Category: राजनीति

  • राज्यसभा चुनाव: उप्र में भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने किया नामांकन, सपा की राह हुई मुश्किल

    राज्यसभा चुनाव: उप्र में भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने किया नामांकन, सपा की राह हुई मुश्किल

    लखनऊ। राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन था। भाजपा के इस फैसले से आठवें सीट पर सपा की राह अब आसान नहीं रह गई है।

    संजय सेठ ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य समेत प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा के कक्ष में बने निर्वाचन कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पार्टी के आठों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे। विधानसभा में हमारे पास दो तिहाई से अधिक बहुमत है।

    उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हो रहा है। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे भी उसी दिन मतगणना के बाद घोषित कर दिए जाएंगे।

    इस चुनाव में भाजपा पहले ही अपनी पार्टी के विधायकों के संख्या बल के हिसाब से सात उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। सभी उम्मीदवारों ने बुधवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था। वहीं सपा ने अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या के हिसाब से तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन संजय सेठ के नामांकन करने से सपा की चुनावी गणित गड़बड़ा गई है। संजय सेठ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। वह सपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने पाला बदलते हुए भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।

    उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के 06 विधायक हैं। रालोद के 09, सुभासपा के 06, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 02 और बसपा का 01 सदस्य है। उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।

  • महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए हुए सात नामांकन, निर्दलीय उम्मीदवार ने फंसाया पेंच

    महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए हुए सात नामांकन, निर्दलीय उम्मीदवार ने फंसाया पेंच

    मुंबई। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए गुरुवार को सात उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। शुक्रवार को नामांकन पत्रों की छानबीन में अगर सभी नामांकन सही पाए गए तो महाराष्ट्र विधानसभा में राज्यसभा की छह सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान तय माना जा रहा है। आज सातवें निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन करके निर्विरोध चुनाव पर पेंच फंसा दिया है।

    भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुरुवार को अशोक चव्हाण, मेधा कुलकर्णी और डॉ. प्रदीप गोपछड़े ने नामांकन दाखिल किये हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से मिलिंद देवड़ा, राकांपा की ओर से प्रफुल्ल पटेल ने अपना-अपना नामांकन दाखिल किया है। इस तरह भाजपा गठबंधन की ओर से पांच नामांकन दाखिल किए गए हैं। नामांकन भरते समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, राकांपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे, छगन भुजबल आदि उपस्थित थे।

    इसी तरह कांग्रेस पार्टी की ओर से चंद्रकांत हंडोरे ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय बडेट्टीवार, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण उपस्थित थे। पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता विश्वास जगताप में सातवें और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है।

    इन सातों नामांकनों की छानबीन शुक्रवार को होगी। राज्यसभा के लिए नामांकन भरते समय विधानसभा के 10 सदस्यों के हस्ताक्षर होना आवश्यक है। अगर निर्दलीय उम्मीदवार विश्वास जगताप के नामांकन में 10 विधायकों के हस्ताक्षर नहीं होंगे तो यह नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। फिलहाल महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर कल का दिन महत्वपूर्ण होने की संभावना जताई जा रही है।

  • रास चुनाव : भाजपा के दो उम्मीदवारों ने राजस्थान से दाखिल किया नामांकन

    रास चुनाव : भाजपा के दो उम्मीदवारों ने राजस्थान से दाखिल किया नामांकन

    जयपुर। राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक निर्वाचन के लिए गुरुवार को भाजपा की ओर से चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड ने नामांकन पत्र दाखिल किये। दोनों उम्मीदवारों ने रिटर्निंग ऑफिसर महावीर प्रसाद शर्मा को नामांकन पत्र के दो-दो सेट प्रस्तुत किये।

    गरासिया के नामांकन के वक्त मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद सीपी जोशी और पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ मौजूद थे। वहीं राठौड़ के नामांकन के वक्त मुख्यमंत्री शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं प्रेम चन्द बैरवा और पूर्व मुख्यमंत्री राजे मौजूद थीं।

    राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हो रहे चुनाव में गुरुवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था। बुधवार को कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। सोनिया वर्तमान में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा की सदस्य हैं। अब उन्होंने पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकन भरा है।

    राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें हैं, इनमें से तीन सीटों के लिए निर्वाचन होना है। ये सीटें तीन अप्रैल 2024 को रिक्त हो रही हैं। कांग्रेस के डॉ. मनमोहन सिंह और भाजपा के भूपेंद्र यादव का कार्यकाल तीन अप्रैल 2024 को पूरा हो रहा है, जबकि भाजपा के डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। विधायकों की संख्याबल के हिसाब से तीन में से दो सीट पर भाजपा और एक पर कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत तय है।

    शुक्रवार यानी 16 फरवरी को नामांकन पत्रों की संवीक्षा होगी। अभ्यर्थी 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे। वर्तमान में भाजपा के तीसरा और कांग्रेस के दूसरा उम्मीदवार घोषित नहीं करने के कारण निर्विरोध चुनाव होने की संभावना है। निर्विरोध चुनाव होने के कारण 27 फरवरी काे वोटिंग नहीं होगी। चूंकि 20 फरवरी को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। संभवत: इसी दिन शाम को रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। राज्यसभा चुनाव के फार्मूले के हिसाब से एक सीट के लिए 51 विधायकों के प्रथम वरीयता के मत चाहिए। भाजपा के पास 115 विधायक हैं, इसलिए पार्टी दो ही सीट जीत सकती है। तीसरी जीतने के लिए भाजपा के पास संख्या बल नहीं है जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है।

  • भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन 17-18 फरवरी को, 11 हजार से अधिक डेलिगेट्स लेंगे भाग

    भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन 17-18 फरवरी को, 11 हजार से अधिक डेलिगेट्स लेंगे भाग

    BJP national convention meeting

    नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने के मकसद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 17-18 फरवरी को राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन करेगी। भारत मंडपम में आयोजित होने वाली इस बैठक में देश से 11,500 से अधिक डेलिगेट्स भाग ले रहे हैं।

    भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 400 से पार के लक्ष्य को साधने के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। इस अधिवेशन का उद्घाटन 17 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे और 18 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समापन भाषण देंगे।

    रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दो दिवसीय बैठक आगामी चुनावों पर केंद्रित होगी। इसके साथ ही ‘विकसित भारत’ की अवधारणा को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। इस बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इसके साथ विस्तारकों की बैठक भी आयोजित की जाएगी। सम्मेलन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद के पदाधिकारी, देशभर के जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, लोकसभा प्रभारी, क्लस्टर प्रभारी, लोकसभा संयोजक, लोकसभा विस्तारक, अनुशासन समिति, वित्त समिति, राज्यों के मुख्य प्रवक्ता, दो दिवसीय मंथन सत्र में देशभर से मीडिया सेल के संयोजकों, आईटी सेल के पदाधिकारियों समेत विभिन्न स्तरों के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है।

  • समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर कृष्णा पटेल निर्णय करेगी : पल्लवी पटेल

    समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर कृष्णा पटेल निर्णय करेगी : पल्लवी पटेल

    लखनऊ। अपना दल (कमेरावादी) की संगठनकर्ता और विधायक पल्लवी पटेल ने बुधवार को एक बयान देकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी। पल्लवी पटेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर पार्टी अध्यक्ष कृष्णा पटेल निर्णय करेगी। उनके निर्णय के बाद लोकसभा सीटों पर निर्णय होगा।

    विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि समाजवादी पार्टी में कथनी और करनी में फर्क होता जा रहा है। राज्यसभा सीट पर अखिलेश यादव ने कोई चर्चा नहीं की। तीन सीटों में जो चेहरे तय हुए, एक बार गठबंधन पार्टी से वार्ता नहीं हुई। इसके कारण वह समाजवादी पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवारों को मतदान करने नहीं जायेगी।

    उन्होंने कहा कि मुसलमानों के हाथ से मतदान करा के समाजवादी पार्टी सीटें जीतते आयी है। आज उन्हीं मुसलमानों को दबाया जा रहा है। राज्यसभा सीट में किसी भी मुसलमान का नाम तय नहीं हुआ। अखिलेश यादव पीडीए की बात कर रहे हैं और अल्पसंख्यक के रुप में उन्हें नेता नहीं मिल रहा है।

  • संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार को लेकर भाजपा ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

    संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार को लेकर भाजपा ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

    नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए कई सवाल दागे। भाजपा ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार कर रहे हैं, जनजाति समाज से आने वाली महिलाओं की जमीनें छीनी जा रही हैं लेकिन वे कोई कदम नहीं उठा रही हैं। इस अराजकता और गुंडा राज को रोकने में नाकाम मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

    बुधवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गौरव भाटिया ने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने और उनके सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठा रही है। पश्चिम बंगाल में महिलाएं असुरक्षित हैं। संदेशखाली की महिलाओं के साथ जो कुछ घट रहा है, उसके लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि उन्हें हिन्दुओं से इतनी नफरत क्यों है? जनजाति समाज से इतनी नफरत क्यों है? टीएमसी के गुंडे महिलाओं का शोषण कर रहे हैं और आप चुप क्यों है?

    गौरव भाटिया ने कहा कि यह लड़ाई हर उस महिला की है, जिसने किसी भी पार्टी के लिए वोट क्यों न किया हो लेकिन उन्होंने संविधान में आस्था रखी। प्रदेश की सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा अपनी पूरी ताकत से यह लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार हर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो महिलाओं की मदद कर रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया। पीड़ित परिवार से मिलने गईं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्यों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जनता सब देख रही है।

  •  मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आजमगढ़ में भाजपा पदाधिकारियों को दिया चुनावी जीत का मंत्र

     मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आजमगढ़ में भाजपा पदाधिकारियों को दिया चुनावी जीत का मंत्र

    आजमगढ़। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भाजपा की क्लस्टर बैठक में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, लालगंज, घोसी, बलिया और सलेमपुर लोकसभा क्षेत्रों में चुनावी जीत का मंत्र दिया।

    समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ जिले के मिरिया स्थित एक निजी स्कूल में आयोजित भाजपा की क्लस्टर बैठक में पांच लोकसभा क्षेत्रों के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक तीन सत्रों में हुई।

    बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि भाजपा के अखिल भारतीय प्रवास के अंतर्गत आज पहली बार उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में प्रवास पर हूं। क्लस्टर बैठक में पार्टी पदाधिकारियों के साथ तीन अलग-अलग सत्रों में मौजूद रहा। उन्होंने कहा कि लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनाने के लिए हम लोग कृत संकल्पित हैं।

    डॉ. यादव ने अपने को पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने अलग-अलग नेताओं के लिए प्रवास तय किए हैं। उसी के क्रम में आजमगढ़ में आज हम लोग मौजूद हैं। लोकसभा क्षेत्र में लोकसभा प्रभारी, संयोजक से लेकर अन्य लोगों को जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका कुशलता के साथ निर्वहन हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो दृश्य बन रहा है, उससे विकास का नया प्रतिमान बन रहा है। पूरे देश के लगभग सौ करोड़ मतदाता यह तय कर चुके हैं तीसरी बार मोदी सरकार। तीसरी बार भी देश में भाजपा की सरकार बनेगी। सभी कार्यकर्ता अपने सांगठिनक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं और जैसे ही लोकसभा के चुनाव की घोषणा होगी, सभी कार्यकर्ता अपने उद्देश्यों की पूर्ति में लग जाएंगे।

    आजमगढ़ में सपा के आधार वोट बैंक यादव वर्ग को तोड़ने के सवाल पर डॉ. यादव ने कहा कि वह पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता हैं। पार्टी उन्हें जहां-जहां भेजेगी, वे जाएंगे। इसी के तहत वे आजमगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इससे पहले विमान से एयरपोर्ट पर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. यादव और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का पार्टी पदाधिकारियों ने स्वागत किया। बैठक में राज्य के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही भी मौजूद रहे।

  • पाकिस्तान में नवाज प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बनने की राह पर आगे बढ़े

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद जोड़ तोड़ में जुटी राजनीतिक पार्टियों ने आपसी सहमति से समाधान की तरफ बढ़ रही है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से पीछे हटने के साथ ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ के चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनने की संभावना बढ़ गई है। वहीं दोनों दलों के बीच आपसी सहमति के बीच बिलावल भुट्टो-जरदारी ने आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति बनाने की वकालत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भावना केवल उनके पारिवारिक संबंधों के कारण नहीं है, बल्कि उनके इस विश्वास में निहित है कि, देश के सामने मौजूद मौजूदा महत्वपूर्ण संकट को देखते हुए, आसिफ अली जरदारी के पास चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें कम करने की क्षमता है।

