Category: कुख्यात माननीय

  • जिप अध्यक्ष मनोज राय समेत 8 लोगो पर “एससीएसटी” एक्ट सहित दो अधिनियमों में मुकदमा दर्ज, जाँच शुरू

    जिप अध्यक्ष मनोज राय समेत 8 लोगो पर “एससीएसटी” एक्ट सहित दो अधिनियमों में मुकदमा दर्ज, जाँच शुरू

    — जिला पंचायत सदस्य जीतेन्द्र गोयल के द्वारा मनोज द्वारा गुंडई से अर्जित अबैध संपत्तियों आदि को लेकर ईडी आदि से जाँच को दी गई शिकायत को हमेशा के लिए मिटाने को लक्ष्य बनाकर किये गए हमले को कारण बता रहें है जीतेन्द्र।

    मऊ। जिला पंचायत अध्यक्ष और जिले का गिरोह बंद बदमाश मनोज राय पर अपने गुर्गो से जिला पंचायत सदस्य जीतेन्द्र गोयल ने खुद पर जानलेवा हमला किये जाने का आरोप लगाया है। जीतेन्द्र की तहरीर पर पुलिस ने मनोज सहित कुल अंत लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है. अब मामले को लेकर जिले की नजर पुलिस की कार्यवाही पर टिकी है

    घायलवस्था में थाने से मेडिकल मुआयना के लिए जिला अस्पताल पहुचे जीतेन्द्र गोयल ने मनोज पर यह आरोप मीडिया से बातचीत के दौरान लगाया है। जीतेन्द्र ने मनोज राय के द्वारा अर्जित संपत्ति को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक होने के साथ कई गंभीर आरोप लगाया है। जीतेन्द्र राय पर इसके पहले भी एक बार हमला हो चुका है, जिसकी शिकायत के बाद पुलिस ने कार्यवाही नहीं की थी।

    दुबारा जानलेवा हमला होने के कारणों में मनोज राय और उसके गुर्गो के हौशलो को बुलंद होने को कारणों में गिना जा रहा है। जीतेन्द्र ने मनोज राय और उसके परिवार के अन्य परिजनों के द्वारा आय के ज्ञात स्रोटो से अधिक की संपत्तियों को लेकर ईडी आदि से जाँच के लिए शाशन से लेकर प्रसाशन तक प्रार्थना पत्र दिया है।

    जीतेन्द्र की शिकायत को लेकर प्रसाशन और साशन कही मनोज राय की खामियों को न उजागर कर दे, इस डर से मनोज राय द्वारा एक साजिस के तहत जीतेन्द्र राय को रास्ते से हटाने के लिए अपने गुर्गो से जीतेन्द्र पर खुद की साजिस में जानलेवा हमला करवाया बताया जा रहा है।

    बहरहाल मनोज सहित 8 लोगो के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दिया है। अब लोगो की निगाह पुलीसिया कार्यवाही पर टिकी है।

  • सेक्रेटरी अनुपमा सिंह और ग्राम प्रधान धनंजय सिंह झब्बू आदि पर दर्ज मुकदमे की दुबारा होगी जाँच, अदालत ने दिया आदेश

    सेक्रेटरी अनुपमा सिंह और ग्राम प्रधान धनंजय सिंह झब्बू आदि पर दर्ज मुकदमे की दुबारा होगी जाँच, अदालत ने दिया आदेश


    मऊ। ग्राम पंचायत अहिलाद में पूर्व ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी द्वारा बिना निर्माण सरकारी धनों की की गई बंदर बांट के मामले में दर्ज मुकदमे में विवेचक द्वारा लगाई गई आंख्या पर मुख्य दंदाधिकारी की अदालत ने सवाल खड़ा करते हुए मामले की पुनः विवेचना का आदेश दिया है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड परदहा के ग्राम पंचायत अहिलाद में वर्ष २०२० में विना निर्माण कराये ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने सरकारी धनों को हड़प लिया था। मामले में “खरी दुनिया” ने पत्रकारीय आंदोलन चलाया था, मामले में जाँच हुई और जिला पंचायत राज अधिकारी घनश्याम सागर ने मामले में थाना सराय लखनसी में जलसाजी कर धोखाधडी आदि का मुकदमा क़ायम कराया था।

