देने लगे है।


    लोकसभा चुनाव मे घोसी लोकसभा सीट से अपने बेटे अरविन्द राजभर को एनडीए से उम्मीदवार घोषित कराने और उत्तर प्रदेश सरकार मे मंत्री बनने के बाद सुभासपा के ओपी राजभर का “दम्भ” लोगो के बींच तैरने लगा है।

    “सवाल करने से पहले सुना करो” “सुनो बुनो तब धुनो” समाजवादी पार्टी के एजेंट बनकर आये हो आदि शब्दों से डांटने वाले ओपी राजभर लगभग बचाव मे पत्रकारों पर हमलावर हो गये है। नापसंद प्रश्नो का जबाव देने की जगह राजभर बलिया मे पत्रकारों को न सिर्फ समाजवादी पार्टी का एजेंट करार दे दिया बल्कि उन्हे कुर्त और पायजामा पहनने की भी नसीहत दे दी।

    बहरहाल ओपी राजभर ने मंत्री बनते ही अपनी अहमियत को बढ़ाने मे जुट कर लोकसभा चुनाव मे सुभासपा के अरविन्द राजभर को सांसद बनाने मे राजनीति कर रहे है।