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  • बजट – इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए परिदृश्य को मजबूत और व्यापक बनाने पर रहेगा जोर

    बजट – इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए परिदृश्य को मजबूत और व्यापक बनाने पर रहेगा जोर

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को कार्बन तटस्थ बनाने के दृष्टिकोण के तहत सरकार इलेक्ट्रिक बसों को व्यापक रूप से अपनाने को तैयार है। स्थायी परिवहन की इस दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की।

    उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक पहल विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे दोनों पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए परिदृश्य को मजबूत और व्यापक बनाना है। इसके तहत ई-बस ऑपरेटरों के बीच विश्वास को बढ़ावा देते हुए भुगतान सुरक्षा तंत्र के कार्यान्वयन के माध्यम से इसे सुविधाजनक बनाया जाएगा। इस पहल से सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने, पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल आवागमन के तरीके को बढ़ावा देने की उम्मीद है। सतत विकास के लिए एक मजबूत नींव बनाने पर जोर देने के साथ, स्वच्छ और हरित भविष्य को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

  • एक करोड़ परिवार को प्रत्येक महीने 300 यूनिट तक निःशुल्क बिजली होगी उपलब्ध

    नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में रूफ-टॉप सोलर एनर्जी को लेकर बड़ा एलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे मध्यम वर्ग को हर साल बिजली में खर्च होने वाली बड़ी राशि बचाने में मदद मिलेगी।

    वित्त मंत्री के एलान के मुताबिक छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक करोड़ परिवार प्रत्येक महीने 300 यूनिट तक निःशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे।

    यह योजना अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन प्रधान मंत्री के संकल्प के अनुसरण में लाई गई है। इससे निःशुल्क सौर बिजली और अधिशेष बिजली वितरण कंपनियों को बेचने से परिवारों को हर वर्ष पंद्रह हजार से अठारह हजार रुपये की बचत होगी।

    इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की स्थापना से आपूर्ति तक बड़ी संख्या में वेंडरों को काम मिलेगा। विनिर्माण, स्थापना और रखरखाव में तकनीकी कौशल रखने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिलेगा।

  • मऊ मे “खरी दुनिया” पर फर्जी मुकदमा क़ायम कराने मे सीजेएम सुल्तानपुर के माध्यम से डीपीआरओ से जबाव तलब

    मऊ मे “खरी दुनिया” पर फर्जी मुकदमा क़ायम कराने मे सीजेएम सुल्तानपुर के माध्यम से डीपीआरओ से जबाव तलब

    (ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)


    मऊ ( खरी दुनिया )। “खरी दुनिया” के खिलाफ बिद्वेषपूर्ण अभियोजन कराने मे जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक शुक्ला को लेकर अदालत सख्त है। बीते ३० जनवरी २०२४ को उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने “खरी दुनिया” के आवेदन पत्र पर सुनवाई करते हुए मुख्य दंडाधिकारी सुल्तानपुर् के माध्यम से अभिषेक शुक्ला डीपीआरओ सुल्तानपुर् को नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है।


    उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे विधि विशेषज्ञो मे सुमार अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने गुरूवार को “खरी दुनिया” से बातचीत मे बताया की, खरी दुनिया के खिलाफ बिद्वेषपूर्ण अभियोजन को लेकर अदालत अत्यंत गंभीर है।

    वर्ष २०२२ मे जिला पंचायत राज अधिकारी मऊ द्वारा तथ्यों के बिपरीत जा कर “खरी दुनिया” की खबरों से परेशान होकर जनपद मऊ के थाना कोतवाली मे अपराध संख्या २५७/२२ अंतर्गत धारा ४१९, ४२०,के आरोप मे एक मुकदमा दर्ज कराया था। इस दर्ज प्राथमिकी के अनुसार “खरी दुनिया” की गिरफ्तारी का अधिकार तुरंत नही मिलने के कारण विवेचना दौरान मिथ्या साक्ष्य गढ़ कर विवेचना मे लगा कर “खरी दुनिया” के खिलाफ भा०द्०वि० ४६७, ४६८ और ४७१ की धारा जोड़ कर जेल भेजा गया था।

    मामले मे विवेचक द्वारा अदालत को सुपुर्द किये गये आरोप पत्र को खरी दुनिया द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे चुनौती दी गई है । मामले मे अदालत ने प्रोसीडिंग स्टे का आदेश जारी किया है। बीते ३० जनवरी २०२४ को सुनवाई दौरान अदालत ने “सीजेएम” सुल्तान पुर के माध्यम से नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है। अधिवक्ता सुधीर सिंह ने बताया कि बिद्वेषपूर्ण कार्यवाही करने मे मिथ्या साक्ष्य अब अधिकारियो के जी का जंजाल बन जायेगा।