    मामले में विवेचक रहें पन्ना लाल की जाँच में साबित हों रहें आरोपों को दरकिनार कर विवेचक बने प्रशांत श्रीवास्तव ने मामले एफ आर लगा दी थी। एफआर लगाने के लिए विवेचक ने कई फर्जी साक्ष्य भी अदालत तक दिये है।

    बहरहाल मामले में पुनः विवेचना के आदेश के बाद ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के कान खड़े हों गये है। ग्राम प्रधान का नाम धनंजय सिंह झब्बू, है तो सेक्रेटरी का नाम अनुपमा सिंह है।

  • मऊ में २ करोड़ के घोटाले की जाँच के शासन के आदेश को दबाये बैठा है “डीपीआरओ” दफ्तर

    मऊ में २ करोड़ के घोटाले की जाँच के शासन के आदेश को दबाये बैठा है “डीपीआरओ” दफ्तर

    मऊ। जिले में वर्ष २०२० के सामान्य निर्वाचन दौरान ग्राम पंचायतो में नियुक्त प्रसाशकों के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए २ करोड़ १० लाख २८ हजार से अधिक की धनराशि निकालने के मामले में शासन से १८ अप्रैल २०२४ में जाँच कर कार्यवाही को आदेश को विभाग द्वारा दबा दिये जाने की खबर है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार साशन में जनपद गोरखपुर के ग्राम पंचायतो में वर्ष २०२० के सामान्य निर्वाचन दौरान नियुक्त प्रसाशकों के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए ग्राम पंचायतो के खातो से लाखो लाख डकार लिया गया। इस अनियमितता को लेकर शासन तक पहुंची शिकायत को विभागीय अफसरों ने जाँच में सही पाया।

    शिकायत को जाँच में सही पाए जाने के बाद अटल कुमार राय, निदेशक पंचायतीराज उत्तर प्रदेश सरकार कि ओर से जिले के सभी जिलाधिकारियो के नाम दिनांक १८ अप्रैल २०२४ को पत्र संख्या ६/६७४/२०२४-६/३५४/२०२३ के माध्यम से मामले में जाँच कर कार्यवाही का आदेश दिया गया था।

    मगर मजे कि बात यह रही कि आज तक विभागीय अफसरों ने इस जाँच अपने जिले में खिला ही नहीं। जबकि रानीपुर समेत केवल दो ब्लोको के प्रसाशकों के द्वारा इस दौरान धनराशि नहीं निकाली गई है। ७ बिकास खंडो के ग्राम पंचायतो में उस समय तैनात प्रसाशकों के द्वारा कुल २ करोड़ १० लाख २८ हजार ७४३ रुपये की धनराशि निकाल ली गई। सूत्रों पर यकीन करे तो इस धन से कोई कार्य तक नहीं कराया गया है। सूबे के 74 जिलों के ग्राम पंचायतो में तैनात प्रसाशकों ने बिना काम कराये उतार लिया है लाखो लाख रुपये ।

    खरी दुनिया इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल करने की तैयारी में है।

  • दीवानी प्रकरण : आरोपी की उच्च न्यायालय इलाहाबाद से ख़ारिज अग्रिम जमानत याचिका को भी नहीं पकड़ पाये विवेचक, २ सौ अरोपियो मे से 1 पर चार्जशीट

    दीवानी प्रकरण : आरोपी की उच्च न्यायालय इलाहाबाद से ख़ारिज अग्रिम जमानत याचिका को भी नहीं पकड़ पाये विवेचक, २ सौ अरोपियो मे से 1 पर चार्जशीट

    — मामला दीवानी कचहरी में सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसे तीन अबैध असलहेधारियों को पुलिस के कब्जे से २ सौ अधिवक्ताओं द्वारा छुड़ाने का

    — शहर कोतवाली में अपराध संख्या ६७/२०२४ पर उप निरीक्षक रामाश्रय गुप्ता की तहरीर पर दर्ज है आयुध अधिनियम की धारा ३० और भादवि की धारा १८८ और ३५३ के तहत तीन नामजद और डेढ़ से दो सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा ।