    वहीं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की संसद में सबसे अधिक सीटों पर जीतने के बाद भी सत्ता से दूर लग रही है।

    बिलावल ने अपनी अध्यक्षता में हुई पीपीपी की उच्चाधिकार प्राप्त केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करने में विफल रही। बिलावल (35) ने कहा, इस वजह से मैं खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए आगे नहीं रखूंगा। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर पुष्टि की कि पीएमएल(एन) के प्रमुख नवाज शरीफ (74) चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। शहबाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने कहा था कि नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, और मैं आज भी इस बात पर कायम हूं कि वह चौथी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।

    शहबाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने बिलावल और उनके पिता आसिफ अली जरदारी से बात की है और नवाज शरीफ को समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम साथ मिलकर पाकिस्तान को सभी राजनीतिक और आर्थिक संकटों से बाहर निकालने में सक्षम होंगे, इंशाल्लाह।’’

    सरकार गठन को लेकर पीएमएल-एन और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी मंगलवार को बैठक की है। दोनों पार्टियां आपसी सहयोग से आगे बढ़ने पर सहमत हुईं और शहबाज शरीफ ने समर्थन के लिए एमक्यूएम-पी को धन्यवाद दिया। एमक्यूएम के संसद में 17 सांसद हैं।

    शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पीपीपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई, जिसने पीपीपी को सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

    इमरान खान ने देश में किसी भी मुख्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन की सरकार बनाने के विचार को खारिज कर दिया और दावा किया कि काले धन को सफेद बनाने के काम में बड़े पैमाने पर लगे लोगों को सत्ता में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान(71) ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में संवाददाताओं से बात की। खान ने कहा कि पीएमएल-एन, पीपीपी और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के साथ कोई बातचीत नहीं होगी लेकिन उन्होंने अन्य सभी पार्टियों और समूहों से संपर्क करने की इच्छा जताई है।

    बिलावल ने कहा कि पार्टी ने सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर अभियान चलाकर राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और मौजूदा विषाक्त राजनीतिक माहौल को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पीपीपी पाकिस्तान के पीएम सहित महत्वपूर्ण वोटों का समर्थन करने और स्थिर सरकार के गठन को सुनिश्चित करने के लिए कई मुद्दों को संबोधित करने के लिए तैयार है।

  • मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर छुपा रही है अपनी विफलताएं : कांग्रेस

    मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर छुपा रही है अपनी विफलताएं : कांग्रेस

    नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने श्वेत पत्र जारी कर अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश की है।

    कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों मोदी सरकार एक फर्जी श्वेत पत्र लेकर आई थी। विडंबना ये है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। सुप्रिया ने कहा कि वह मोदी सरकार को खुली चुनौती देती हैं कि वे अपने बनाए मानक पर कांग्रेस और भाजपा सरकार के 10 साल के आंकड़े रखकर देख लें। इससे सच सामने आ जाएगा।

    श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर वित्त मंत्रालय से साजिशन वैधता ली गई, जिसमें वित्त मंत्रालय के अफसरों को खुद के किए गए कामों को नकारना पड़ा। हालांकि इन साजिशों के बावजूद यूपीए के 10 वर्षों की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर, भाजपा सरकार के 10 वर्षों से कहीं अधिक थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में जीडीपी ग्रोथ रेट 06 फीसदी से नीचे आ गई। लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोजगारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत खत्म हो गई।

    सुप्रिया ने कहा कि देश पर कर्ज बढ़ा है। रुपया की वैल्यू कम हुई है। पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ। बेरोजगारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी, उत्पादन और सर्विसेज में रोजगार घटे, मनरेगा पर ज्यादा खर्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा खर्च हुआ, प्राइवेट निवेश गिरा है। उन्होंने कहा कि कोरोना आने से पहले हमारे देश की जीडीपी ग्रोथ आधी हो गई थी, जिसका कारण नोटबंदी और गलत जीएसटी था। वर्ष 2016 के बाद 2019 में जीडीपी ग्रोथ 3.9 फीसदी पर आकर गिर गई थी और देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। यह सरकार की विफल नीतियों का प्रमाण है, जिसका ठीकरा कोरोना पर नहीं फोड़ा जा सकता।