    बताते चले कि इसी मामले की विवेचना मे तत्कालीन क्षेत्राधिकारी धनंजय मिश्रा ने ग्राम सचिवों से खरी दुनिया को जेल भेजनें के लिए उसके खिलाफ मिथ्या साक्ष्य गढ़े और गधवा कर उसे जेल मे भेजा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि नियत की है।

  • साइबर फ्राड के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इंकार, अर्जी खारिज

    साइबर फ्राड के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इंकार, अर्जी खारिज

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 लाख 838 हजार रुपये के साइबर फ्राड के आरोपित बुधिसार शिकारी को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। कहा है कि अन्य सहअभियुक्तों को मिली जमानत की पैरिटी नहीं दी जा सकती, क्योंकि याची पर किंगपिन अपराधी होने का आरोप है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। मालूम हो कि घनश्याम ने साइबर थाना प्रयागराज में एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें कहा गया कि उन्होंने एयरटेल मोबाइल फोन रिचार्ज कराया। उनके खाते से 598 रुपये कट गया, किंतु फोन रिचार्ज नहीं हुआ। बैंक प्रबंधक को जानकारी दी गई परन्तु कुछ नहीं हुआ।

    याची का कहना था कि वह निर्दोष है और सह अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है। इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए। सरकार की तरफ से कहा गया गया कि चार्जशीट दाखिल की गई है। कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। अपराध गम्भीर है। जमानत अर्जी निरस्त की जाय।

    कोर्ट ने कहा कि आजकल साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। वे झांसा देकर लोगों की गाढ़ी कमाई हड़प रहे हैं। ऐसे अपराध के आरोपितों को जमानत पाने का हक नहीं है।

  • ईडी ने राबड़ी और मीसा सहित सात आरोपितों को दिया समन

    ईडी ने राबड़ी और मीसा सहित सात आरोपितों को दिया समन

    पटना (बिहार)। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में राजद सुप्रीमो और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम बुधवार की दोपहर राबड़ी के दस सर्कुलर रोड आवास पहुंची। ईडी की टीम ने राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत सभी सात आरोपितों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित दफ्तर बुलाया है।

    राबड़ी आवास पहुंची तीन सदस्यीय ईडी की टीम ने पिछले दिनों में लालू यादव और तेजस्वी यादव से ईडी कार्यालय में की गयी पूछताछ से संबंधित कागजों की प्रति को रिसीव करवाया। इसके साथ ईडी टीम ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव सहित सात लोगों को पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय के ईडी कार्यालय में आने का समन दिया। इनके अलावा उनके सीए अमिल कात्याल और जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी को भी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।

    राबड़ी आवास पर ईडी की टीम के पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन में राजद के कई वरिष्ठ नेता राबड़ी आवास पहुंचे। इस दौरान ईडी की टीम करीब 10 मिनट तक राबड़ी आवास में रूकी।

  • जज ने कानून की किताब खोलकर पुलिस को पढ़ाई, उसके बाद हत्या का मामला सीआईडी को सौंपा

    जज ने कानून की किताब खोलकर पुलिस को पढ़ाई, उसके बाद हत्या का मामला सीआईडी को सौंपा

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस को कलकत्ता हाई कोर्ट के जज ने कानून का पाठ पढ़ाया है। हत्या के एक मामले में घोर लापरवाही की वजह से नाराज जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने पुलिस को फटकार लगाई और मामला सीआईडी को सौंप दिया।

    चौंकाने वाली बात थी की हत्या के मामले में पुलिस ने हत्या की धारा ही नहीं लगाई थी। कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट थाना क्षेत्र में एक महिला की असामान्य मौत के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने संबंधित थाने की पुलिस को फटकार लगाई।

    पिछले साल 24 नवंबर को एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन इलाके में शालिनी मित्रा नाम की वधु की उसके ससुराल में जलाकर हत्या कर दी गई थी। पांच दिसंबर को अस्पताल में उनकी मौत हो गई। मृतक के पिता के घर के लोगों का आरोप है कि पति सुशांत चक्रवर्ती समेत ससुरालवालों ने शालिनी को जलाकर मार डाला। आरोप है कि घर के वॉशरूम का दरवाजा तोड़कर शालिनी को बाहर ले जाया गया और आग लगा दी गई। यहां तक कि आग लगाने का दृश्य कथित तौर पर शालिनी की बहन को वीडियो कॉल के जरिए दिखाया गया था। महिला के घर वाले तुरंत ससुराल पहुंचे अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसे बचा नहीं पाए थे।

