Category: ईमानदार भ्रष्टाचारी

  • सच उकेरने मे सच से संवाददाता का हुआ सामना, आर आई पर भारी पड़ने लगा पत्रकारो को भंगी बनाना

    सच उकेरने मे सच से संवाददाता का हुआ सामना, आर आई पर भारी पड़ने लगा पत्रकारो को भंगी बनाना


    ( सरफराज)
    मऊ ( खरी दुनिया)। भ्रष्टाचार के खुलासे से खिसिआऐ परिवहन बिभाग के आर आई प्रमोद् कुमार द्वारा पत्रकारों को भंगी बनाना भारी पड़ गया है। पहले से भ्रष्टाचार की जाँच झेल रहे आर आई को एक और जांच से उनके गले पड़ गई है।


    बिभागीय सुत्रो के अनुसार विभाग मे भ्रष्टाचार की महक को महसूस करने के लिए जी न्यूज़ संवाददाता प्रकाश चंद पांडेय ने एक ब्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए परिवहन कार्यालय पहुंच गये।

    नियमानुसार लाइसेंस बनाने की प्रक्रियाओ मे वाहन को चलवा कर मौके पर देखने के नाम पर विभाग मे लिफाफे के खेल का फूल हर रोज खिलता है।आर आई वाहन चलवाने के नाम पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालो से समयानुसार रोज लिफाफे की जुगत मे रहने की आदत के मुताबिक आर आई द्वारा जी न्यूज़ संवाददाता के साथ आये ब्यक्ति से भी ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर लिफाफे की तैयारी थी लेकिन लिफाफे के बींच बन रही बात के आगे आर आई की चली जुबान उनके लिए मुसीबत बन गई।

    जुबान मे पत्रकारो को भंगी बना कर विभागीय रौब मे झूल गये आर आई। सोमवार को आजमगढ़ के अफसरों की एक टीम ने जांच की। बताते चले कि उत्तर प्रदेश संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय मे लिफाफे के खेल की महक ने जी न्यूज़ संवाददाता को हिला दिया है। इस लिफाफे के खेल को जनहित मे आगे बढ़ने की चिढ मे आर आई पर दूसरी जाँच बैठा दी।

  • सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा : समाज कल्याण मंत्री ने जांच में तेजी लाने के दिये निर्देश

    सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा : समाज कल्याण मंत्री ने जांच में तेजी लाने के दिये निर्देश

    बलिया। 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में हुए व्यापक फर्जीवाड़े के बाद समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण समाज कल्याण विभाग के निदेशक के साथ रविवार को बलिया पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि सामूहिक विवाह आयोजनों में रजिस्ट्रेशन के अनुसार मौके पर भी सत्यापन कर लिया जाए। फरवरी महीने में भव्य तरीके से सामूहिक विवाह कराने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।

    मंत्री श्री अरूण ने सामूहिक विवाह के लिए हुए पंजीकरण व अन्य पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मनियर में हुए सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े को लेकर सख्ती दिखाई। उन्होंने जांच में और तेजी लाने का निर्देश डीएम व एसपी को दिया। उन्हें जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने आश्वस्त किया कि इस प्रकरण का कोई भी दोषी कार्रवाई से नहीं बच पाएगा। ऐसी रणनीति बनाई गयी है कि इसके हर दोषी पुलिस की गिरफ्त में आ जाएंगे। जबकि एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि चार थानों के अपराध निरीक्षकों को इस प्रकरण में लगाया गया है। इसमें संलिप्त दलालों की खोजबीन जारी है। कई संदिग्धों को मोबाइल फोन के जरिए ट्रेस कर लिया गया है।

  • कागज पर सड़क! 27 लाख गए डकार, अब लटकी तलवार

    कागज पर सड़क! 27 लाख गए डकार, अब लटकी तलवार

    – 1.95 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत हुए थे 27 लाख

    – जिलाधिकारी ने पीडब्लूडी के जिम्मेदार तीन अधिकारियों के विरूद्ध प्रदेश सरकार को लिखा पत्र

    मीरजापुर। जमीन पर भ्रष्टाचार की उखड़ती परते योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस की याद दिला रही हैं। नगर विधानसभा मीरजापुर के कोन विकास खंड में पीडब्लूडी विभाग की ओर से बनाई गई 1.95 किलोमीटर की सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

    विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की। विभागीय जांच में फर्जी सड़क बनाने की बात सही पाई गई। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने जिम्मेदार तीन अधिकारियों के विरूद्ध प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है।

    चिंदलिक से टेढ़वा तक एक किलोमीटर और मल्लेपुर से यादव बस्ती में 0.95 किलोमीटर सड़क पास हुआ। निर्माण कार्य के लिए 27 लाख रुपए की स्वीकृति भी हो गई। 24 जून 2021 को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसका शिलान्यास किया था और सड़क के किनारे शिलापट्ट भी लगा दिया लेकिन अधिकारियों ने कागज पर ही सड़क निर्माण कार्य को पूरा दिखा दिया। इस कार्य में विभागीय अधिकारियों ने ठेकेदार का भरपूर सहयोग किया और सड़क बने बिना ही भुगतान भी कर दिया।

    जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि 2021-22 में दोनों संपर्क मार्ग का निर्माण स्वीकृत किया गया था। जांच में शिकायत सही पाई गई। सड़क निर्माण हुए बिना ही भुगतान करने के लिए पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता संतोष कुमार, सहायक अभियंता सुशील कुमार और अधिशासी अभियंता सुनील दत्त जिम्मेदार हैं। इन सभी पर कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार को पत्र भेजा है।

  • सीबीआई ने कोर्ट में बताया -नियुक्ति भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड पार्थ चटर्जी ही थे, तय करते थे सबकी भूमिका

    सीबीआई ने कोर्ट में बताया -नियुक्ति भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड पार्थ चटर्जी ही थे, तय करते थे सबकी भूमिका

    कोलकाता। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आखिरकार अलीपुर कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट सौपी है। इस मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की भूमिका के बारे में खास तौर पर बताया गया है। केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि खुद पार्थ चटर्जी है । हालांकि सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए वह पर्दे के पीछे से सारा खेल खेलते थे। किसे किस पद पर नियुक्त किया जाएगा, किसे किस पद से हटाया जाएगा, ये पार्थ तय करते थे लेकिन वह हर चीज की योजना इस तरह से बनाते थे कि वह खुद ”पिक्चर” में न हों।

    पार्थ की जमानत मामले पर शनिवार को अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई। यहीं पर सीबीआई ने जमानत का विरोध किया था और कहा था कि पार्थ शिक्षा संबंधी मामलों में किसे नियुक्त किया जाएगा और किसे हटाया जाएगा, इस प्रक्रिया को नियंत्रित करते थे। जिन लोगों ने इस काम में उनकी मदद नहीं की, उन्हें पूर्व शिक्षा मंत्री के गुस्से का सामना करना पड़ा। उन्हें पद से हटा दिया गया।

    सीबीआई के मुताबिक, पार्थ ने अपने घर पर बैठकें कीं और कई लोगों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। केंद्रीय एजेंसी के वकील ने कोर्ट से कहा, ””पार्थ भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त थे। वह इस तरह से अपराध करते थे कि सामने न आए।”” यदि डॉक्टर गलती करता है तो मरीज को नुकसान होता है। लेकिन जिस तरह के अयोग्य शिक्षकों को रुपये लेकर नियुक्त किया गया है, उससे समाज किस दिशा में जायेगा, यह ठीक नहीं है।

    हालांकि, पार्थ के वकील ने सीबीआई के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, ””सीबीआई की दूसरी चार्जशीट में भी पार्थ का नाम नहीं था। तीसरे में, सीबीआई ने एसएससी की एक महिला को मास्टरमाइंड बताया और अब पूर्व शिक्षा मंत्री को लपेट रहे हैं।

  • रिमांड मिलने पर ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शुरू की पूछताछ

    रिमांड मिलने पर ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शुरू की पूछताछ

    रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कड़ी सुरक्षा के बीच होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से लेकर शनिवार को ईडी के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पहुंची। ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू कर दी है।

    उल्लेखनीय है कि ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात गिरफ्तार किया था। इसके बाद एक फरवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिर दो फरवरी को ईडी कोर्ट ने तीन फरवरी से पांच दिनों तक हेमंत सोरेन को ईडी रिमांड पर भेजा दिया था।