    मऊ। शहर कोतवाली में दर्ज अपराध संख्या ६७/२०२४ के विवेचक की विवेचना में बड़ी लापरवाही की खबर है। आयुध अधिनियम की धारा ३० और भादवि की धारा १८८,३५३ के आरोपित की इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ख़ारिज हुई जमानत याचिका को भी विवेचक नहीं पकड़ पाये है। घटना २८ फ़रवरी २०२४ की है।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते २८ फरवरी २०२४ को दीवानी न्यायालय का सुरक्षा घेरा तोड़कर विधायक लिखे चार पहिया वाहन से अबैध असलहे के साथ घुसे तीन बदमाशों को पुलिस के कब्जे से दो सौ अधिवक्ताओं के द्वारा छुड़ाने का आरोप शहर कोतवाली में अपराध संख्या ६७ में दर्ज है। मामले की विवेचना अजीत दुबे ने की है। बतौर विवेचक अजीत दुबे इस मामले में आरोपित तीन नामजद और डेढ़ से दो सौ अधिवक्ताओं को इस दर्ज आरोप में शामिल होने के प्रमाण तक को नहीं खोज पाए है, जबकि पुरा दीवानी परिसर सीसी टीवी कैमरे से सुस्ज्जित है। अजीत दुबे द्वारा मामले में टीपी सिंह को चार्जशीट दी गई तो वही पर खुद को अपराध में शामिल मानकर अपनी जमानत कराने पहुचे मिथिलेश दुबे की इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक से अग्रिम जमानत याचिका के ख़ारिज होने के भी तथ्य को नहीं पकड़ा जा सका है।

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    एक अधिवक्ता और उसके गिरोह के बुलाने पर दीवानी में तांडव मचाये थे बदमाश

    सूत्रों पर यकीन करे तो विधायक लिखे चार पहिया वाहन से दीवानी में तांडव मचाये तीन अबैध असलहेधारियों को दीवानी का खुद को अधिवक्ता बताने वाले रपेस पाण्डेय काशीष श्रीवास्टब , सुमेत पंडे , कुमेश सिंह ( ये सभी कल्पनिक नाम है ) ने किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बुलाया था। विवेचक द्वारा इन तथाकथित अधिवक्ताओं को बचाने के लिए न तो मामले में आरोपित मिथिलेश दुबे और उसके सगे संबंधियों के मोबाइल नम्बर को खंगाला गया और उसके ख़ारिज अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों को ही पकड़ने की कोशिश की गई।

    विवेचक ने बदमाशों के सीडीआर नहीं खंगाले, वाहन मालिक तक पहुंचने में दीवानी परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरो तक के फुटेज को नहीं खंगाला !

    पुलिस ने वाहन भी किया था सीज, और तीन अबैध असलहेधारियों पर गिरफ्तारी का भी बनाया था दबाव, लेकिन इन अबैध असलहेधारियों के संरक्षक बदमाश और खुद को अधिवक्ता बताने वकील और उसके गिरोह के नाजायज दबाव में विवेचक द्वारा उनके दीवानी न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक से ख़ारिज हुई अग्रिम जमानत याचिका को भी विवेचना दौरान न पकड़ पाने का बहाना बना दिया गया । तीनो बदमाश किसके बुलाने पर? क्यो दीवानी परिसर के सुरक्षा घेरे को तोड़ कर ? परिसर में विधायक लिखे चार पहिया वाहन से घुसे ? विवेचक ने यहा तक पहुंचने में क्यो नहीं उनके मोबाइल सीडीआर और दीवानी परिसर में लगे सीसी टीवी कैमरे के फुटेज को आधार बनाया ? आदि तथ्यों को खरी दुनिया की लीगल टीम द्वारा ३ सितम्बर २०२४ को अदालत में प्रस्तुत किये जाने की तैयारी है।

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  • बार कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष हाजिर रुपेश अपने उपर लगे आरोप का नहीं दे सके जवाब

    बार कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष हाजिर रुपेश अपने उपर लगे आरोप का नहीं दे सके जवाब

    दीवानी कचहरी के अधिवक्ता रुपेश पाण्डेय पर विपक्षी से मिलकर परिवादी का मुकदमा वापस लेने का है आरोप