    आरोप है कि पुलिस ने घटना की जांच करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार करने के बजाय सबूत मिटाने की कोशिश की। यहां तक कि पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा भी नहीं जोड़ी। बुधवार को जस्टिस जॉय सेनगुप्ता की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। जज ने अदालत कक्ष में सवाल-जवाब के बीच किताब खोली और जांच अधिकारी को कानून का पाठ करने को कहा। इतना ही नहीं जज ने फटकार के लहजे में सवाल किया कि क्या जांच कानून के तरीके से होगी या आरोपितों के तरीके से ? पुलिस ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती है।

    अदालत ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 201 जोड़ने का आदेश दिया। जज ने कहा कि अब इस मामले की जांच सीआईडी करेगी।

  • आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला बरकरार, राज्य सरकार की एसएलपी खारिज

    आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला बरकरार, राज्य सरकार की एसएलपी खारिज

    नई दिल्ली/ जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु साठ साल से बढाकर 62 साल करने के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से 13 जुलाई, 2022 को दिए आदेश को सही माना है। इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दायर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है।

    राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सकों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है। एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय था और ऐसा एलोपैथी डॉक्टर्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया था। इसलिए एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह आयुर्वेद डॉक्टर्स की आयु 60 साल से बढाकर 62 साल करने वाले फैसले को रद्द किया जाए। इसके जवाब में आयुर्वेद डॉक्टर्स की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश के मामले में आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है। इसलिए आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है और ऐसे में राज्य सरकार की एसएलपी खारिज की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी।

    गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ना केवल आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाई थी, बल्कि यह भी कहा था कि जिन आयुर्वेद डॉक्टर का रिटायरमेंट हाल में हुआ हो और जिनकी आयु 62 साल से कम है उन्हें वापस सेवा लिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जब एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल है तो आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल की जाए और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। आयुर्वेद डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल कर दी, लेकिन आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 साल ही रखी है।

  • केंद्र में सरकार बनने पर पूरे देश में कराएंगे जातिगत सर्वेक्षण : राहुल गांधी

    केंद्र में सरकार बनने पर पूरे देश में कराएंगे जातिगत सर्वेक्षण : राहुल गांधी

    कोलकाता। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत दूसरी बार पश्चिम बंगाल में रैली कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी घोषणा की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जोर देकर कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी केंद्र की सत्ता में आती है तो देशभर में जातिगत जनगणना कराई जाएगी।

    पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के हिस्से के रूप में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर नफरत और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय चाहते हैं। केंद्र की सत्ता में आने के बाद हम दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों के लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए देशभर में जातिगत जनगणना कराएंगे।

    भाजपा पर नफरत व हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यात्रा में न्याय शब्द जोड़ा गया क्योंकि देशभर में अन्याय हो रहा है।

  • बंगाल में एक साथ 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला

    बंगाल में एक साथ 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला

    कोलकाता। लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के शीर्ष पुलिस अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है। एक साथ 46 आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ है। एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर मनोज वर्मा को लाया जा रहा है। जावेद शमीम लंबे समय से इस पद पर थे। जावेद को खुफिया विभाग और एडीजी (सुरक्षा) पद पर तैनात किया जा रहा है। इसके साथ उत्तर 24 परगना के तीन पुलिस जिलों बशीरहाट, बनगांव और बारासात में फेरबदल किया गया है।