    कोर्ट ने ईडी को पुलिस रिमांड के दौरान हेमंत सोरेन का मेडिकल चेकअप कराते रहने का निर्देश दिया था। साथ ही किसी तरह की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना नहीं करने को भी कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने पूछताछ के दौरान हेमंत सोरेन को परिवार के सदस्य और वकील से मुलाकात करने की छूट दी थी। मुलाकात की अवधि 30 मिनट निर्धारित है।

  • अरविंद केजरीवाल के घर दोबारा पहुंची पुलिस

    अरविंद केजरीवाल के घर दोबारा पहुंची पुलिस

    नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर शनिवार को सुबह 10 बजे के करीब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम दूसरे दिन इस संबंध में आरोपों की जांच के लिए केजरीवाल के घर नोटिस लेकर पहुंची। इससे पहले शुक्रवार शाम को भी दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची थी। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता जैस्मीन शाह ने अपराध शाखा के एसीपी पंकज अरोड़ा से नोटिस को लेकर तीखी बहस भी की।

    दरअसल, गत 27 जनवरी को अरविंद केजरीवाल समेत आप नेताओं ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर भाजपा पर यह आरोप लगाया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी मुख्यालय में मंत्री आतिशी, विधायक दुर्गेश पाठक व अन्य ने प्रेस वार्ता कर इस आरोपों को दोहराते हुए कहा था कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के हर एक विधायक को 25-25 करोड़ देने का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा था कि इसकी उनके पास ऑडियो क्लिप है, जिसे सही वक्त आने पर जारी किया जाएगा। मंत्री आतिशी ने कहा था कि सभी विधायकों ने इस ऑफर को साफ मना कर दिया है। पिछले नौ सालों में हमारी सरकार गिराने के लिए इन्होंने कई षड्यंत्र किए हैं लेकिन हर बार असफल हुए हैं। हमारे सभी विधायक पूरी मजबूती के साथ हमारे साथ खड़े हैं। इस बार भी ये लोग अपने नापाक इरादों में फेल होंगे।

    आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए इन आरोपों की जांच के लिए प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत दिल्ली के सांसद व विधायकों ने 30 जनवरी को पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से मुलाकात कर इसकी शिकायत की थी। इसके बाद जांच की जिम्मेदारी अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। अब इस संबंध में जांच में सहयोग करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री आतिशी को नोटिस जारी किया गया है। शुक्रवार को ये दोनों अपने घर पर नहीं मिले थे। जिस वजह से पुलिस टीम लौट आई थी। आज दोबारा नोटिस देने के लिए टीम पहुंची है।

  • मऊ मे “खरी दुनिया” पर फर्जी मुकदमा क़ायम कराने मे सीजेएम सुल्तानपुर के माध्यम से डीपीआरओ से जबाव तलब

    मऊ मे “खरी दुनिया” पर फर्जी मुकदमा क़ायम कराने मे सीजेएम सुल्तानपुर के माध्यम से डीपीआरओ से जबाव तलब

    (ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)


    मऊ ( खरी दुनिया )। “खरी दुनिया” के खिलाफ बिद्वेषपूर्ण अभियोजन कराने मे जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक शुक्ला को लेकर अदालत सख्त है। बीते ३० जनवरी २०२४ को उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने “खरी दुनिया” के आवेदन पत्र पर सुनवाई करते हुए मुख्य दंडाधिकारी सुल्तानपुर् के माध्यम से अभिषेक शुक्ला डीपीआरओ सुल्तानपुर् को नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है।


    उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे विधि विशेषज्ञो मे सुमार अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने गुरूवार को “खरी दुनिया” से बातचीत मे बताया की, खरी दुनिया के खिलाफ बिद्वेषपूर्ण अभियोजन को लेकर अदालत अत्यंत गंभीर है।

