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मऊ में पागल भाई की संरक्षिका बहन ममता ने उसकी करोड़ो की जमीन बेच, प्रसाशन को दी चुनौती

दिमागी रूप से दिवालिया भाई की संरक्षिका बहन द्वारा भाई की जमीनों को जमीनों को बेचने को अधिकृत बता, गलत तरीके से बेचीं गई जमीनो की बैधता पर सवाल

संरक्षिका ममता मेहरोत्रा ने अदालत से बिना आदेश लिए बेच दी, पागल भाई की करोड़ो की जमीन, अदालत ने बहन को दिमागी रूप से दिवालिया भाई का तय किया है संरक्षिका

मऊ। दिमागी रूप दिवालिया भाई की अदालत से संरक्षिका घोषित होने के बाद से बहन द्वारा उसकी करोड़ो की नॉन जेड ए की सम्पत्तियों को कौड़ियों के भाव बेच रकम हड़प लिए जाने कि खबर है। दिमागी रूप से दिवालिया भाई की बहन का नाम ममता मेहरोत्रा है। ममता बनाम मधुबहल के नाम से एक अदालत में मुकदमा कर संरक्षिका बन कर ममता ने भाई की सम्पत्तियों को बेचने के लिए लोगो से अधिकृत बताकर बेचने का आरोप है, जबकि ममता भाई के लिए बतौर केयर टेकर की भूमिका में है।


विभागीय सूत्रों के अनुसार ममता मेहरोत्रा ने अदालत में अपने दिमागी रूप से दिवालिया भाई की संरक्षिका बनने के बाद अदालत से विना सहमति लिए करोड़ो की सम्पत्तियों को कौड़ियों के भाव बेच कर अदालत के आदेश कि अवमानना तो करते हुए दर्जनों लोगो से अबैध तरिके से धन ऐठने का अपराध कर दिया है।

ममता ने जिन लोगो को अपने दिमागी रूप से दिवालिया भाई की संरक्षिका बनने के बाद खुद को उसकी जमीनों को बेचने का अपराध किया है उनमे, भरत यादव, चैनरी देवी, द्रोपदी, राजकुमार केडिया, गिरधर केडिया, सत्यदेव केडिया आदि लोग है, जिनको सरकारी मालियत से कम कीमत में जमीने बेची है। ममता मेहरोत्रा द्वारा दिनांक २३.३.२०२३ को भरत यादव के नाम बेचीं गई है।

इस विक्रय मे विक्रेता श्याम मोहन सहगल पुत्र मोहन लाल सहगल संरक्षिका बहन ममता मेहरोत्रा पत्नी रवी मेहरोत्रा द्वारा पुत्री मोहन लाल सहगल साकिन आलमगंज शहर जौनपुर हाल मुकाम वाजीद पुरा कोपागंज तहसील सदर जनपद मऊ का उल्लेख है।

इस जमीन जमीन की सरकारी मालियत १५,५० हजार तो बेचा गया है ४ लाख में। दिनांक २४.३.२०२३ को दुबारा इसी भारत यादव के पक्ष में ममता मेहरोत्रा ने सरकारी मालियत १७.९३ हजार कि मालियत वाली जमीन को केवल ५ लख में बेच दिया है। दिनांक २४.३/२००७ को फिर ममता मेहरोत्ता ने खेवट नंबर १ के गाता संख्या ४३५/८ रकबा .०२० हेक्टेयर कि जमीन को राज कुमार केडिया, जय प्रकाश केडिया, सत्यदेव केडिया, गिरधर गोपाल केडिया के पक्ष में को ७ लाख रुपये में ही जिसकी सरकारी मालियत ९०१००० रुपये बताया गया गया है, बेचा गया है।

पुनः दिनांक २४.३/२००७ को ममता ने इसकी खेवट के उक्त गाटा संख्या से २८ कड़ी जमीन को राजकुमार केडिया आदि को८ लख रुपये में जिसकी सरकारी मालियत ११.६८ हजार बता कर बेच दिया है।

दिनांक २४/३/२०७ को फिर ममता ने द्रोपदी देवी के नाम ७ लाख रुपये में सरकारी मालियत ८६ लख ५ हजार बता कर बेच दिया है। इसी दिन ममता मेहरोत्रा ने चैनरी देवी के नाम भी इतनी ही सरकारी मालियत वाली जमीन को ७ लाख रुपये में बेच दिया है।

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