    मऊ। विपक्षी से मिलकर मुकदमा वापस लेने वाले अधिवक्ता रुपेश कुमार पाण्डेय द्वारा अपने बचाव में आज रविवार को राज्य विधिज्ञ परिषद प्रयागराज में उपस्थित होकर जबाव प्रस्तुत किया गया।
    रुपेश कुमार पाण्डेय पर विपक्षी से मिलकर परिवादी द्वारा माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल मुकदमे को वापस लेने का आरोप है। रुपेश पाण्डेय द्वारा इस मुकदमे को वापस लेने से पहले परिवादी के खिलाफ जिले के एक गिरोहबंद बदमाश से मिलकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    रुपेश पाण्डेय के द्वारा परिवादी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद बिना परिवादी की सहमति के विपक्षी से मिलकर उसके मुकदमे वाप ले लिए गये है, इसी आरोप को लेकर परिवादी द्वारा बार कौंसिल में की गई शिकायत की सुनवाई में बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुसाशन समिति ने अधिवक्ता अधिनियम की धारा ३५ के तहत जवाब तलब किया था। रुपेश द्वारा अपने जवाब में आरोप के मुताविक कोई तथ्यगत जवाब देने के बजाय परिवादी द्वारा फेसबुक पर बिना नाम की गई टिप्पड़ियों और उसके उपर दर्ज फर्जी मुकदमो की सूची दी गई है। परिवादी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने रुपेश पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत जवाब की एक प्रति स्वीकार की हैं ।

    अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि रुपेश पाण्डेय ने जो जवाब अनुसाशन समिति के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उसकी एक प्रति प्राप्त कराई गई है, उसमे उनके द्वारा अपने उपर लगे आरोप को स्वीकार कर लिया गया है। जल्द ही रुपेश के जवाब का प्रति उत्तर बार कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जायेगा।

  • 1 करोड़ 43 लाख की लगत से निर्मित नगर की सईदी रोड पर गड्ढों की भरमार, चलना हुआ दूभर

    1 करोड़ 43 लाख की लगत से निर्मित नगर की सईदी रोड पर गड्ढों की भरमार, चलना हुआ दूभर

    पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मम्मद तैयब पालकी के कार्यकाल में निर्मित है सड़क

    मऊ। दो साल पहले नगरपालिका परिषद द्वारा बनवाई गई नगर की सईदी रोड पर इन दिनों बने गड्ढे सड़क निर्माण के मानक की पोल खोल रहें है। यह सड़क पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुहम्मद तैयब पालकी के कार्यकाल में निर्मित है। अब इस सड़क पर पैदल या फिर वाहन से चलना नगर का दुरूह कार्य है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर पालिका परिषद के द्वारा वर्ष 2022 में निर्मित नगर की सईदी रोड पर कन दिनों गड्ढों की भरमार है।

    गड्ढे इतने है कि आप गिन नही सकते, इस सड़क के निर्माण में नगर पालिका परिषद ने करीब 01 करोड़ 43 लाख खर्च किया है

  • मऊ में नही चलेंगे अबैध हॉस्पिटल्स, विभागीय अफसरों के साथ जाँच को उतरे सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस क्षेत्राधिकारी

    मऊ में नही चलेंगे अबैध हॉस्पिटल्स, विभागीय अफसरों के साथ जाँच को उतरे सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस क्षेत्राधिकारी

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय /सरफराज अहमद )

    मऊ। जिले में अबैध रूप स्व संचालित हॉस्पिटल्स की जिलाधिकारी द्वारा हफ्तेभर पहले दी गई जाँच आज शनिवार को नगर मजिस्ट्रेट और नगर क्षेत्राधिकारी के सहयोग से धरातल पर उतर गई है। नगर मजिस्ट्रेट के अथक प्रयास ने सीएमओ को उनके साथ जाँच में इतरने को बाध्य कर ही दिया। जाँच के पहले दिन भीटी इलाके के जीवन ज्योति अस्पताल की खामियों को नगर मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र कुमार और पुलिस नगर क्षेत्राधिकारी मऊ ने सीएमओ के साथ जांचा । हॉस्पिटल विभाग की कृपा से बेसमेंट में संचालित हों रहा था।


    उल्लेखनीय है कि जिले में अबैध रूप से संचालित अस्पतालो में सुमार प्रकाश,सत्यम, राहुल हॉस्पिटल्स साहित दर्जनों अस्पतालो को लेकर पूर्व में प्रकाशित खबरों को जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र द्वारा गंभीरता से लेते हुए मामले की जाँच का आदेश दिया गया था।

    जाँच के आदेश में सीएमओ द्वारा खुद की खामियों को छुपाते हुए जाँच कोशीर अधिकारियो से सम्पर्क नही किया जा रहा था।