    वर्ष २०२२ मे जिला पंचायत राज अधिकारी मऊ द्वारा तथ्यों के बिपरीत जा कर “खरी दुनिया” की खबरों से परेशान होकर जनपद मऊ के थाना कोतवाली मे अपराध संख्या २५७/२२ अंतर्गत धारा ४१९, ४२०,के आरोप मे एक मुकदमा दर्ज कराया था। इस दर्ज प्राथमिकी के अनुसार “खरी दुनिया” की गिरफ्तारी का अधिकार तुरंत नही मिलने के कारण विवेचना दौरान मिथ्या साक्ष्य गढ़ कर विवेचना मे लगा कर “खरी दुनिया” के खिलाफ भा०द्०वि० ४६७, ४६८ और ४७१ की धारा जोड़ कर जेल भेजा गया था।

    मामले मे विवेचक द्वारा अदालत को सुपुर्द किये गये आरोप पत्र को खरी दुनिया द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे चुनौती दी गई है । मामले मे अदालत ने प्रोसीडिंग स्टे का आदेश जारी किया है। बीते ३० जनवरी २०२४ को सुनवाई दौरान अदालत ने “सीजेएम” सुल्तान पुर के माध्यम से नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है। अधिवक्ता सुधीर सिंह ने बताया कि बिद्वेषपूर्ण कार्यवाही करने मे मिथ्या साक्ष्य अब अधिकारियो के जी का जंजाल बन जायेगा।

    बताते चले कि इसी मामले की विवेचना मे तत्कालीन क्षेत्राधिकारी धनंजय मिश्रा ने ग्राम सचिवों से खरी दुनिया को जेल भेजनें के लिए उसके खिलाफ मिथ्या साक्ष्य गढ़े और गधवा कर उसे जेल मे भेजा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि नियत की है।

  • प्रधानों ने फर्जी दर्ज कराए गए मुकदमे में इंसाफ की मांग की

    प्रधानों ने फर्जी दर्ज कराए गए मुकदमे में इंसाफ की मांग की

    बाराबंकी।ग्राम प्रधान संघ ने बैठक पर प्रधानों के उत्पीड़न पर रोष जताते बीडीओ को मांग पत्र सौंपा है।इसी के साथ कोतवाल से मिलकर फर्जी दर्ज कराए गए मुकदमें में इंसाफ की मांग की । 6 फ़रवरी को एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से भी मिलेगा।

    प्रधान संघ जिलाध्यक्ष राम कुमार मिश्रा के साथ प्रधान सभाजीत, चंद्रमौलि, ब्रजेश शर्मा,संजय कुमार,वीरेंद्र कुमार,राजेश अवस्थी,दीपू अवस्थी,हारून,विमलेश कुमार आदि दर्जनों प्रधानों ने ब्लॉक सभागार में बैठक की तथा कहा कि फर्जी शिकायत पर सिलौटा के प्रधान पति पर आवास में पैसा मांगने का मुकदमा लिखाया गया है जो गलत है।जिसने आरोप लगाया है, उसका प्रधान के देवर की दुकान का मौरंग,सीमेंट का पैसा बाकी था, वही प्रधान पति मांग रहे थे।रंजिश में फर्जी आरोप लगाया गया और बिना जांच किए मुकदमा लिखा गया ।

    यदि इसी तरह फर्जी आरोप पर मुकदमा लिखे गए तो प्रधान काम नहीं कर सकेंगे। बैठक में कहा गया कि सिलौटा मामले की निष्पक्ष जांच हो।आवास का पैसा लाभार्थी के खाते में आया था। उसी ने निकाल कर बनाया।इसमें प्रधान पति का कोई रोल नही है । प्रधानों ने यह भी कहा कि अशोकपुर चाचू सराय में लाभार्थी खुद ग्राम समाज की जमीन पर आवास बनाए हुए है जबकि सचिव पर मुकदमा लिखाया गया।गलत मुकदमों में प्रशासन के उच्च अफसरों की कार्यशैली निष्पक्ष नहीं है।सभी प्रधानों ने बीडीओ को एक लिखित पत्र सौंप कर निर्दोषों का उत्पीड़न बंद कराने की मांग की।इसी के साथ कोतवाली जाकर कोतवाल से भी निष्पक्ष जांच करने को कहा। प्रधानों का प्रतिनिधि मंडल 6 फ़रवरी को डीएम से मिलकर अपनी बात कहेगा। यदि उनकी बात पर गौर नहीं किया गया तो सभी प्रधान कार्य नहीं करेंगे।