    इस महीने की शुरुआत में उत्तर 24 परगना के बशीरहाट पुलिस जिले के अंतर्गत संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हुए हमले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। उस घटना का मुख्य आरोपित शाहजहां शेख अब भी लापता है। अब इस जिले में जोबी थॉमस के स्थान पर हुसैन मेहदी रहमान को बशीरहाट पुलिस जिले का अधीक्षक बनाया गया है। वे सीआईएफ राज्य पुलिस अधीक्षक के पद पर थे। थॉमस को इस्लामपुर में एसपी बनाया गया है। कोलकाता पुलिस के डीसी सेंट्रल दिनेश कुमार को बनगांव पुलिस जिले का अधीक्षक बनाकर भेजा गया है। इतने लंबे समय तक इस पद पर रहीं जयिता बोस को दार्जिलिंग रेंज का डीआईजी बनाकर भेजा गया है। प्रतीक्षा झारखड़िया बारासात पुलिस जिले की अधीक्षक बनीं हैं। वह हावड़ा सिटी पुलिस के डीसी साउथ थीं। बारासात पुलिस जिले के अधीक्षक पद पर कार्यरत भास्कर मुखर्जी को मालदह रेंज के डीआईजी पद पर भेजा गया है। सिद्धनाथ गुप्ता, जो दक्षिण बंगाल के डीजी-आईजीपी थे, को राज्य पुलिस के राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो में स्थानांतरित कर दिया गया है।

    कोलकाता पुलिस के डीसी नॉर्थ के पद पर कार्यरत तरुण हलधर को सीआईडी का डीआईजी बनाकर भेजा गया है। दक्षिण-पूर्व के डीसी शुभंकर भट्टाचार्य को कोलकाता पुलिस का संयुक्त आयुक्त बनाया गया है। बिधाननगर कमिश्नरेट की डीसी ट्रैफिक इंदिरा मुखर्जी को डीसी सेंट्रल, कोलकाता पुलिस के पद पर तैनात किया गया है। डब्ल्यूबीपीएस अधिकारी सुमंत कविराज को डायमंड हार्बर पुलिस जिले के अतिरिक्त अधीक्षक के पद से बनगांव पुलिस जिले के अतिरिक्त अधीक्षक के रूप में स्थानांतरित किया गया है।

  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने किया मंजूर

    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल ने किया मंजूर

    रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को ईडी ने करीब सात घंटे पूछताछ की। इसके बाद ईडी की हिरासत में हेमंत सोरेन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा देने गए। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। उनकी जगह अब झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन नये नेता चुने गये हैं। इस बात की पुष्टि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री बन्ना गुप्ता और राज्यसभा सांसद महुआ माजी सहित कई विधायकों ने की है।

    हेमंत सोरेन से पहले महागठबंधन के विधायक राजभवन पहुंचे थे लेकिन महागठबंधन के पांच मिनट के बाद ही बाहर कर दिया गया। सभी विधायक राजभवन के बाहर हंगामा कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि चंपई सोरेन को बुधवार रात में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी जाए।

    जमीन फर्जीवाड़ा मामले में इससे पूर्व 20 जनवरी को मुख्यमंत्री से ईडी ने करीब सात घंटे पूछताछ की थी।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी की तरफ से आठवीं बार समन जारी किया गया था। ईडी के अधिकारियों ने उन्हें समय और तारीख दोनों बताने का ऑफर दिया था, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। मुख्यमंत्री ने आठवां समन भेजे जाने के बाद पूछताछ के लिए सहमति दी थी। इसके बाद ईडी ने जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए तिथि, समय और स्थान बताने को कहा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए सहमति दी थी।

    ईडी ने 29 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। करीब 13 घंटे चली इस छापेमारी में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास से बीएमडब्ल्यू कार और 35 लाख रुपये नकद सहित दस्तावेज बरामद किया था। ईडी की टीम जमीन घोटाले में हुई कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन के बंगले पर पहुंची थी। हालांकि मुख्यमंत्री नहीं मिले।

    इन वजहों से हेमंत सोरेन पर ईडी ने कसा शिकंजा

    अवैध तरीके से जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में झारखंड, बंगाल व बिहार के 22 ठिकानों पर 13 अप्रैल 2023 को ईडी ने छापेमारी की थी। दूसरे दिन जारी इस छापेमारी में हिरासत में लिए गए सात आरोपितों बड़गाईं अंचल का अंचलाधिकारी भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी कागजात तैयार करने वाले अफसर अली, सद्दाम, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, प्रदीप बागची व फैयाज खान को ईडी ने गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान सेना के कब्जे वाली जमीन के मूल कागजात को भी ईडी ने जब्त कर पुराने व नये कागजात की फॉरेंसिक जांच करायी तो पता चला कि जमीन के कागजात में हेराफेरी कर रैयत के नाम में भी फेरबदल किया गया है। बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास और मोबाइल फोन से बरामद दस्तावेज बरामद हुए थे। इन दस्तावेज की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है। जमीन घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक 236 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद की परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था न बिगड़े इसको लेकर वित्त विभाग के सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा के लिए 7,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दिया गया है।