    नगर मजिस्ट्रेट द्वारा सार्वजनिक तौर पर सीएमओ आदि पर जाँच में सहयोग न करने की शिकायत किये जाने के बाद सीएमओ के कान पर शनिवार को जु को रेंगते हुए देखा गया।

    जाँच टीम में समस्त उपजिलाधिकारियो को इलाकेवाइज शामिल करने का आदेश था, नगर में सीएमओ को नगर मजिस्ट्रेट के साथ रहना था। सीएमओ अबैध हॉस्पिटलों को संरक्षण में जाँच के बाबत नगर मजिस्ट्रेट से जानबूझकर सम्पर्क में नही आ रहें थे, बीते दिनों नगर मजिस्ट्रेट द्वारा पत्रकारों के एक सवाल के जबाब में सीएमओ को सम्पर्क में नही आने को लेकर जाँच को प्रभावित होने जैसी बातें कही गई।

    सिटी मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र कुमार जी का कथन खबरों के माध्यम से वायरल हुआ तो सीएमओ को डीएम का आदेश याद आया और वह शनिवार को नगर मजिस्ट्रेट के साथ जाँच में दिखे ।

    शनिवार को जाँच की जद में भी टी इलाके का जीवन ज्योति अस्पताल रहा, अस्पताल बेसमेंट में संचालित हों रहा था। नगर मजिस्ट्रेट ने बेसमेंट संबंधित भवन को देखा और आगे की कार्यवाही करने को कहा। उधर जाँच के दौरान नगर मजिस्ट्रेट और क्षेत्राधिकारी पुलिस श्री अंजनी कुमार मिश्र के समक्ष पैरवी भी देखी गई। अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही न हों इसके लिए जाँच के बींच आये डा सी एस चौहान को अपनी दलीलो के साथ वापस जाना पड़ा।

    जांच में फंस रहें हॉस्पिटल प्रबंधन की पैरवी में उतरे एक ब्यक्ति साहित दो हिरासत में

    अबैध् हॉस्पिटलो की जाँच के पहले दिन शनिवार जीवन ज्योति हॉस्पिटल के प्रबंधन को कापते देखा गया। हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड करने वाले गैर प्रशिक्षित ब्यक्ति को जहा जाँच दल ने पुलिस को सौप दिया वही हॉस्पिटल प्रबंधन कोई कार्यवाही न करे इसके लिए सूबे के एक मंत्री का खुद आदमी बताकर फोन पर बात कराने पहुचे ब्यक्ति को भी पुलिस ने अपने कब्जे कर लिया ।

    कोचिंग सेंटर साहित पूर्वहन तक दो सस्थानों की हुई जाँच

    जाँच के दौरान हॉस्पिटल के बगल में अबैध तरीके से संचालित हों रही कोचिंग सेंटर को भी मजिएटरत ने सीज कर दिया है। अबैध हॉस्पिटलो और कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के निर्देशन में चलाये जा रहें जाँच में शनिवार को पूर्वहन एक हॉस्पिटल साहित दो सेंटर्स की जाँच की गई है। जाँच को देखकर इलाके में चल रहें अबैध हॉस्पिटलों के संचालको में हड़कंप जैसी स्थिति देखने को मिल रही है।

  • मऊ मे बिना काम कराये ग्राम प्रधान देवदह लोगो के नाम बांट रही मजदूरी, घोटाला

    मऊ मे बिना काम कराये ग्राम प्रधान देवदह लोगो के नाम बांट रही मजदूरी, घोटाला


    — पंचायत के खाता संख्या १५९ की पोखरी प्रथम मे कार्यक्रम अधिकारी ने पकड़ी खामिया, अब तक नही हुई एफ आई आर

    मऊ। विकास खंड रत्नपुरा के ग्राम पंचायत देवदह की ग्राम प्रधान और सचिव व तकनीकी सहायक के द्वारा ग्राम प्रधान के भाई भतीजो के नाम भी मजदूरी निकाले जाने की खबर है। मनरेगा से ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए जिओ टैगिंग के बिपरीत जा कर सरकारी धनों की बंदर बांट की गई है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह के ग्राम प्रधान और सचिव व तकनीकी सहायक ने मिलकर मनरेगा से कार्य कराने के नाम पर ऐसे लोगो भी मजदूरी दी है जिनका जिओ टैगिंग से दूर दूर तक वास्ता सरोकार तक नही है।