    कोतवाल रत्नेश पांडेय ने के कहा कि हमारे यहां जो भी मुकदमे लिखे गए हैं । ऊपर से मिले आदेश पर लिखे गए हैं।प्रधान संघ मिलने आया था।हम तो अपने अधिकारियों के आदेश का पालन करते हैं।किसी के खिलाफ अन्याय नहीं होगा।

  • छत्तीसगढ़ में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत समेत कई कारोबारियों के यहां आयकर विभाग का छापा

    रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरजीत भगत के अंबिकापुर स्थित आवास पर आयकर विभाग की टीम ने बुधवार सुबह दबिश दी। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की आयकर विभाग की टीम के अधिकारियों ने भगत के अंबिकापुर स्थित आवास सहित रायपुर और भिलाई के बड़े बिल्डर और कारोबारियों के अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा। भगत का नाम कोयला घोटाले के आरोपितों में शामिल है। विभाग की कार्रवाई से प्रदेश में हड़कंप मच गया है।

    अंबिकापुर स्थित केना बांध इलाके में स्थित और रायपुर विधायक कालोनी स्थित पूर्वमंत्री भगत के घर पर अधिकारी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। भगत के 10 से ज्यादा कारोबारी ठिकानों पर दबिश दी गई है। यह कार्रवाई अंबिकापुर, रायपुर, दुर्ग और भिलाई समेत कई स्थानों पर चल रही है। राजधानी रायपुर के राजीव नगर में चंद्रभान शेरवानी के घर, लॉ विस्टा में कारोबारी अमर होरा के घर , कारोबारी राजू अरोरा, कैलाश बजाज तथा टीटू छाबड़ा के घर पर भी दबिश दी गई है।

    इसके अलावा दुर्ग के बिल्डर अजय चौहान के घर और ऑफिस में में भी छापा मारा गया है । दुर्ग की हनुमंत राइस इंड्रस्ट्रीज , एसके केजरीवाल के घर , भिलाई और तेलीबांधा स्थित संदीप जैन के घर , मारुति सुजुकी एरिना के मालिक संदीप जैन समेत दुर्ग में राइस मिलर विनीत गुप्ता के ठिकानों पर भी छापा मारा गया है।

    बताया गया है कि आयकर विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी व उनके बेटे चैतन्य बघेल के रियल एस्टेट के बिजनेस में पार्टनर पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी छापा मारा गया गया है। टीम पप्पू बंसल के खुर्सीपार भिलाई स्थित निवास पर दस्तावेजों की जांच कर रही है। टीम ने भिलाई के रियल एस्टेट कारोबारी अजय चौहान के इंपीरियल रिसोर्ट में सुबह 5 बजे दबिश दी। यहां पांच अफसर पूछताछ कर रहे हैं। अजय चौहान के कर्मचारियों के मोबाइल फोन अफसरों ने अपने पास रख लिए हैं। अजय चौहान रियल एस्टेट के क्षेत्र में बड़े कारोबारी माने जाते हैं।

  • रायपुर: पुलिस ने दो संदिग्ध वाहनों से 2 करोड़ 64 लाख कैश जब्त किया

    रायपुर /दुर्ग। दुर्ग पुलिस ने बीती देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए दो संदिग्ध वाहनों से 2 करोड़ 64 लाख रुपये नकद कैश जब्त किया है।इसके साथ ही 3 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने घटना की जानकारी दी आयकर विभाग को दे दी है।

    पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले के भठ्ठी थाना क्षेत्र में भिलाई के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सेक्टर वन भिलाई ब्रांच के सामने से थाना भिलाई भट्ठी एवं एसीसीयू की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो कारों की देर रात पुलिस ने तलाशी ली । इस दौरान वाहनों से 2 करोड़ 64 लाख रुपये नकद बरामद किया गया।कार में सवार तीनों की पहचान गोविंद चंद्राकर (57), विशाल कुमार साहू (28) और पंकज साव (30 ) के रूप में हुई है। तीनों से जब पुलिस ने कैश के बारे में पूछताछ की तो वे सही जानकारी नहीं दे सके। करोड़ों रुपये नकदी मिलने के बाद दुर्ग पुलिस ने आयकर विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी है। आयकर विभाग के अधिकारी तीनों आरोपितों से पूछताछ कर रही है।