  •  पाकिस्तान में फिर प्रधानमंत्री बनने की राह पर नवाज शरीफ

    -इमरान खान की पार्टी पीटीआई विपक्ष में बैठने को तैयारी

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक बार फिर नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। देश में अगली सरकार गठबंधन वाली होगी और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) विपक्ष में बैठेगी।

    ताजा रिपोर्ट के अनुसार नवाज शरीफ की पार्टी-पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज), बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) आपसी तालमेल करके पाकिस्तान में नई सरकार बना सकते हैं।

    वहीं पीपीपी का एक वर्ग अभी भी बिलावल के लिए प्रधानमंत्री पद की पैरोकारी कर रहा है। इसलिए पांच वर्ष के सरकार के कार्यकाल में नेतृत्व को लेकर साझेदारी का समझौता संभव है, जिसमें शुरुआती तीन वर्ष पीएमएल एन को और बाद के दो वर्ष पीपीपी को मिल सकते हैं। इस बीच निर्दलीय सांसदों और विधायकों का पीएमएल एन में शामिल होना जारी है। नवाज की पार्टी को सरकार बनाने के लिए सेना का समर्थन भी माना जा रहा है।

    पीटीआई प्रमुख गौहर अली खान ने देश में सरकार बनाने के दावे से पीछे हटते हुए सोमवार को कहा, हम नवाज की पीएमएल एन और पीपीपी के साथ नहीं बैठ सकते। इसलिए हमने उनसे सरकार बनाने के संबंध में बात नहीं की। उनके साथ गठबंधन करके सरकार बनाने से अच्छा है कि हम विपक्ष में बैठें। लेकिन सभी को ध्यान रखना चाहिए कि हम बहुमत में हैं। चुनाव में तमाम गड़बड़ियों के बावजूद पीटीआई के सबसे ज्यादा प्रत्याशी जीतकर नेशनल असेंबली (संसद) में आए हैं। इसलिए मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेंगे। संसद में बैठकर सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।

    चुनाव आयोग ने जिन 101 निर्दलियों के जीतने की घोषणा की है उनमें से ज्यादातर पीटीआई द्वारा समर्थित हैं। पीएमएल एन ने 75 सीटें, पीपीपी ने 54 और एमक्यूएम ने 17 सीटें जीती हैं। जबकि अन्य दलों ने भी 17 सीटें जीती हैं। एक सीट का परिणाम चुनाव आयोग ने रोक रखा है जबकि एक सीट पर प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इसलिए सरकार बनाने के लिए फिलहाल 133 सांसदों का समर्थन जरूरी है। 336 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में 266 सदस्यों को मतदाता चुनकर भेजते हैं, जबकि 70 सदस्य नामित होते हैं।

    इन नामित सदस्यों में 60 महिलाएं होती हैं, जबकि 10 अल्पसंख्यक वर्ग के होते हैं। सरकार को नेशनल असेंबली में बहुमत साबित करने के लिए 169 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।

    वहीं किसी भी दल को बहुमत न मिलने से देश में राजनीतिक अनिश्चितता का असर पाकिस्तान के शेयर बाजार में सोमवार को दिखाई दिया और शुरुआती कारोबार में सूचकांक 2,200 अंक तक नीचे गया।

    चुनाव में अपने दलों को जनता द्वारा नकारे जाने के बाद इस्तेहकाम ए पाकिस्तान पार्टी के प्रमुख जहांगीर खान तरीन और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ-पार्लियामेंटेरियन के प्रमुख परवेज खटक ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। ये दोनों ही एक समय इमरान की पार्टी पीटीआई के प्रमुख नेता थे, लेकिन इमरान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई, 2023 को हुई हिंसक घटनाओं और उसके बाद प्रशासन के दमन के चलते तरीन और खटक ने पीटीआई छोड़कर अपने अलग दल बना लिए थे।

    सोमवार को पीटीआई के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकात कर उनसे चुनाव के दौरान हुई धांधली की शिकायत की और अपने दावे को पुष्ट करने वाले सुबूत दिए। पाकिस्तान की 24 संसदीय सीटें ऐसी हैं जिन पर जितने अंतर से जीत हुई है, उससे ज्यादा संख्या में वहां पर मत रद किए गए। अगर उन मतों को वैध करार दिया जाता तो कई सीटों पर परिणाम बदल सकते थे।