    ग्राम प्रधान और सचिव ने ऐसे लोगो को भी भुगतान किया है जिन्होंने काम तक नही किया है, लेकिन उनके खाते मे कार्य कराये गये दिवस मे कार्यस्थल से कोई लेना देना नही है, ये मजदूर कार्य स्थल पर भी जिओ टैगिंग मे नही है। पंचायत के गाटा संख्या १५९ पर मनरेगा के तहत खुदवाई गई पोखरी प्रथम मे ग्राम प्रधान ने १८८ मजदूरों को मजदूरी दे दी है।

    इसमे ऐसे लोग भी शामिल है जो कार्य स्थल पर कभी गये तक नही है। कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा ने केशर चौहान को पत्र जारी कर जबाव तलब किया है, लेकिन ग्राम प्रधान के ऊँचे राजनितिक रसुख के कारण मामले मे न तो विधिक कार्यवाही हों रही है और न ही विभागीय कार्यवाही।

    ग्राम प्रधान और सचिव मनरेगा मे कार्य को लेकर पदीय अधिकारों कि आड़ मे मनमानी करते हुए ग्राम प्रधान तक के रिस्तेदारो के नाम तक मजदूरी निकालने मे लगे है।

  • बलिया मे केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक नही दे रहे अपनी करतूत का साक्ष्य, बीएसए ने जारी किया रिमाइंडर

    बलिया मे केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक नही दे रहे अपनी करतूत का साक्ष्य, बीएसए ने जारी किया रिमाइंडर

    केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बलिया के साथ मऊ मे भी तकनीकी सहायक के पद पर करते थे नौकरी, शिकायत बाद मऊ मे चक्रधारी ने दिया रिजाइन


    (ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)
    मऊ/ बलिया। जनपद बलिया और मऊ मे दो स्थानों के सरकारी विभाग मे सेवा के बदले वेतन हड़पने वाले चक्रधारी सिंह के पिता और उनके उस विद्यालय के प्रबंधक केशव सिंह आज़ाद बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उनकी नियुक्ति के बाबत मांगी जा रही सूचनाओ को देने से भाग रहे है। बी एस ए ने इन्हे दुबारा रिमाइंडर प्रेषित किया है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार जनपद बलिया के रसड़ा के कैंसो के केशरी देवी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे जनपद मऊ के डीसी मनरेगा के अधीन तकनीकी सहायक के पद पर तैनाती के तथ्य को छुपाकर विद्यालय से सेवा के बदले चक्रधारी सिंह वेतन आहरित कर रहे थे तो वही पर डिसी मनरेगा के यहा भी इस तथ्य को की वह केशरी देवी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कैंसो मे भी सेवा के बदले मे वेतन आहरित करते है को छुपा कर डिसी मनरेगा से भी वेतन आहरित कर रहे थे। चक्रधारी सिंह के इस कृत्य का खुलासा उनके ही गाव के दुष्यन्त ने सबसे पहले डिसी मनरेगा को शिकायती पत्र देते हुए कार्यवाही की मांग की थी। दुष्यन्त के इस पत्र के बाद दोनो तरफ से घिरे चक्रधारी सिंह ने डिसी मनरेगा मऊ के अधीन तकनीकी सहायक के पद से इस्तीफा दे दिया था।

    इस्तीफे का बाद चक्रधारी के खिलाफ सरकार के साथ छल करने और छल के साथ दोनो स्थानूनसे लिए गये वेतन की रिकवरी को बिभागीय अफसर ने चक्रधारी के खिलाफ अन्य जरूरी कार्यवाहियो को विराम लगा दिया था। विभागीय अफसर डिसी मनरेगा के इस कृत्य को लेकर खरी दुनिया ने जब शिकायत दी तो मुख्य विकास अधिकारी से लेकर डिसी मनरेगा भी हरकत मे आ गये और बेसिक्ष शिक्षा अधिकारी बलिया को पत्र लिखकर उनके द्वारा तथ्य छुपा कर केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय मे की जा रही नौकरी के साक्ष्य को तलब करते हुए आंख्या तलब की।

    सीडीओ और डीसी मनरेगा मऊ के जबाब तलब किये जाने के बाद केशरी देवी बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कैंसो रसड़ा बलिया के प्रबंधक केशव सिंह आजाद को बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने मामले मे रिपोर्ट तलब की। पहले पत्र के बाद प्रबंधक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को जबाब नही दिया तो उनके द्वारा बतौर रिमाइंडर द्वारा पत्र भी जारी कर दिया गया है। समाचार दिये जाने तक प्रबंधक ने अपने कर्मचारी चक्रधारी सिंह से संबंधित रिकॉर्ड को अभी तक मऊ सीडीओ और डीसी मनरेगा मऊ को उपलब्ध नही कराया है।

    बिद्यालय के प्रबंधक है चक्रधारी के पिता

    केशरी देवी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैंसो रसदा जनपद बलिया मे चक्रधारी सिंह की नियुक्ति उनके पिता और बिद्यालय के प्रबंधक केशव सिंह आज़ाद ने यह जानते हुए कि उनके द्वारा अपने पुत्र पाल्या चक्रधारी सिंह की नियुक्ति अविधिपूर्ण है, उन्होंने अपने प्रबंधकीय कार्यकाल मे उनकी नियुक्ति की है।

    चकरधारी सिंह से इस तथ्य को छुपाकर डीसी मनरेगा मऊ के अधीन तकनिकी सहायक के पद पर भी नौकरी की आयु पुरी कर रही रहे थे कि उनका गाव के दुष्यन्त से ठन गई। दुष्यन्त ने चकरधारी सिंह के इस तथ्यगोपन का खुलासा करते हुए डीसी मनरेगा मऊ को शिकायत कर दी ।

    अब चक्रधारी पर दोनो जिलों मे तथ्यगोपान कर सरकारी धन को छल से हड़पने के आरोप मे विधिक और रिकवरी की कार्यवाही को तलवार लटकने लगी है। इसी कार्यवाही मे विलम्ब को लक्ष्य बनाकर अब उनके पिता और केशरी देवी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कंसो बलिया के प्रबंधक द्वारा अपनी करतूत को छुपाने के पदीय अधिकारों का दुरूपयोग किया जा रहा है।

  • मऊ के जेपी शिक्षण प्रशिक्षण सस्थान पर कभी भी लग सकता है ताला, जांच मे १३२ की प्रॉपर्टी पर होने की शिकायत हुई सही

    मऊ के जेपी शिक्षण प्रशिक्षण सस्थान पर कभी भी लग सकता है ताला, जांच मे १३२ की प्रॉपर्टी पर होने की शिकायत हुई सही

    (ब्रह्म नंद पाण्डेय)

    मऊ। जिले के मुहम्मदाबाद तहसील ले राजस्व ग्राम फतेहपुर कर्मी के वृक्षारोपड की जमीन पर पर इलाकाई एक दबंग द्वारा तथ्यों को छुपाकर बनवाये गये भवन पर राम करन इंटर कॉलेज और जेपी शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान पर कभी भी गाज गिर सकती है। खरी दुनिया ने विद्यालय प्रबंधक जेपी यादव की इस अपराधिक कारस्तानी को लेकर डीएम मऊ आदि से लिखित शिकायत की करते हुए जनहित मे खबरे भी प्रकाशित की थी।

    पुब्लिश् खबर

    खरी दुनिया के द्वारा दिये गये शिकायती पत्र को उप शिक्षा निदेशक जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान मऊ ने उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद से मामले मे आंख्या तलब किया गया। उप शिक्षा निदेशक के इस पत्र के बाद खरी दुनिया ने भी उपजिलाधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए कार्यवाही की अपेक्षा की थी।

    मंगलवार को तहसील सूत्रों ने बताया कि मामले मे की गई शिकायत जाँच मे सही पाई गई है। उप जिलाधिकारी मामले मे कभी भी उप शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट कर सकते है। बताते चले कि बीएसए, डायट प्राचार्य, निदेशक की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर जेपी ने उपरोक्त दोनो सस्थानो की मान्यता एक ही बिल्डिंग पर ली थी।

    अब जब खरी दुनिया ने इसके कुकृत्यो से पाठको को अवगत कराते हुए कार्यवाही के रास्ते मे उतरा है तो इसको भी सही और झूठ मे अंतर के स्वाद की जानकारी हो रही होगी।

    बीते वर्ष कब खरी दुनिया जिले के गिरोह बंद के कुकर्मो से पाठको को अवगत करा रहा था, उसी दौरान ओस दबँग जेपी के कारनमे खरी दुनिया के हाथ लगे थे, तो यह भी गिरोहबंद के पाले मे जाकर “खेल” खेलने लगा था।